लोकसभा में उठाए मामले को मंत्री ने दिया लिखित जवाबदेश में नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना और बिहार में विनाशकारी बाढ़ और सुखाड़ तथा सरकार द्वारा नदियों को आपस में जोड़ने के कार्य में विलंब के कारण होने वाले वार्षिक नुकसान को रोकने संबंधी नालंदा के मा0लोकसभा सदस्य, श्री कौशलेन्द्र कुमार के अतारांकित प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए केन्द्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि अंतर-बेसिन अंतरण के माध्यम से जल संसाधन विकास के लिए जल की अधिकता वाले बेसिन से जल की कमी वाले बेसिन में जल अंतरण करने के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना तैयार की गई थी। एनपीपी के तहत, राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने साध्यता रिपोर्ट तैयार करने के लिए 30 लिंक चिन्हित किए हैं।श्री कुमार के जवाब में मा.मंत्री जी ने यह भी कहा कि बिहार के ऊपरी कैचमेंट क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण हर वर्ष हर वर्ष उत्तरी बिहार बाढ़ से प्रभावित होता है, जो मुख्य रूप से नेपाल में है। वहीं दक्षिणी बिहार फ्लैश बाढ़ के साथ-साथ सूखे की समस्याओं का सामना करता है। सरकार बाढ़ नियंत्रण सहित परस्परिक लाभ के लिए, समान नदियों पर बांधों के निर्माण के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र की स्थापना के माध्यम से नेपाल सरकार के साथ निरंतर वार्ता भी कर रही है।सांसद महोदय के प्रश्न के जवाब में मा.मंत्री महोदय ने बताया कि नदियों के अंटर-लिंकिंग कार्यक्रम के तहत नदियों के अंतर्राज्यीय लिंकिंग के लिए मानस-संकोश-तीस्ता-गंगा, कोसी और घाघरा, गंडक और गंगा, घाघरा और यमुना, शारदा और यमुना, गंगा और सोन, सोन और बदुआ, कोसी और मेची आदि के लिए साध्यता पूर्व रिपोर्ट पूरी कर ली गई है।
बिहार में बाढ़- सुखाड़ का हो स्थाई समाधान – सांसद कौशलेंद्र
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