राजगीर के उदयगिरि पर्वत पर मिली दो गुफाएं, पुरातत्व विभाग द्वारा जांच पड़ताल जारी |राजगीर के कण कण में है मगध साम्राज्य का ऐतिहासिक अवशेष, राजगीर।ऐतिहासिक, पौराणिक एवँ पुरातात्विक प्राचीन नगरी राजगीर के कण कण में निरंतर ऐतिहासिक, पुरातात्विक अवशेष मिलने से ही एहसास होता है कि यह धरती गौरवशाली अतीत की धरती है। इतिहासज्ञ से लेकर पुरातत्वविदों के द्वारा प्राचीन मगध की राजधानी राजगीर में अनेकानेक ऐतिहासिक अवशेषों की बात लगातार सुनने को मिलती है। प्राचीन राजगीर के उदयगिरि पर्वत श्रृंखला में ऐसे ही दो प्राचीन गुफाओं की खोज राजगीर के युवाओं ने की है जो की सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही है। जिन युवाओं के द्वारा इस गुफा की खोज की जा रही है वे राजगीर के टूरिस्ट गाइड संजय कुमार हैं जिन्होंने अपने निरंतर प्रयास से पूरी दुनिया के सामने इन प्राचीन गुफाओं को लाया है।उदयगिरि पर्वत के श्रृंखला में वनगंगा से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर इन गुफाओं का पता चला है जो कि चोरमा एवँ डोहरा गांव के बीच है।पहली गुफा पचास फिट लंबी,आठ फिट चौड़े व्यास और बारह फिट की ऊंचाई की है जिसके अंदर कहीं न कहीं ऐतिहासिक तथ्य छुपे हुए हैं।वही थोड़ी दूर पर दूसरी गुफा है जो कि लगभग नब्बे फीट लंबा और आठ फीट चौड़ाई की है और ऊंचाई लगभग नौ फीट है।पहली गुफा अंदर जाकर बंद है जबकि दूसरी गुफा में पर्वत के ऊपर की ओर निकलने का रास्ता है।
गुफा की खोज करने वाले टूरिस्ट गाइड संजय कुमार ने बताया कि ऐतिहासिक,प्राचीन नगरी में अवशेषों की खोज के वे शौकीन है,इसी क्रम में अपने साथियों अनमोल वर्मा एवँ अनुज कुमार प्रजापति के जब उदयगिरि पर्वत पर खोज शुरू की तो इस गुफा का पता चला।उन्होंने कहा कि वे इस गुफा की खोज पर काफी प्रसन्न हैं और आगे भी ऐतिहासिक तथ्यों की खोज में निरंतर कार्य करेंगे।टुरिस्ट गाइड के सूचना के उपरांत पुरातत्व विभाग की टीम भी गुफा निरीक्षण करने पहुंची।सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद श्री शंकर शर्मा ने बताया कि गुफा का मिलना पुरातात्विक दृष्टि से काफी प्रसन्नता का विषय है।गुफा से जुड़े सभी ऐतिहासिक, पुरातात्विक पहलुओं की जांच की जा रही है।वही अखिल भारतीय जरासंध अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलन सिंह चंद्रवंशी एवँ राष्ट्रीय महासचिव श्याम किशोर भारती ने कहा कि प्राचीन राजगीर मगध साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास की धरती है,यहाँ के कण कण में इतिहास विद्यमान है।राजगीर में मगध के राजा जरासन्ध से जुड़े दर्जनों अवशेष और ऐतिहासिक महत्व के पुरातात्विक धरोहर है जो उपेक्षित है।उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इन गुफाओं का अध्ययन कर पूरी दुनियां के नक्शे पर सामने लाकर और इन स्थलों का विकास कर देशी विदेशी पर्यटकों के लिए चालू किया जाना चाहिए ताकि पूरा विश्व राजगीर के महत्व को समझ सके।