बिहार शरीफ ।बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर देवी सराय स्थित सन्नु मीनू अंबेडकर निवास में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित प्रसिद्ध अंबेडकरवादी कुमारी मनोरमा ने कहा कि बाबा साहब वंचितो मजलूमों ,गरीबों , शोषितो के मसीहा थे। वे अंधों की आंख और बेजुबानों के जुबान थे। बाबा साहब संविधान निर्माता के रूप में युगों युगों तक याद किए जाते रहेंगे। वे एक देशभक्त के साथ-साथ एक सफल पत्रकार बौद्ध गुरु एवं महान शिक्षाविद के रूप में गरीबों के हृदय में जीवित रहेंगे। वही मौके पर उपस्थित जाने माने समाजसेवी तथा सद्भावना मंच (भारत )के संस्थापक दीपक कुमार ने कहा कि बाबा साहब जाति कुप्रथा के खिलाफ थे। वे समतामूलक समाज की स्थापना करना चाहते थे।उन्होंने कहा कि अछूत बिजली का तार होता है जिसके छूने से स्पर्शाघात हो सकता है और मनुष्य का प्राण जा सकता है। अछूत कोई व्यक्ति नहीं होता। उन्होंने कहा कि सभी मनुष्य को सम्मान पूर्वक जीवन जीने का हक है । एक सभा में बाबा साहब ने कहा था कि किसने बनाया है किसी को नीचे किसी को ऊंच? क्या ईश्वर ने, नहीं नहीं हरगिज वो ऐसा नहीं कर सकता। वह तो सबको समान रूप से जन्म देता है वास्तव में यह बुराई तो मनुष्यों ने ही पैदा की है पर मैं इसे समाप्त कर रहुगा । उन्हे लोग मूकनायक के रूप में भी जानते है । मौके पर सोनम अनुराधा ने कहा कि बाबा साहब ने अपने संपूर्ण जीवन में दलितों , वंचितों और हाशिए पर रह रहे लोगों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष करते रहे ।उन्होंने छुआछूत के खिलाफ अनेकों आंदोलन चलाया ।बाबा साहब को पूरी दुनिया में करोड़ों लोग अपना आदर्श मानते हैं। उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर पूरी दुनिया भर में अंबेडकर प्रेमियों एवं प्रख्यात समाज सुधारको ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ अंबेडकर को श्रद्धांजलि
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