राजगीर के नागेश्वर होटल के सभागार में जलवायु परिवर्तन प्रेरित आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु साझा प्रयास विषय पर गैर स्वैक्षिक संगठन, सामाजिक संगठन एवं समुदाय आधारित संगठन तथा विभिन्न हित भोगियों के नेटवर्क का दक्षिण मध्य बिहार क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन सामूहिक रूप से उपस्थित महिला एवं पुरुष प्रतिभागियों द्वारा किया गया। उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में दीपक शर्मा (राजस्थान),मोहम्मद मुख्तारउल हक, विनोद शर्मा, उषा देवी एवं रमेश कुमार अध्यक्ष (जीपीएसवीएस) ने भाग लिया।
रमेश कुमार ने बिहार में जलवायु परिवर्तन और उससे उत्पन्न चुनौतियां पर चर्चा करते हुए कहा की आज बिहार मे प्राकृतिक आपदाओं का स्वरूप तेजी से बदल रहा है ।यह काफी जोखिम भरा बन गया है। बाढ़ ,सुखाड़, लू, शीतलहर के साथ वज्रपात और चक्रवर्ती तूफान के तीव्रता में काफी वृद्धि आई जा रही है ।इन आपदाओं के साथ मौसम में भी निरंतर बदलाव देखा जा रहा है। अब बदलते मौसम जलवायु परिवर्तन का शक्ल ले रहा है। चिंतनीय बात यह है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे जीवन और जीविका दोनों पर पढर रहा है। सरकार और स्वयं सेवी संस्थाएं इन विषयों पर जागरूकता फैलाने का कार्य कर रही है ।स्वयं सेवी संस्थाओं और सामुदायिक संगठनों द्वारा बिहार के विभिन्न भागों में कई प्रयास किए जा रहे हैं ।चाहे वह उत्तर बिहार हो ,मध्य बिहार हो या दक्षिण बिहार हो ।इस कार्यशाला का आयोजन विभिन्न भागों से आए संस्थाओं एवं संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयास को साझा कर एक सामूहिक प्रयास की ओर पहल करना था। कार्यशाला में दीपक शर्मा ने जलवायु परिवर्तन के विभिन्न आयाम पर चर्चा करते हुए कहा कि यह अब जीवन की वास्तविकता है हमें जीवन में छोटे-छोटे बदलाव कर इन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा उन्होंने स्वास्थ्य कृषि प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आपदा जोखिम न्यूनीकरण में समुदाय की भागीदारी पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कई गणमान्य वक्ताओं ने अपनी अपनी राय रखी ।वही नालंदा के जाने माने समाजसेवी तथा सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार ने संस्था जीपीएसवीएस के कार्यों की सराहना की ।और कहा कि जल मंडल ,स्थल मंडल और वायुमंडल सभी समवेत रूप से मिलकर पर्यावरण की श्रृष्टि करते है। मगर अफसोस की बात है की पर्यावरण संकट तेजी से बढ़ रहा है ।हम सभी को मिलकर साझा प्रयास करना चाहिए कि आपदा जनित जोखिम को कम किया जा सके ।वही कार्यक्रम में लोक गायक तथा राजगीर नप के ब्रांड एंबेसडर भईया अजीत ने अपने सामाजिक गीतो की प्रस्तुति से चार चांद लगा दिया ।समाजसेवी चंद्र उदय ने अपनी बातो को रखते हुए जैविक खेती तथा पारंपरिक ज्ञान को सिखाकर उन्हें युवाओं के बीच बढ़ावा देने की बात कही ।
अन्य वक्ताओं ने महिलाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में जैविक कृषि सौर ऊर्जा जल प्रबंधन आपदा प्रबंधन मिट्टी संरक्षण वृक्षारोपण पशु संरक्षण जैविक खाद्य निर्माण वायु गैस प्लास्टिक के जगह बायोडिग्रेडेबल थैला तथा अन्य पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा में सुखा सुखाड़ और बाढ़ प्रबंधन के बारे में उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के संस्थाओं ने आपसी सीख को साझा किया। मुख्य बात यह रही की पूरे बिहार में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए जल प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन के साथ व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण तथा उन्नत जैविक खेती की आवश्यकता है। इसके लिए स्वैक्षिक संगठनों को साथ मिलकर पूरे निष्ठा से काम करना होगा ।अंत में बिहार नागरिक मंच का गठन किया गया ।इसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए 31 संस्था इसके स्वैक्षिक सदस्य बने। यह मंच पूरे बिहार में जलवायु परिवर्तन और उनसे जुड़े मुद्दों के साथ विभिन्न सामाजिक आर्थिक विषयों पर कार्य करेगी।
जी पी एस वी एस द्वारा दक्षिण बिहार क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन
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