वर्तमान सरकार हर मोड़ पर पूरी तरह विफल रही है। एक तरफ रोजगार का वादा था, वहां हर तरफ बेरोजगारी की बोलबाला है, दूसरी तरफ शिक्षा का वादा किया गया था। सरकार वहां भी कई सालों से निरंतर शिक्षा प्रणाली पूर्णतः बर्बाद और पूरी तरह से विफल रही है वहीं कोरोना और लॉकडाउन के दौर में सरकार का इलाज व सुविधा में प्रदर्शन चिंताजनक रहा है इन सभी बाते सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया-बिहार प्रदेश के महासचिव इंजीनियर एहसान परवेज ने एक बयान में कहा कि आज खराब सिस्टम की वजह से कोरोना पीड़ित लोगों को बेहतर इलाज और सुविधाएं मुहैया न रहने तथा ऑक्सीजन की पूर्ति न होने के कारण देश में लाखों मौतें हुई हैं जिनका मानवीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा सका। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में हजारों शव गंगा में तैरते देखे गए हैं। इन बिफलताओं पर पर्दा डालने के लिए वर्तमान सरकार अपनी नफरत की सियासत का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है
जिसके तहत मॉब लिन्चिंग तथा मस्जिदों की शहादत के वारदात लगातार हमारे सामने आ रहे हैं, एहसान परवेज ने आगे कहा कि उसी श्रृंखला के तहत, चोर दरवाजे से सी०ए०ए० को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है जिसके लिए सरकार द्वारा आवेदन मांगे गए है जो की राष्ट्र को ब्राह्मण वादी प्रणाली के तरफ धकेलने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है लेकिन देश के धर्मनिरपेक्ष लोग इस प्रयास को कतई सफल नहीं होने देंगे।एसडीपीआई बिहार प्रदेश महासचिव एहसान परवेज ने आगे कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया हमेशा सभी तरह के उत्पीड़न अत्याचार के खिलाफ सबसे आगे रहती है। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने सबसे पहले सी०ए०ए० के विरोध में एक आंदोलन शुरू किया है, जिसे एसडीपीआई कभी भी सफल होने नही देगी जहां आज भारतवर्ष में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया है जिसमें लाखों परिवारों ने भी हिस्सा लिया है।
एक ट्विटर अभियान के रूप में जो राष्ट्रीय स्तर पर और देश के अधिकांश प्रांतों में प्रांतीय स्तर पर नंबर 1 ट्रेंड में रहा है जिसमें बिहार ने भी सक्रिय भाग लिया और बिहार के 25 से अधिक जिलों में हजारों परिवारों ने भाग लिया इस विरोध में और बिहार में भी ट्विटर ट्रेंड पहले नंबर पर रहा जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने लगातार घंटों तक हिस्सा लिया.आंदोलन जारी रहेगा और अगर जरूरत पड़ी तो हम कार्यकर्ता और जनता को उनके घरों से बाहर निकाल कर मजबूत लोकतांत्रिक जन-आंदोलन निर्माण करने का काम करेंगे।