Saturday, December 21, 2024
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समाजसेवी मुसाफिर दास जी का 58 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई।

बिहारशरीफ– नालंदा जिला के राजगीर प्रखंड स्थित आश्रम कबीर मठ धोबी घाट में स्थापित समाजसेवी मुसाफिर दास जी का प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर 58 वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस जयंती समारोह में वक्ताओं ने समाजसेवी मुसाफिर दास की जीवनी पर अपनी अपनी बातों को रखा ।

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि समाजसेवी मुसाफिर दास का जन्म बिहार प्रदेश के नालंदा जिले में चंडी प्रखंड के अरौत ग्राम में एक मोची परिवार में दादा हरिदास पिता गरीबन रविदास माता सुहागी देवी के घर 1 फरवरी 1964 को हुआ था वे एक घूमते फिरते समाजजिक शिक्षक व समाज के अगुआ थे। उनकी शादी परवलपुर प्रखंड के दादूपुर गांव में स्वर्गीय नथुन दास की पुत्री बालेश्वरी देवी के साथ हुई थी। उनके दो पुत्री लक्ष्मीनिया देवी और रुकमणी देवी हुई।

उनकी प्राथमिक शिक्षा अरौत गांव में मध्य विद्यालय की शिक्षा कमल बीघा तथा उच्च विद्यालय वीरनामा से हाई स्कूल एवं स्नातक की शिक्षा रामलखन सिंह यादव महाविद्यालय बख्तियारपुर से किए विख्यात अंबेडकरवादी चिंतक मुसाफिर दास अपने जीवन काल में बौद्धिक कार्यों के जरिए समाज के सबसे उपेक्षित तबके के उत्थान में पूरी निष्ठा के साथ लगे रहे अनुसूचित जातियों जनजातियों और पिछड़ों की समस्याओं को उन्होंने जिले से लेकर प्रदेश के मंच पर उठाने का ऐतिहासिक काम किया समाजसेवी मुसाफिर दास ने फुले और अंबेडकर के शिक्षा के एजेंडे को जीवन भर आगे बढ़ाते रहें हुए सभी को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया उन्होंने अद्भुत प्रथा को उखाड़ फेंकने के लिए कई आंदोलन किए मुसाफिर दास जी ने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया।

उनमें एक कुशल नेतृत्व करने का क्षमता कूट-कूट कर भरी थी। वे हिंदू मुस्लिम धर्मों में फैली कुरीतियों के सख्त विरोधी थे। समाजसेवी मुसाफिर दास लोगों को कठिन परिश्रम साधारण जीवन और परोपकार की भावना का पाठ पढ़ाते थे और हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करने को कहते थे। मानवता के पुजारी थे उन्होंने संपूर्ण मानव समाज को एक सूत्र में बांधे हुए शांति एवं भाईचारा का संदेश देने के काम किए थे अंत में अचानक समाजसेवी मुसाफिर दास जी को चले जाने से समाज को बहुत क्षति हुई है उनके जगह पर भरपाई करने में अभी समय लगेगा जयंती समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिए।

जयंती समारोह की अध्यक्षता बलराम साहेब और उत्तराधिकारी महंत विजय साहब ने की। इस मौके पर प्रोफेसर मिथिलेश कुमार पुरुषोत्तम पांडे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी सुबोध रविदास सरजुग रविदास मुन्ना दास शंभू दास सुरेश कुमार दास सोनू रामदास राजेंद्र दास हीरा रविदास रंजीत राव दास मंजू देवी शोभा देवी सुनीता देवी राम कृष्णा रविदास महंत मुनेश्वर साहेब रविदास पूर्व मुखिया शंकर दास निदेशक संत रविदास आश्रम पटना राजेश्वर प्रसाद समाजसेवी सुरेश प्रसाद अमर कुमार राजबली रविदास आदि लोग उपस्थित थे।

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