बिहारशरीफ, 21 जून 2023 : 9 वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को स्थानीय बिहार अराजपत्रित प्रारम्भिक शिक्षक संघ भवन, भैंसासुर के परिसर में प्रातः 5 बजे से भारतीय संस्कृति और ऋषि-मुनियों की विरासत को लेकर श्रद्धा के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। सभी कार्यक्रम शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में योग-ध्यान और प्राणायाम संपन्न करवाया गया।
योग शिक्षक डॉ. सत्येन्द्र प्रसाद ने योग क्रिया एवं खडे होकर एवं बैठ कर कई आसन जैसे- ताड़ासन, वृक्षासन, चक्रासन, पद्मासन, त्रिकोणासन, पादहस्तासन, भद्रासन, वज्रासन, शशांकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, उत्तानपादासन, अर्द्धहलासन, पवनमुक्तासन, शवासन एवं हास्यासन कराते हुए सूक्ष्मता से बताया। साथ में योग साधक शिक्षकों ने योग के एक-एक आसन बताए और उनके सहयोगियों ने लोगों को क्रियात्मक रूप से योग-प्राणायाम किया।
मौके पर अध्यक्षता करते हुए शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय कुमार सिन्हा ने कहा- भारत को विश्व में योग गुरु कहा जाता है। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। योग का अभ्यास शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति देता है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जिसका प्रसार अब विदेशों तक हो रहा है।
मौके पर योग साधक शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि योग से विज्ञान का गहरा संबंध है। योग से अपने शरीर में उत्पन्न तरंग, ऊर्जा और आवेग को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में आज 21 जून को 9 वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी योग दिवस को एक थीम दी गई है, इस बार का योग दिवस काफी खास और ऐतिहासिक है। इस वर्ष की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ है। उन्होंने कहा योग-व्यायाम, प्राणायाम और ध्यान भारतीय समाज में हज़ारों साल पहले विकसित हुआ था। योग से मानव का शरीर ही नहीं बल्कि मन, कर्म और वचन की शुद्धि होती है। योग क्रिया हर एक उम्र के व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार करनी चाहिए। ताकि मानव का मन, कर्म और वचन शुद्ध व संतुलित हो सके। आज पूरी दुनिया भर के लोग योगाभ्यास कर रहे हैं।
योग शिक्षक डॉ. सत्येन्द्र प्रसाद ने योग क्रिया कराते हुए कहा- योग का उद्देश्य मन, शरीर और आत्मा के बीच पूर्ण सद्भाव पैदा करना है। यह एक माध्यम है जो आपको अधिक अच्छे प्राप्त करने में मदद करता है। योग आपके शरीर को अधिक लचीला बनाता है क्योंकि मांसपेशियों में लगातार विस्तार होता है और अनुबंध होता है। यह केवल पुराने दर्द को कम नहीं करता बल्कि दर्द सहनशीलता के स्तर को भी बढ़ाता है।
योग साधक शिक्षक शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि योग की परिभाषा से महत्वपूर्ण है योग का प्रयोग। जब तक प्रयोग नहीं करेंगे तब तक उसका लाभ नहीं मिलेगा। योग हमारे जीवन में उत्प्रेरक का कार्य करती है। योग वह विद्या है जो हमें योग्य बनाता है।
योग साधक शिक्षक विवेकानन्द सविता ने कहा कि करो योग रहो निरोग, यह सिर्फ श्लोगन मात्र नहीं है बल्कि यह योग के महत्व को दर्शाता है। योग करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। तथा आधुनिक युग में तनाव और चिंता को कम करने के लिए यह रामबाण है। यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है, जिससे आप स्वस्थ रह सकते हैं।
इस दौरान योग साधक धीरज कुमार, सतीश प्रसाद, मो.अरशद इमाम, सूर्यनन्दन चौधरी, शम्भू पासवान, मनोज कुमार, अखिलेश कुमार, पिन्नु कुमार, विजय पासवान, सुनील कुमार, शिवालाक पासवान, उमाशंकर चौधरी, राजेश कुमार रंजन, प्रभु रविदास सहित सैकड़ों योग साधकों ने भाग लिया।