जिला में बाल तरंग होमियोपैथिक चिकित्सा के प्रवर्तक के रूप में ख्यात डॉ संजय कुमार की असामयिक मौत से पूरे जिले में शोक की शोक की लहर छा गई है। अभी डॉ संजय का विकल्प नजर नहीं आ रहा है। इनके बिहारशरीफ के मंगलानगर स्थित आवास व क्लिनिक पर लोग उनके शोक-संतप्त परिवार से मिल कर सहानुभूति और संवेदना व्यक्त कर रहे हैं। इसी क्रम में स्थानीय कमरुद्दीनगंज स्थित पत्तिचंद्र भवन में डॉ विजय कुमार भारती की अध्यक्षता में एक शोक सभा आयोजित की गई। इस सन्दर्भ में होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ अरुण कुमार मयंक ने कहा कि नालंदा जिला में डॉ संजय अनपैरेलल थे। यहां एलोपैथिक, होमियोपैथिक,आयुर्वेदिक चिकित्सकों से लेकर देशी झाड़-फूँक करने वाले चिकित्सक भी मौजूद थे , लेकिन कोई बाल तरंग होमियो चिकित्सक नहीं था।
इनके यहाँ पूरे बिहार से रोगी आते थे इसके अलावा झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के सैकड़ों रोगी भी ऑनलाइन बाल तरंग होमियो चिकित्सा कराते थे। डॉ संजय की मौत ने पीड़ित मानवता से एक बहुत बड़ा चिकित्सक छीन लिया है। किसान नेता जगलाल चौधरी ने कहा कि डॉ संजय की मौत से अपूरणीय क्षति हुई है। पीड़ित जनों ने अपना एक प्रिय एवं योग्य चिकित्सक खो दिया है। होमियोपैथी की भांति ही बाल तरंग चिकित्सा पद्धति एक मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति बनकर रहेगी। होमियोपैथिक प्रेमी वैद्य देवकांत कश्यप ने कहा कि डॉ संजय के क्लिनिक में जिन हजारों रोगियों के बाल होमियोपैथिक दवाओं में डाल ट्यूब बंद रूप में रखे हुए हैं, अब उन रोगियों की आस पूरी कौन करेगा– यह एक यक्ष प्रश्न है ? सभा की अध्यक्षता करते हुए डॉ विजय कुमार भारती ने कहा कि किसी योग्य होमियोपैथिक चिकित्सक को डॉ संजय के बाल तरंग चिकित्सा पद्धति से होमियोपैथिक इलाज के काम को आगे बढ़ाना चाहिए और यही डॉ संजय के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।