23 अक्टूबर की रात एक मरीज के परिजन के द्वारा सदर अस्पताल के एसएनसीयू में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और नर्स के साथ मारपीट की थी। जिसके बाद एसएनसीयू में कार्यरत डॉक्टर और नर्स के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया था।एसएनसीयू में हड़ताल का असर देखने को तब भी मिला। जब गुरुवार को एक नवजात को लेकर परिजन इलाज के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन एसएनसीयू के बाहर नवजात के इलाज के लिए परिजनों को करीब आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा।
इस दौरान नवजात के परिजन लगातार एसएनसीयू के बाहर अपनी नवजात बच्चे की लाज की दुहाई देते रहे लेकिन एसएनसीयू में हड़ताल के कारण नवजात का इलाज ना हो सका। जैसे ही सिविल सर्जन नालंदा को इस बात की भनक लगी तो उनके द्वारा नवजात बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराया गया।सिविल सर्जन अविनाश कुमार सिंह गुरुवार को सिविल सर्जन के पहल पर बातचीत के बाद हड़ताल को समाप्त भी कर दिया गया। चिकित्सकों की मांग है कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है उसकी अभिलंब गिरफ्तारी हो।