Monday, December 23, 2024
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महाबली बाबा चौहरमल के जयंती पर शंखनाद ने नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया |

स्थानीय साहित्यिक भूमि बबुरबन्ना मोहल्ले में साहित्यिक मंडली ‘शंखनाद’ के तत्वावधान में ‘शंखनाद’ के सक्रिय सदस्य सरदार वीर सिंह के आवास पर आज रविवार को बहुजनों के महानायक महाबली बाबा चौहरमल के जयंती के शुभ अवसर पर ‘अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल’ दीघा-पटना के ख्यातिप्राप्त चिकित्सकों द्वारा भव्य आँख जाँच एवं निःशुल्क नेत्र परीक्षण का आयोजन किया गया। इस निःशुल्क नेत्र परीक्षण में कुशल ख्यातिप्राप्त चिकित्सक डॉ. सतेन्द्र नारायण सिंह और सहायक चिकित्सक राजु सिंह द्वारा शिविर लगा कर निःशुल्क नेत्र जाँच-ऑपरेशन और निःशुल्क लेंस लगवाने के लिए नेत्र रोगियों को चिन्हित किया गया। जिसका आयोजन ‘शंखनाद’ परिवार के सदस्यों ने मिलकर किया। मौके पर साहित्यिक मंडली शंखनाद के सक्रिय सदस्य सरदार वीर सिंह जी ने कहा कि शंखनाद कोई राजनैतिक संस्था नहीं हैं, बल्कि यह एक साहित्यिक संस्था है। मानव होने के नाते हमें फर्ज है निःस्वार्थ भाव से साहित्य सेवा तथा आपस में एक दूसरे की सेवा, मानवता की सेवा यही साहित्यिक मंडली ‘शंखनाद’ का सबसे बड़ा धर्म व लक्ष्य और कार्य है।

महाबली बाबा चौहरमल के जयंती पर शंखनाद ने  नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया |

उन्होंने कहा कि उस समय ब्राह्मणवादी और सामंतवादी व्यवस्था चरम सीमा पर थी। बाबा चौहरमल जी स्वाभिमानी होने के नाते जीवन भर सामंतवादियों के विरूद्ध टक्कर लेने में ही व्यतीत किया। वे अपनी बुद्धिमता और ताकत के बल पर कई आततायी के छक्के छुड़ाये थे। मौके पर शंखनाद के महासचिव समाजसेवी साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि निस्वार्थ भाव से हर गरीब की सेवा करने वाला और जरूरतमंदों की मदद करने वाला ही सच्चा मानव धर्म निभाता है। सभी प्राणियों में मनुष्य को श्रेष्ठ इसलिए माना जाता है क्योंकि दया, क्षमा, प्रेम और परोपकार की भावना सिर्फ इन्हीं में देखने को मिलती है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि गरीबों की मदद के लिए समृद्ध लोग को हाथ बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महानायक महाबली बाबा चौहरमल जी देश में पूर्व काल के मनुवादी व्यवस्था पर स्थापित समाज को ध्वस्त कर समानता, स्वतंत्रता और भाईचारा पर आधारित समाज की स्थापना करना चाहते थे। वे बुद्ध के बाद सामजिक क्रांति के अग्रदूत और बौद्ध धर्म के विचारों से सराबोर महामानव थे। मौके पर साहित्यिक मंडली शंखनाद के अध्यक्ष इतिहासविद डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि समाजसेवियों को हमेशा गरीबों की सेवा करनी चाहिए। गरीब व लाचार लोगों की सेवा ही ईश्वर की पूजा है। क्योंकि सभी धर्मों के धर्म गुरुओं ने भी कहा है कि गरीबों की सेवा हर हाल में करनी चाहिए। तभी आपका अर्जित संपत्ति आपके काम आएगा। अगर आपके पास सब कुछ है और बगल का पड़ोसी बिना खाना खाए ही सो जाता है या कष्ट में है, तो आपका धन संपत्ति सब कुछ बेकार है।

महाबली बाबा चौहरमल के जयंती पर शंखनाद ने  नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया |

इसलिए सभी लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि आपके पास जो कुछ हो उसमें से थोड़ा बहुत गरीबों की सेवा में जरूर लगाएं। महाबली बाबा चौहरमल जी महामानव थे और अपने मंगल कृत्यों के कारण ही पूजे जाते हैं। बुद्ध संसार के प्रथम समाज सुधारक थे। इनके ही उपासक थे बाबा चौहरमल जी। विश्व में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नही होता है। समाज के कमजोर तबके की भलाई के लिए बाबा चौहरमल हमेशा संघर्ष करते। इस अवसर पर साहित्यिक मंडली शंखनाद के सदस्य श्री देवनारायण पासवान, सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा, विजय कुमार, राजदेव पासवान, ब्रज भूषण प्रसाद, यशपाल सिंह, समाजसेवी डॉ. हजारी लाल, समाजसेवी धीरज कुमार, युवराज सिंह,नितिन बिहारी, प्रिंस राज, सुनीता देवी, अभय प्रताप सिंह, विजेता वर्मा, गणेश कुमार, शिवांश विवान, सहित नालंदा जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के 80 लोगों का जाँच किया गया। जिसमें से 36 मोतियाबिंद रोगियों को चिन्हित किया गया। चिन्हित मोतियाबिंद रोगियों का ऑपरेशन एवं दवा लेंस और आने-जाने का भाड़ा सहित निःशुल्क 11 अप्रैल 2022 को अखण्ड ज्योति आई हॉस्पीटल दीघा घाट-पटना के कुशल चिकित्सक के द्वारा किया जाएगा।

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