एजुकेशनल डेवलपमेंट काउंसिल के द्वारा दो दिवसीय चतुर्थ इंटरनेशनल सेमिनार का समापन हो गया जिसमें नालंदा जिला से कई शोधकर्ताओं ने अपना शोध प्रस्तुत किया।
इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में देश-विदेश के विद्वानों ने शिरकत किया जिसमें जापान के विद्वान डॉक्टर रवि मेधाकर मौलाना मजहरूल हक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलमगीर इतिहास के डॉ दिनेश नारायण वर्मा, यूनाइटेड अरब अमीरात से पधारे डॉ रियाद अहमद , महाबोधी कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरविंद प्रसाद , नालंदा महिला कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर जितेंद्र रजक आदि और अन्य शिक्षाविदों ने इस सेमिनार में शिरकत की है इस सेमीनार के अध्यक्ष डॉ कमल प्रसाद बौद्ध ने बताया कि इस सेमिनार का थीम सस्टेनेबल डेवलपमेंट चैलेंजेस एंड इश्यूज है – इसके तहत बहुत महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा किया गया साथ ही में इतिहासकार अंगद किशोर कृत “झारखंड की बौद्ध विरासत” एवं डॉ डी एन वर्मा एवं श्रवण कुमार कृत ” ऐतिहासिक गढ़ ग्राम “और इसके पुरातात्विक साक्ष्य का सफल लोकार्पण किया गया।
इस सेमिनार के गेस्ट ऑफ ऑनर कैपिटल यूनिवर्सिटी कोडरमा के कुलपति डॉक्टर प्रमोद कुमार ने दो दिवसीय सेमिनार का बहुत प्रशंसा किया एवं कहा कि यह बहुत ही सराहनीय पहल है जिससे आने वाले भविष्य में हम अनेक आपदाओं के जोखिम से खुद को बचाव कर सकते हैं और एक सतत राष्ट्र का निर्माण हो सकता है इस अवसर पर डी एन कॉलेज मसौढ़ी के प्रोफेसर सह ब्रिलिएंट ग्रुप के सचिव डॉ शशी भूषण कुमार ने बताया कि इस सेमिनार से बहुत ही अप्रत्याशित प्रगति हमारे बिहार को मिल सकता है क्योंकि हम आज के दुनिया में आधुनिकता की ओर अग्रसर तो हो रहे हैं उसके साथ-साथ हम अपने भविष्य को भी खतरे में डाल रहे हैं जिससे हम सभी को अनेक आपदाओं का जोखिम पैदा हो सकता है लेकिन अभी से ही सतत विकास जैसे मुद्दों पर सेमिनार का आयोजन करवाने से हम आने वाले भविष्य के चुनौतियों से निपट सकते हैं ।
इस सेमिनार के आयोजक फातिमा डिग्री कॉलेज जो इस प्रोग्राम के ऑर्गेनाइजिंग सचिव डॉ असादुल्लाह खान ने उपस्थित सभी शिक्षाविदों , मीडियाकर्मी एवं दर्शकों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि आप सभी लोगों ने जो उत्साह दिखाया एवं अपना सत प्रतिशत योगदान देने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।