बिहारशरीफ:- बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा समक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वधान में भगत सिंह,सुखदेव, राजगुरु को मल्ल्यापन कर पुष्प अर्पित करते हुए 92वीं बलिदान दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि बलिदान दिवस प्रत्येक वर्ष भारत में 23 मार्च को मनाया जाता है। 23 मार्च 1931 की मध्यरात्रि को अंग्रेज हुकूमत ने भारत के 3 सपूतों भगत सिंह, सुखदेव,और राजगुरु को फांसी पर लटका दिया था।
बलिदान दिवस के रूप में जाना जाने वाला यह दिन भारतीय इतिहास के लिए काला दिन माना जाता है, पर स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को देश की वेदी पर चढने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं।इन तीनों वीरों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए ही बलिदान दिवस मनाया जाता है। भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी लगनी जानी थी सुबह करीब 8:00 बजे। लेकिन 23 मार्च 1931 को ही इन तीनों को देर शाम करीब 7:00 बजे फांसी लगा दी गई और शव रिश्तेदारों को न देकर रातों रात ले जाकर सतलुज नदी के किनारे जला दिए गए।
अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों की बढ़ती लोकप्रियता और 24 मार्च को होने वाले विद्रोह की वजह से 23 मार्च को ही भगत सिंह और अन्य क्रांतिकारियों को फांसी दे दी थी। दरअसल यह पूरी घटना भारतीय क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत को हिला देने वाली घटना की वजह से हुई। भगत सिंह ने कहा था कि जनता को आपस में लड़ने से रोकने के लिए वर्गीय चेतना की जरूरत है। गरीब मेहनतकशों और किसानों को स्पष्ट समझा देना चाहिए कि तुम्हारे असली दुश्मन पूंजीपति हैं, इसीलिए तुम्हें इनके हाथकण्डों से बचकर रहना चाहिए और इनके हत्थे चढ कुछ न करना चाहिए। दुनिया के सारे गरीबों के चाहे वो किसी भी जाति नस्ल धर्म या राष्ट्र के हों अधिकार एक ही हैं।
तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम धर्म रंग नस्ल और राष्ट्रीयता व देश के भेदभाव मिटाकर एकजुट हो जाओ और सरकार की ताकत अपने हाथ में लेने का यत्न करो। इन यत्नों से तुम्हारा कुछ नुकसान न होगा,इससे किसी दिन तुम्हारी जंजीरे कट जाएगी और तुम्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी। इस मौके पर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद सादिक अजहर ने कहा कि आज जो सत्ता का सुख भोग रहे हैं वह उस जमाने में अंग्रेजों का मुखबिर हुआ करते थे जो देश के स्वतंत्रता के लिए एक कतरा भी खून नहीं बहाए थे। इस मौके पर प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद जिला उपाध्यक्ष रविशंकर दास अनिल पासवान सनोज कुमार दीपक कुमार रामप्रसाद दास हेमंती देवी आदि लोग उपस्थित थे।