सांसद ने लिया गोद फिर भी गांव के दलित टोला के समुदायिक भवन,नाली – गली का हाल जर्जर।
सिलाव -आजादी के 78 वर्ष बीत जाने के बाद भी नानंद ग्राम के महा दलित समुदाय के लोग टूटी गलियों और नाली की बजबजाती पानी के बीच चलने को मजबूर हैं एक तरह देखा जाय तो नालंदा के माननीय सांसद महोदय द्वारा ग्राम पंचायत नानंद को गोद भी लिया है, लेकिन हकीकत में देखा जाय तो माननीय सांसद महोदय द्वारा तो बजट को आवंटित कर दिया जाता है, लेकिन सरकारी अधिकारियों के भेदभाव रवैये के कारण महादलित समुदाय को नजरअंदाज करते हुए अन्य समुदाय के बीच पैसे को बखूबी से खर्च किया जा रहा हैं।
अभी वर्तमान मे एक तरह से देखा जाय तो जहाँ जरूरत के हिसाब से मूलभूत सुविधाएं पर पैसे को खर्च ना करके ब्लकि तालाब का सौन्दर्यीकरण और पार्क बनवाने में सरकारी अधिकारी से लेकर पंचायत के प्रतिनिधि पैसे को खर्च करने मेंमशगूल है। चुकी सभी सरकारी अधिकारी से लेकर पंचायत के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तालाब और पार्क का चकाचौंध सौन्दर्यीकरण कराकर यह साबित करने में जुटे हुए है कि आदर्श ग्राम नानन्द में भव्य विकास हुआ है। लेकिन हक़ीक़त तो और ही कुछ दिखता हैं। इस संबंध में कई बार सरकारी अधिकारी बाबु को समस्या से अवगत कराने का प्रयास किया गया लेकिन वे लोग नजरअंदाज करते दिखे। दलित एकता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सह समाजिक कार्यकर्ता सुबोध कुमार रविदास ने कहा कि एक तरफ देखा जाय तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा ढेर सारी कल्याणकारी योजनाएं चलाए गए हैं लेकिन सरकारी अधिकारी के तानाशाही और उदासी रवैये के कारण धरातल पर योजनाए विफल साबित हो रहे हैं।