Tuesday, July 1, 2025
No menu items!
No menu items!
HomeSample Page

Sample Page Title

बिहार शरीफ के रामचंद्रपुर में 5 फरवरी 2023 को ‘शेमुषी काव्य गोष्ठी’ का आयोजन किया गया ।कार्यक्रम का उद्घाटन मगही कवि उमेश कुमार उमेश प्रसाद उमेश , कार्यक्रम के संयोजक दीपक कुमार, अविनाश पांडेय , रंजीत दुधू,रूबी कुमारी, अल्पना आनंद तथा हास्य व्यंग्य कवि नागेंद्र मणि के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं मंत्र उच्चारण के साथ किया गया। साथ ही सभी अतिथियों का सम्मान फूल माला एवं अंग वस्त्र से किया गया।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत अविनाश पांडेय ने सरस्वती वंदना या कुदेंदु तुषार हार धवला से की।इसके बाद कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक रचनाएं पढ़ी गई।वैशाली जिला से आये हुए हास्य व्यंग्य कवि नागेंद्र मणि ने हास्य व्यंग्य से लोगों को खूब गुदगुदाया।
“तन का मिलन नहीं,मन का मिलन करो
मन का मिलन हो तो वन में बहार है
तन की मोहब्बत में मन रोया फूट फूट
घर छूटा गांव छूटा, छूटा रिस्तेदार है
मन की मोहब्बत में मीरा रमी राधा रमी
जिनकी मोहब्बत को पूजता संसार है
मन की मोहब्बत में सुख शांति शुकून है
तन की मोहब्बत तो छल का बाजार है”
वैशाली जिला से आए कवि नागेन्द्र मणि जी के इन पंक्तियों पर लोगों ने जमकर ठहाके लगाए और तालियाँ बजाई।
इसके बाद नालंदा की बेटी सुहानी कुमारी ने
“खुलकर हंस लो आज
यह मौका नहीं आएगा
जो पल तेरा बीत रहा
जाने कब लौट कर आएगा ।”
सुनाकर लोगों को खुलकर जीवन जीने के लिए प्रेरित किया।
नालंदा के हास्य कवि रंजीत दुधू जी ने जब मगही में हास्य व्यंग्य ” ई मोबइलवा हमरा ले काल हे जी के जंजाल हे” सुनाया तो लोग खड़े होकर ताली बजाने लगे एवं हँसते हँसते लोट पोट हो गए। दूसरी कविता
बुढ़िया मांगे रंगीन फोटो
बुढ़वा बायोडाटा
भीतर से बोल रहल पुतहुआ
नय हो घर में आटा।
नामक कविता सुनाई।
“शिक्षा है अनमोल रे।
मन की आंखें खोल रे।
अब न सीखेगा तो कब सीखेगा।
अभी नहीं अभी नहीं तो कभी नहीं।”
सिलाव से आये रामानुज पाण्डेय ने इन पंक्तियों के माध्यम से लोगों को जीवनपर्यंत सीखने के लिए प्रेरित किया।वही अविनाश पांडेय ने प्यार हमारा अमर रहेगा नामक हिंदी गीत को संस्कृत में
स्नेहो अस्माकं अमर: भविष्यति
स्मरिस्यति जगत सर्वम
गीत सुनाकर संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति के महत्व को समझाया।
इसके अतिरिक्त युवा कवि दीपक कुमार ने कविता के माध्यम से शांति, सद्भावना एवं भाईचारा बनाए रखने की अपील की । मगही कवि उमेश प्रसाद उमेश ने हमरा की टुकटुक ताक ह
नामक कविता प्रस्तुत कर वर्तमान व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए लोगो को सोचने पर मजबूर कर दिया। मौके पर उपस्थित कवियों ने भी एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाई।मंच संचालन मुजफ्फरपुर से आए हुए प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कवि अमीर हमज़ा ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन अविनाश पांडेय के द्वारा किया गया।शेमुषी काव्य गोष्ठी के आयोजन के लिए आयोजक मंडल अविनाश पांडे एवं समाजसेवी दीपक कुमार की भूरी भूरी प्रशंसा की।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments