हर हाल में मुहाने नदी का मुंह खोलना होगा उपरोक्त बातें समाजसेवी शह इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी के डायरेक्टर महेश प्रसाद सिंह ने प्रबुद्ध नागरिकों के बीच संगोष्ठी में यह बात कही।
यह संगोष्ठी धमोली स्थित इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी के प्रांगण में हुई। इन्होंने कहा कि जब उदेरास्थान में चौहत्तर दीनों तक डैम बनाने के लिए आंदोलन चला था उसमें इन्होंने भाग लिया था। डैम बनने के उपरांत तत्कालीन सरकार ने कहा था की डैम से निकले हुए आढ कैनल तथा मुहाने नदी को भी पूर्व की तरह पानी मिलता रहेगा ।मुहाने नदी में पानी देने के लिए एक पूल भी बनाया गया ।लेकिन उसे पूल को डैम बनने के कुछ ही बाद बंद कर दिया गया जो आज तक बंद है। फल स्वरुप मुहाने नदी बरसों से सूखी रहती है नालंदा के लिए यह नदी जीवन दायिनी है। मुहाने नदी का उद्गम स्थल झारखंड से है जो की फल्गु नदी में आकर के मिल जाती है तथा पुनः वहां से मुहाने नदी आगे जिले के कई ब्लॉक को चीरती हुई हरनौत प्रखंड के धोबा नदी में जाकर मिलती और वह धोवा नदी का पानी मनकट्ठा के पास गंगा जी में मिल जाता है। पहले इसी नदी में इतना पानी आता था कि जिले के सभी गांव के पैन और पोखर पानी से लवा लव भर जाते थे जिससे किसान खेती किया करते थे ।
हरनौत प्रखंड के समाजसेवी चन्द्र उदय कुमार मुहाने नदी के बंद मुंह को हिलसा क्षेत्र के कालियाचक निवासी वृद्धि सामाजिक कार्यकर्ता माननीय साधु शरण सिंह जी के नेतृत्व में देखने गए थे जो कि बंद था वहां अगल-बगल क्षेत्र के ग्रामीणों से यह पूछे जाने पर कि इस मुहाने नदी को मुंह को खोल दिया जाए तो आप लोग को कोई समस्या हो सकती है तब उपस्थित ग्रामीणों ने कहाकि हम लोगों को पहले भी कोई समस्या नहीं थी आज भी मुंह को खोल दिया जाए तो लाभ हो सकता है हानि नहीं हो सकती है। हालांकि एक सप्ताह पूर्व माननीय मुख्यमंत्री जी के नाम से मुहाने नदी का मूह खोलने हेतु आवेदन दिया गया है जल संसाधन मंत्री माननीय विजय चौधरी जी के द्वारा उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस पर हम लोग विचार करेंगे हालांकि इस बात को लेकर पूरे नालंदा जिला के समाजसेवी धीरे-धीरे मुहाने नदी के मुंह खुलवाने के लिए बैठक पर बैठक करना शुरू कर दिए हैं कभी भी इस पुनीत कार्य के लिए जिले में बड़ी बैठक हो सकती है। आज की बैठक में पुरुषोत्तम पांडे वीरेंद्र प्रसाद चंद्रभूषण प्रसाद पानू सिंह विक्की कुमार पंकज कुमार विनाश कुमार विकास कुमार अनिल कुमार सहित दर्जनों लोगों ने भाग लिया सभी लोगों ने एक स्वर से कहा कि जब तक मुहाने नदी का मुंह नहीं खोला जाता है तब तक हम लोग चैन से नहीं बैठेंगे क्योंकि यह हमारे जीवन का सवाल है।