नालन्दा – आधुनिक सुविधाओ से लैस होगा प्लांट, पांच दुकानों का होगा प्लांट, ग्रामीण स्तर पर बढ़ेगा रोजगार, जिंदा मछली की मांग एवं ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार पैदा करने के लिए विभाग द्वारा जिंदा मछली बिक्री केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। जिले में पहला युनिट स्थापित करने के लिए लाभुक का चयन कर लिया गया है। कार्यादेश मिलने के बाद शीघ्र ही काम शरू किया जाएगा। जिंदा मछली बिक्री केन्द्र को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि मत्स्य पालक यहां लंबे समय तक मछली को जिंदा रख सके और लोगों को भी इसका लाभ मिले। 20 लाख के इस प्रोजेक्ट पर 40-60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। लेकिन पहले आओ पहले पाओ के तर्ज में योजना दी जा रही है। हलांकि इस वर्ष जिले में एक यूनिट का लक्ष्य दिया गया था जिसे पूरा कर लिया गया है। डीएफओ सुभाष चन्द्र यादव ने बताया कि विगत वर्षो में मत्स्य पालन के प्रति लोगो में जागरूकता आई है। साथ ही जिंदा मछली का डिमांड भी ज्यादा है। अधिकांश लोग जिंदा मछली ही खरीदना चाहते हैं। लेकिन संसाधन नहीं रहने के कारण न तो मत्स्य पालकों को सही किमत मिल पाता है और न ही लोगों को उम्मीद के अनुसार जिंदा मछली मिल पाता है। इस यूनिट की स्थापना होने से जिलेवासियो को जिंदा मछली आपूर्ती होने में सहुलियत होगी। साथ ही ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
3-4 दिन तक जिंदा रह सकता है मछली
डीएफओ ने बताया कि वर्तमान समय में कोई मत्स्य पालक अगर तालाब से मछली निकल लेते हैं तो उन्हें किसी भी किमत पर बेचना मजबुरी हो जाता है। जिसका परिणाम है कि मत्स्यपालकों को जितनी आमदनी होनी चाहिए वह नहीं हो पाता है। जिंदा मछली बिक्री केन्द्र खुल जाने के बाद इन परेशानियों से निजात मिलेगा। इस युनिट में सभी तरह की सुविधा उपलब्ध होगी। 24 घंटे पानी के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी व्यवस्था उपलब्ध होगी। इस कारण कोई भी मछली को 3-4 दिन तक जिंदा रखा जा सकता है।
सुविधाओं से लैस होगा प्लांट
विभागीय गाईड लाईन के अनुसार सुविधाओं से लैस होगा जिंदा मछली केन्द्र। 2 हजार वर्ग फीट में प्लांट की स्थापना की जाएगी। जिसमें 1 हजार वर्ग फीट में पांच दुकान होगी। तथा 1 हजार वर्ग फीट में प्लेटफार्म, बोरिंग, पम्पसेट, शौचालय आदि का निर्माण किया जाएगा। जल संचय के लिए 30 वर्ग फीट में दो टैंक का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावे इलेक्ट्रॉनिक बैंलेंस, बोर वेल एवं अपशिष्ट निष्पादन की व्यवस्था होगी। कार्यादेश मिलने के बाद 90 दिन के अंदर लाभुक को काम पूरा कर लेना है तथा किसी भी परिस्थिति में पांच सालों तक युनिट की संचालन करना होगा।
हरनौत प्रखंड के हुसैना गांव में खुलेगा प्लांट
डीएफओ ने बताया कि इस प्लांट के लिए वर्ष 2021-22 में एक युनिट का लक्ष्य दिया गया था। जिसके लिए कई आवदेन प्राप्त हुआ था। लेकिन मानक के अनुसार हरनौत प्रखंड के हुसैना गांव निवासी सत्यनारायण प्रसाद सिंह को इस योजना के लिए चयन किया गया है। 20 लाख के प्रोजेक्ट पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। अनुदान की राशि दो किस्तों में भुगतान किया जाएगा। पहला किस्त शुरूआती दौर में अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण के बाद तथा दुसरा राशि काम पूरा होने के बाद दिया जाएगा। कार्यादेश मिलने के 30 दिनों के अंदर अगर काम शुरू नहीं होता है तो योजना को निरस्त कर दिया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्र पर बढ़ेगा रोजगार
उन्होंने कहा कि प्लांट शुरू होने के बाद आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार बढ़ेगी। लोग मछली पालन करना चाहते हैं लेकिन तालाब से मछली निकालने के बाद अगर किमत सही नहीं मिल पाता है इस कारण लोग पिछे हट जाते हैं। लेकिन अब यह समस्या नहीं आएगी। अगर बाजार में मछली बच जाता है तो जिंदा मछली बिक्री केन्द्र में रख सकते हैं और उसे अगले दिन बेच सकते हैं। साथ ही लोगों को हमेशा जिंदा मछली उपलब्ध होगा।
हरनौत प्रखंड के हसनपुर में खुलेगाजिले का पहला जिंदा मछली बिक्री केन्द्र|
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