ईशा फाउंडेशन के स्वयंसेवको द्वारा मिट्टी बचाओ मुहिम के तहत कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को मिट्टी की स्तिथि के बारे में जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवक एवं बाइक राइडर्स आदर्श पटेल, अनुराग कुमार , विकास कुमार, ज्योति कुमारी, अनुजा कुमारी , सैलेंद्र कुमार मणिराज, आनंद कुमार , अश्विनी कुमार, रिशव कुमार, शेखर कुमार , राकेश आदि शामिल हुए तथा अपने अपने विचार व्यक्त किए ।इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मिट्टी बचाओ मुहिम कॉन्शियस प्लानेट अर्थात ‘जागरूक धरती’ के द्वारा सद्गुरु के नेतृत्व में विश्व-स्तर पर चलाई जा रही मुहिम है। मिट्टी बचाओ अभियान 193 देशों में जागरूकता के लिए चलाई जा रही है, जिसमें से 74 देशों का समर्थन इस मुहिम को मिल चुका है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए राजगीर ब्रह्मकुंड में एक कार्यक्रम को आयोजित कर मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में जन सहयोग की बात कही गई, ताकि मिट्टी के लिए उचित नीति सरकार ला सके।इस मिट्टी बचाओ नीति के लिए विश्व के टॉप मिट्टी वैज्ञानिकों ने अपना 2 साल समय देकर 193 देशों के लिए अलग अलग गाइडलाइंस किताब बनाया है, जो हर देश के वातावरण, आर्थिक स्तिथि, खेती के तरीके, मिट्टी के प्रकार इत्यादि को नजर में रखते हुए बनाया गया है। यानी सरकार का समय वैज्ञानिक शोध में जाया नहीं जाएगा, बस इसी गाइडलाइंस के मदद से सरकारें अपने अपने देशों में मिट्टी बचाओ नीति बना सकती है। उसके लिए हमे जनता का साथ चाहिए ताकि सरकार को भी यह आश्वाशन दिया जा सके की सरकार मिट्टी के लिए नीति लाए, एवं जो कार्य अनिवार्य है उसे करे, क्योंकि मिट्टी बचाने के लिए 15 से 20 साल या उससे भी ज्यादा का समय लग सकता है। यानी यह एक लंबे समय वाली नीति लाने की बात है। और लंबे समय तक एक दृढ़ संकल्प करना तभी संभव है, जब जनता सरकार के साथ हो। लोगों ने बताया कि मिट्टी बचाओ मुहिम की शुरुआत भविष्य में 20-30 साल बाद आने वाले भोजन आपातकाल की स्थिति को भांपते हुए की गई है। विश्व के टॉप वैज्ञानिकों का कहेना है कि यदि आज हम मिट्टी की उर्वरक क्षमता को नहीं बचा पाए तो आने वाले समय में एक भयावह स्थिति होगी और भोजन आपातकाल की स्थिति उत्पन्न होगी, और भोजन के लिय गृह युद्ध की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।दुनिया भर में, मिट्टी की सेहत बिगड़ती जा रही है। मिट्टी बेजान होकर बंजर होती जा रही है। मिट्टी बचाओ अभियान मिट्टी को बेजान होने से बचाने के लिए दुनिया भर में चलाया जा रहा है। ये अभियान मिट्टी में जान फूंकने और उसकी अच्छी क्वालिटी को सुनिश्चित करने की दिशा में बढ़ाया गया एक बेहद महत्वपूर्ण कदम है।
मिट्टी बचाओ मुहिम को तेज करेंगे ज़िले के युवा, कार्यक्रम आयोजित
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