इस मौके पर साहेव तांती, नरेश तांती, बढ़न तांती ने बताया कि हमलोग भूमिहीन किसानों ने दिनांक 11 जुलाई 2022 को अपना जमीन जो सीआरपीएफ कैप राजगीर से पहले है उसको जब जोत आवाद करने गए थे तो अंचलाधिकारी राजगीर, थानाध्यक्ष राजगीर,थानाध्यक्ष छबीलापुर दल बल के साथ आकर जोत आवाद करने से मना किए थे।
यह कहते हुए कि यह जमीन सरकारी है जबकि उपरोक्त खाते की जमीन कभी सरकारी थी ही नहीं।
इस जमीन को दादा परदादा से लेकर आज तक हमलोग जोत आवाद करते आ रहे हैं, और हमारे कब्जे में भी है। इसी के साक्ष्य के रूप में बसीका , लगान रसीद वर्ष 2002 -2003 तक, अनुमंडल पदाधिकारी बिहार शरीफ द्वारा निर्गत जमीन का बन्दोवस्त प्रमाण पत्र , सहायक मुंसिफ बिहार वर्ष 1946 का जजमेंट रेंट सूट नंबर 4267 बगैरह से प्राप्त निर्णय की प्रतियां लगाकर आज जिला पदाधिकारी नालन्दा को हमलोगों ने सौंपा है आगे उन्होंने बताया कि 166 खाता एवं 3758/59 प्लॉट के अन्य जमीन का दूसरी ओर अंचलाधिकारी राजगीर के द्वारा अपर समाहर्ता नालन्दा के आदेशानुसार नया जमाबंदी कायम कर 2013-14 से 2022 तक लगान रसीद काट दिया है
इन्ही सब बातों को लेकर जिलाधिकारी से उचित न्याय की गुहार लगाई है। जिसमे लगभग दर्जनों भूमिहीन किसानों का हस्ताक्षर है।