Saturday, December 21, 2024
Homeकार्यक्रमसम्राट अशोक की 2327 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

सम्राट अशोक की 2327 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

बिहारशरीफ:-रहुई प्रखंड के पचासा चौक डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा के समक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर सम्राट अशोक की 2327 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी प्रदेश महासचिव बलराम दास ने संयुक्त रूप से कहा कि सम्राट अशोक( ईसा पूर्व 304 से ईसा पूर्व 232) विश्व प्रसिद्ध एवं शक्तिशाली भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट थे अशोक बौद्ध धर्म को संरक्षण देने वाले प्रतापी राजा थे। सम्राट अशोक का नाम देवानांप्रिय अशोक था। उनकी राजकाल ईसा पूर्व 269 से 232 प्राचीन भारत में था। मौर्य राजवंश के चक्रवर्ती सम्राट अशोक राजा था।

मौर्य साम्राज्य उत्तर में हिंदूकुश तक्षशिला की श्रेणियां से लेकर दक्षिण में गोदावरी नदी सुवर्णगिरी पहाड़ी के दक्षिण तथा मैसूर तक तथा पूर्व में बंगाल पाटलिपुत्र से पश्चिम मे अफगानिस्तान ईरान बलूचिस्तान तक पहुंच गया था। दुनिया के सबसे ताकतवर सम्राट अशोक की जयंती 29 मार्च भारत का सबसे बड़ा वह सबसे अच्छा शासन मौर्य साम्राज्य का शासन था जिसे मूल निवासियों शूद्रों के शासन के नाम से भी जाना जाता है सम्राट अशोक की यही पूछा घर घर पहुंचे बुध की शिक्षा अखंड भारत के निर्माता एवं महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक राजा थे।

सम्राट अशोक की 2327 वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक बौद्ध धर्म की स्थापना किए थे और देश-विदेश में बौद्ध विहार एवं बौद्ध मठ की स्थापना किए थे बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए अपने पुत्र एवं पुत्री को श्रीलंका भेजे थे उपस्थित सभी लोगों ने सम्राट अशोक के बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया इस मौके पर जिला के उपाध्यक्ष रविशंकर दास जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद बटोरन रविदास हरेकृष्ण दास अखिलेश पासवान कामता पासवान अभिनाश पासवान रामाशंकर पासवान आदि लोग उपस्थित थे।

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