बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के आह्वान पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में 31 मई को मुख्यमंत्री घेराव कार्यक्रम को प्रशासनिक स्वीकृति सरकार द्वारा नहीं दिया जाना लोकतंत्र की हत्या है। उक्त बातें नवनियुक्त माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गणेश शंकर पाण्डेय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपने हक -हकूक के लिए आंदोलन करना संवैधानिक अधिकार है। सरकार किसी के संवैधानिक अधिकार को नहीं छीन सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस रवैया से स्पष्ट प्रतीत होता है|
कि सरकार नियोजित शिक्षकों के आंदोलन से भयभीत हो चुकी है। और भयाक्रांत होकर ही आंदोलन हेतु प्रशासनिक स्वीकृति नहीं देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि दमन से संधर्ष कभी समाप्त नहीं होता, बल्कि और सशक्त होता है। उन्होंने कहा कि सरकार की यही स्थिति रही तो नियोजित शिक्षकों की आह से महागठबंधन सरकार का जाना तय है इसलिए बिहार सरकार शीघ्र सूबे बिहार के आंदोलित शिक्षकों की समस्या का निराकरण करना सुनिश्चित करें।