बिहारशरीफ के रहुई प्रखंड के अमरपुर गांव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले का जयंती मास धूमधाम के साथ मनाया गया सर्वप्रथम शिक्षा की देवी माता सावित्रीबाई फुले एवं ज्योतिबा बाई फुले के फोटो पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि किया गया। इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी प्रदेश महासचिव बलराम दास ने कहा कि एक तरफ पूरे देश में वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मनुवादियों द्वारा बनाई गई मनगढ़ंत सरस्वती देवी की पूजा हो रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा की देवी भारत की प्रथम शिक्षिका प्रथम विद्यालय खोलने वाली शिक्षा का जोत जगाने वाली सावित्रीबाई फुले का जयंती मास मनाई गई |
सावित्रीबाई फुले अपने पति ज्योतिबा बाई फुले के साथ मिलकर शिक्षा को आगे बढ़ाने का काम पूरे देश में काम किए थे अगर शिक्षा का देवी कोई है तो सबित्रीवाई फुले हैं ये पूजनीय योग्य है पूूर देश में इसकी पूजा होनी चाहिए जिन्होंने शिक्षा से वंचित शोषित समाज को पढ़ाने का काम किए आगे बढ़कर महिला को उत्थान के लिए शिक्षित करने का काम किया उच्च जातियों द्वारा विद्यालय जाने के क्रम में सबित्री भाई पर कीचड़ गोबर फेंका जाता था जिसे वह साथ में एक अलग वस्त्र लेकर विद्यालय जाती थी और विद्यालय में बदल कर पढ़ाने का काम करती थी लेकिन मनुवादियों ने शिक्षा की देवी सावित्रीबाई को छुपा कर सरस्वती देवी को आगे किया।85% बहूजनों को मनुवादियों की चाल समझ लेना चाहिए। अंत में उपस्थित लोगों ने शपथ लिए की सरस्वती की जगह शिक्षा की देवी माता सबित्री बाई फुले की पूजा करेंगे। जिन्होंने महिला को शिक्षित कर जयंती मास की अध्यक्षता जिला के उपाध्यक्ष लालती देवी ने की एवं संचालन जिला के सह सचिव राजेंद्र दास ने की। इस मौके पर प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास, जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद, सह सचिव भोला पासवान,स्वामी शाहजानंद अधिवक्ता, महंत राजबली दास लालदास भारती, पिरितिया देवी, कुंती देवी, जयबुल देवी, रंजन कुमार आदि लोग उपस्थित थे।