आज मोहल्ला काशी तकिया मोहल्ले में सलाह मिल्लत कमेटी की एक बैठक हुई इसकी अध्यक्षता मोहम्मद शौकत अली नेकी इस mटिंग के दौरान कहा गया कि नालंदा जिला में अब कब्रिस्तान दरगाह मस्जिद इमामबाड़ा यहां तक के लोगों के निजी जमीन मकान सुरक्षित नहीं रहा बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड में बैठे चेयरमैन तथा कमेटी के मेंबर सैफुद्दीन फिरदौसे तथा उनके बहनोई किसी भी जमीन दरगाह या किसी की रायटी भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड में निबंधन करवा कर उस पर अपना मालिकाना हक जमा सकते हैं उक्त दोनों साला बहनोई का कहना है कि हम दोनों सेवाएं नीतीश कुमार हैं इसलिए हमारा फैसला मान्य होगा इन दोनों ने इस्लामपुर केकई मकान जिसमें एक अधिवक्ता इस्तेखार अहमद का ससुराल भी शामिल है उसको अपने स्वार्थ के लिए वक्त बोर्ड में शामिल करवा दिया बिहार शरीफ की दरगाह कब्रिस्तान तथा मस्जिद को इस्लामपुर वक्त बोर्ड में डाल दिया तथा दरगाह की जमीन को पढ़ती कदीम दिखाया गया है ताके सैफुद्दीन फिरदौसी दरगाह में हलचल वा सकें हालांकि जिस इस्लामपुर वर्क नंबर 31.32 में से शामिल किया गया है उस वक्त बोर्ड के पास कोई जायदाद है ही नहीं सिर्फ नाम के मतवाली बने इसके अलावा खिजरसराय सासाराम नालंदा तथा कई जगह पर उक्त दोनों साला एवं बहनोई चेयरमैन को मुख्यमंत्री का डर दिखाकर दरगाह कब्रिस्तान इमामबाड़ा मस्जिद किसी के रहती भूमि को खुर्दपुर कर सके हद तो यह हो गई के स्थानीय पीर सैफुद्दीन फिरदौसी ने मखदूम उल मुल्क की जायदाद को निजी बना लिया एवं वक्त फुल औलाद के नाम से इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड में निबंधन करा दिया मीटिंग में कहा गया कि उक्त दोनों साला बनवाई लंबे समय से बार-बार सुन्नी वक्फ बोर्ड के मेंबर बनते चले आ रहे हैं इसके कारण इनकी दबंगई सुन्नी वक्फ बोर्ड में बरकरार है इसलिए फलाह मिल्लत कमेटी माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से मांग करती है के इन दोनों को हटाकर नए लोगों को जो जो वक्त की संपत्ति को बचा सके ऐसे लोगों को कमेटी में लिया जाए
काशी तकिया मोहल्ले में सलाह मिल्लत कमेटी की एक बैठक हुई
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