रहुई प्रखण्ड के मई फरीदा पंचायत के चिल्कीपुर गांव में सोमवार से 5 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। इस मौके पर कलश यात्रा निकाली गयी। कलश यात्रा के पहले दिन बनारस के पंडितो ने कलश के महत्व के बारे में ग्रामीणों को बताया।5 दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ ।5 मई नवनिर्मित मंदिर में शंकर भगवान की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठान होगा 6 मई को भंडारा के साथ इस कार्यक्रम का समापन होगा।5 मई को नेता प्रतिपक्ष तेजश्वी यादव,जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी का आगमन की संभावना है।
इस कलश यात्रा के मौके पर आयोजनकर्ता संजीव कुमार सिंह व धर्मेंद्र मुखिया ने कहा कि कलश रिद्धि- सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिंदू धर्म में अपना महात्म्य है। उन्होंने कहा कि कलश हमारे जीवन के हर क्षण में काम आता है। जन्म के समय भी कलश स्थापना की जाती है और मरने के समय भी शरीर के साथ कलश विसर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि कलश के उपर नारियल रखा जाता है। यह नारियल मनुष्य को इस बात की शिक्षा देता है कि परिवार के मुखिया को उपर से सख्त और अंदर से मुलायम होना चाहिए। इससे जीवन की गाड़ी बेहतर चलती है। कलश के उपर जो माला रखी जाती है उसका अलग महत्व है। जिस प्रकार माला में लगा हुआ फूल महकता है उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी दूसरों को सुगंध देने वाला होना चाहिए। ऐसे भक्तों पर भगवान की विशेष कृपा होती है। कलश यात्रा में में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहीं की धरा स्वयं सिद्व होती जाती है।
सोमवार से 5 दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम का प्रारंभ
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