नालंदा जिला के नगरनौसा में बिहारी कृषि परिवार के बैनर तले बालिका उच्च विद्यालय के प्रांगण मेंतीन कृषि काला कानून एवं किसान आंदोलन की सच्चाई पर एक सेमिनार किया गया। जिसकी अध्यक्षता चंद्रमौली शर्मा ने की। इस मौके पर बिहारी कृषि परिवार के अरुण सिन्हा डॉ मनोज कुमार एवं शहरी फुटपाथ विक्रेता संघ के अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने कहा कि11 महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। अभी तक केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। किसान अपनी लड़ाई के साथ साथ कुछ पूजी पतियों को छोड़कर देश के तमाम लोगों के लिए अन्न बचाने के साथ साथ मुंह का निवाला छीनने से बचाने के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं। सेमिनार में यह भी कहा गया कि जब तक केंद्र सरकार तीन कृषि काला कानून वापस नहीं लेता है इस तरह के सेमिनार नालंदा के विभिन्न जगहों पर होते रहेंगे और किसानों के साथ साथ आम जनता को तीन कृषि काला कानून और किसानों के आंदोलन की सच्चाई पर रूबरू करते रहेंगे। जब तक केंद्र सरकार तीन कृषि काला कानून वापस नहीं लेते हैं और m.p.s. पर कानून का तांबा नहीं पहनाते हैं
तब तक दिल्ली आंदोलन के साथ-साथ नालंदा जिला में इस तरह के सेमिनार कर किसानों को प्रेरित करते रहेंगे सेमिनार में तीन कृषि काला कानून एवं किसान आंदोलन की सच्चाई पर विशेष चर्चा पर बल दिया गया। यह कानून देश के कुछ लोगों को छोड़कर तमाम लोगों का मुंह का निवाला छीनने का कानून है। इतिहास में पहली बार ऐसा होगा कि अन्नदाता जो अन्न पैदा करते हैं उनके घर ना जाकर अनाज पूजी पंक्तियों के गोदाम में चला जाएंगा यह कानून 1955 का बना कानून का उल्लंघन कर भंडारा करने का अनुमति देता है सेमिनार में मांग किया गया कि जो कानून भंडारा करने का असीमअनुमति देता है ऐसा काला कानून हमें नहीं चाहिए इसे बाजार में भ्रष्टाचार और कालाबाजारी का बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर राजेंद्र जी रघुनंदन जी अरुण प्रसाद आनंदी जी इंद्रजीत जी अवधेश प्रसाद जैनेंद्र प्रसाद आदि लोग उपस्थित थे। इनके अलावा सैकड़ों लोग सेमिनार में उपस्थित थे।