यौन शिक्षा, माहवारी, एड्स, कैंसर जैसे विषय पर नालंदा कॉलेज में सेहत केंद्र के द्वारा आयोजित परिचर्चा में प्रसिद्ध फिजीसीयन डॉ श्याम नारायण प्रसाद, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुनीति सिन्हा एवं नेत्र रोज विशेषज्ञ डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने छात्रों के साथ संवाद किया। इस स्वास्थ्य परिचर्चा का आयोजन का उद्देश्य किशोरावस्था के बाद आने वाले शरीरिक और मानसिक बदलाव के बारे मे युवाओं को जागरूक करना था। इस बारे में बताते हुए सेहत केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ बिनीत लाल ने कहा की उम्र के इस दहलीज पर वह शारीरिक और मानसिक सामंजस्य कैसे स्थापित करे, इसके लिए कॉउंसलिंग जरुरी होता है और इसलिए उनका मार्गदर्शन करने के लिए इस सत्र को किया गया। डॉ लाल ने कहा की बिहार सरकार ने नालंदा जिला में एकमात्र सेहत केंद्र नालंदा कॉलेज में खोला है जो स्थापना काल से ही युवाओं के बीच प्रतियोगिता एवं अन्य माध्यमों से सक्रिय रहा है।संवाद मे डॉ सुनीति सिन्हा ने विशेष रूप से लड़कियों को होने वाली समस्या के बारे में विस्तार से बताया। छात्रों ने माहवारी मे होने वाले दर्द,
हार्मोनल बदलाव, ब्रेस्ट कैंसर आदि विषयों से संबंधित सवाल भी पूछे। डॉ श्याम नारायण प्रसाद ने अपने कॉलेज दिनों को याद करते हुए कहा की आज के युवा के पास ज्यादा विकल्प हैं इसलिए उनकी मानसिक एवं शारीरिक परिपक्वता अहम है। उन्होंने युवाओं से अनुशासित जीवन जीने की अपील की एवं कहा की भ्रांतिओं से बचने के लिए अच्छे संसर्ग में रहें। डॉ अरविंद कुमार सिन्हा ने छात्रों को आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बारे में बताया साथ ही अपील कि की युवाओं को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी मोमेंटो, पुस्तक एवं प्रमाण पत्र देकर पुरस्कृत किया। प्राचार्य डॉ राम कृष्ण परमहंस परिचर्चा में उपस्थित नहीं रहने के कारण कार्यक्रम के लिए अपनी सुभेक्षा संदेश के माध्यम से प्रेषित किया। अंत में इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ रतनेश अमन ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए इतने व्यस्त समय में भी परिचर्चा में भागीदारी के लिए अतिथियों का आभार जताया। इस अवसर पर डॉ प्रभास कुमार, डॉ श्याम सुंदर प्रसाद, डॉ श्रवण कुमार, डॉ शाहिदुर् रहमान, डॉ शशांक शेखर झा आदि शिक्षक भी मौजूद थे।