पद्मश्री अनूप जलोटा, डॉ सोमा घोष, सुदेश भोंसले, मधुश्री और सत्यम आनंदजी जल्द लेकर आ रहे हैं अनोखा भजन “भगवन मेरे भगवन”
आज कोरोना काल में पूरा विश्व निराशा और हताशा के के हालात में डूबा हुआ है। ऐसी सिचुएशन में सिंगर कम्पोज़र सत्यम आनंदजी ने अपनी दिल को छू लेने वाली धुन और जादूई आवाज़ से लोगों के मन में उम्मीद का दिया जलाने की एक खूबसूरत कोशिश की है। उनका जल्द ही एक भजन “भगवन मेरे भगवन” रिलीज होने जा रहा है जिसमें म्यूज़िक जगत के चार और बड़े सिंगर्स की आवाज़ भी शामिल है पद्मश्री अनूप जलोटा, डॉ सोमा घोष, सुदेश भोंसले और मधुश्री भट्टाचार्य। जल्द ही इसका वीडियो आउट किया जाएगा जिसमें इन चारों महान सिंगर्स के साथ सत्यम आनंदजी भी दिखाई देंगे।
सत्यम आनंदजी ने इसे कम्पोज़ किया है और गाया है। “इस मुसीबत से बचाओ भगवन, फिर किसी रूप में आओ भगवन” इस तरह के लिरिक्स सुखनिधन मिश्रा ने लिखे हैं। आज के हालात पर यह भजन है। जिसमें भगवान से प्रार्थना की जा रही है कि हमें इन मुश्किल हालात से बाहर निकाल दे भगवान। इस भजन का आईडिया उन्हें कैसे आया, इसपर सत्यम ने बताया कि लगभग एक डेढ़ साल से हम म्यूजिशियन भी घर पर बैठे हैं, स्टेज शोज़ नहीं हो रहे हैं। मैं कोरोना काल की सिचुएशन पर एक गीत बनाना चाह रहा था। कई लोगों ने कोविड को लेकर मजाक मस्ती वाले गाने बनाए मगर मैंने सोचा कि यह एक सीरियस मामला है इसलिए ऐसा भजन क्रिएट किया जाए जिसमे ईश्वर से इस मुसीबत से बाहर निकालने की प्रार्थना हो।”
इस भजन को जब वह कम्पोज़ कर रहे थे तो उन्हें ख्याल आया कि क्यों न इस भजन को कई बड़े सिंगर्स एक साथ गाएं ताकि यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। पहले उन्होंने अपनी आवाज़ में गाकर इसका ऑडियो अपने गुरु अनुप जलोटा को भेजा। उन्होंने सुनकर सत्यम को मैसेज किया कि तुमने कमाल का भजन तैयार किया है। फिर सत्यम ने उनसे गुजारिश की कि अगर इस भजन को आपकी आवाज भी मिल जाती तो कितना अच्छा होता। मगर आपकी फ़ीस देने के लिए मेरे पास पैसे नहीं हैं। सत्यम हैरान रह गए जब अनूप जलोटा का जवाब आया कि क्या मैं तुमसे पैसे लूंगा? बताओ कहां और कब आना है रिकॉर्डिंग के लिए? फिर सत्यम ने सोमा घोष को गाने के लिए तैयार किया। अनूप जलोटा के ही कहने पर मधुश्री जी भी इस भजन से जुड़ गईं। सुदेश भोंसले जी भी सत्यम की रिक्वेस्ट पर इस भजन का हिस्सा बन गए और इस तरह ये 5 ग्रेट सिंगर्स एक साथ एक भजन के लिए आ पाए। बकौल सत्यम “मैं ऐसा सोच भी नही सकता था, जिस तरह रास्ते बनते गए, लेकिन वो शेर यहां सटीक बैठता है कि लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।”
7 साल की उम्र से स्टेज शोज़ में हिस्सा लेने लगे थे सत्यम और बचपन से ही अनूप जलोटा को फॉलो करते आ रहे हैं। भागलपुर बिहार में जन्मे सत्यम की माँ स्वामी मंजुला नन्द भी विख्यात लोक गायिका रही हैं। संगीत और गायकी उन्हें विरासत में मिली है। अपनी माँ से ही संगीत की बुनियादी तालीम हासिल करने वाले सत्यम बचपन से ही मां के साथ स्टेज शोज़ में जाने लगे थे। गुलाम अली और जगजीत सिंह की मशहूर गज़लें भी वो स्टेज पर गाने लगे। बचपन से ही सत्यम गीत कम्पोज़ भी करने लगे थे, शायद यह उन्हें गॉड गिफ्टेड टैलेंट मिला था लेकिन स्टेज पर उन्हें अपनी ओरिजनल कम्पोज़िशन सुनाने का मौका नही मिल पाता था मगर कोरोना काल और लॉक डाउन के दौरान जब उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव आकर गाना शुरू किया तो शुरू के एक महीना तो उन्होंने दूसरे महान सिंगर्स के मशहूर गीत जैसे चिट्ठी आई है, चाँदी जैसा रंग है तेरा, घुँघरू टूट गए इत्यादि गाए मगर इसके बाद उन्होंने रोज़ अपनी कम्पोज़ की हुई ग़ज़ल भी गानी शुरू की। उनके लाइव वीडियो पे हजारों ऑडिएंस होती थी और व्यूज लाखों तक जाते थे। ऑनलाइन मीडिया में धूम मचाने वाले भजन और ग़ज़ल गायक व संगीतकार सत्यम आनंदजी जब अपनी प्रस्तुति देते हैं तो अपनी सिंगिंग से सभी के मन को मोह लेते हैं। अपने गुरु अनूप जलोटा से गायिकी की बारीकियां सीखकर सत्यम आनंद जी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मधुर आवाज का जादू फैला रहे हैं। फेसबुक लाइव, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लॅटफॉर्म पर सत्यम आनंदजी अपने हुनर से श्रोताओं व दर्शकों का मनोरंजन करते सुनाई और दिखाई देते हैं। अपने फैन्स की डिमांड पर सत्यम आनंदजी अपने फेसबुक पेज और यूट्यूब चॅनेल से रोज़ ऑनलाइन इवेंट्स और परफोरमेंस पेश कर रहे हैं। पिछले एक साल में उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव आकर 500 से अधिक स्वरचित गज़लें, भजन गाए हैं इस प्रकार “सत्यम” ने अनेकों नए गीतकार को भी अपनी कम्पोजीशन और आवाज़ देने का काम किया है।