बिहारशरीफ – मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन के साथ ही हर्षोल्लस के साथ दशहरा पर्व सम्पन्न हो गया। शनिवार को श्रद्धालुओं ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर मां को विदाई दी। सभी पूजा समितियों शुक्रवार की रात्री से ही प्रतिमा विसर्जन की तैयारी में जूट गए अौर सुबह 10 बजे से जुलूस निकालने का सिलसिला शुरू हो गया। जो देर शाम तक चला। खासकर महिलाओं ने मां को बेटी की तरह खोईछा भरकर बेटी की तरह विदाई दी। लोग नाचते गाते जिले के विभिन्न नदी व तालाबों में प्रतिमा का विसर्जन किया गया। लोग भक्ति गीत पर जमकर थिरकते नजर आए। इस वार महिलाओं की भारी भागिदारी देखी गई। कोई ऐसा मुहल्ला नहीं था जहां से महिलाओं का जत्था नहीं निकला। हर मुहल्ले से अलग-अलग अंदाज में प्रतिमा विर्सजन जुलूस निकाला गया। दिनभर भक्ति गीतों से शहर गंुजायमान रह। इस वार एक भी जुलूस में अश्लील गीतों का प्रयोग नहीं किया गया। सभी लोग भक्ति गीत पर जमकर थिरके। शहर भैसासूर, एतवारी बाजार, डाकबंगला चौराहा, रांची रोड, अलीनगर, झींगनगर, आशानगर, पटेलनगर, रामचन्द्रपुर आदि कई मुहल्लों से निकला प्रतिमा विसर्जन जुलूस की छटा देखते बन रही थी। जुलूस को देखने के लिए दिनभर सड़कों पर लोगों का हुजुम जमा रहा है। अधिकांश दुकाने बंद रही। सभी लोग माता के विदायी में सम्मलित रहे।
अधिकांश जुलूस सदभावना मार्ग होते हुए अपने-अपने निर्धारित नदी व तालाब में विसर्जन के लिए चले गए। इसके अलावे कुछ लोग अपने क्षेत्र में ही घुमकर निकल गए। दिनभर शहर में भक्ति का माहौल बना रहा। श्री बड़ी दुर्गापूजा समिति अलीनगर में हर साल की भांति इस साल भी महिलाओं ने सिंदुर की होली खेली वहीं बच्चों ने एक दुसरे को अबीर गुलाल लगाया। विसर्जन जुलूस से पहले महिलाओं ने माता की खेईछा भराई की रस्म अदा की, उसके बाद लोग कंधे पर माता के प्रतिमा को क्षेत्र भ्रमण कराया। यहां हर साल बंटी की विदाई के तर्ज पर ही मां को विदाई दी जाती है। शनिवार को निकला विसर्जन जुलूस में महिलाओं का उत्साह देखते बन रहा था। भीषण गर्मी के बावजूद भी भक्ति गीतों के धुन पर पैर नहीं रूक रहा था। बुजूर्ग महिलाओं के साथ-साथ युवा वर्ग में भी मां के प्रति गजब की भक्ति देखी गई। रामचन्द्रपुर, भैसासूर, कमरूद्धीनगंज आदि कई मुहल्लों से निकला जुलूस में महिलाओं के साथ-साथ बच्चियां भी जमकर भक्ति गीतों धुन पर थिरक रहे थे। कोई डीजे की धुन तो कोई अपने गीत गाकर नाचते झुमते नजर आए। पुरा सदभावना मार्ग पुरूषों से ज्यादा महिलाओं से पटा दिख रहा था।
हर तरफ महिलाओं की भीड़ देखी गई। पूजा समिति द्वारा विसर्जन जुलूस को नगर भ्रमण कराने के बाद निर्धारित नदी व तालाबों में जाकर विसर्जन किया। विसर्जन के दौरान भी भक्तों की भीड़ जुटी रही। लोग अंतिम विदाई किए बीना घर नहीं लौटे। शहर के मणीराम अखाड़ा, कोसूत स्थिति पंचाने नदी एवं मोरा तालाब स्थित सूर्य मंदिर तालाब में दोपहर से देर शाम तक प्रतिमा विजर्सन का सिलसिला चलता रहा। लोग अंतिम समय में भी मां केमंगल आरती गाकर विधि विधान से प्रतिमा विसर्जित किया। विसर्जन जुलूस को लेकर प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम देखा गया। हर चौक चौराहो पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल को तैनात किया गया था। जुलूस को लेकर शहर की अधिकांश दुकाने बंद रही। पुलिस बल विसर्जन जुलूस को व्यवस्थित करने में लगे थे। साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारी भी सड़कों पर निगरानी करते दिखे। भीषण गर्मी के बावजूद भी लोगों में उत्साह की कमी नहीं थी। वहीं कुछ जगहों पर स्वयं सेवी संगठनों द्वारा प्याउ की व्यवस्था भी की गई थी। भराव चौराहा पर विश्व हिन्दु परिषद द्वारा प्याउ की व्यवस्था की गई। वहीं कुछ जुलूस में पूजा समिति द्वारा ही पानी की गाड़ी लेकर साथ-साथ चल रहे थे।