बिहारशरीफ के स्थित अंबेडकर चौक पचासा मोड पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में सावित्रीबाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था।
उनके पिता का नाम खानदोजी नैवेरी और माता का नाम लक्ष्मीबाई था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1841 में ज्योति राव फुले से हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया जिसका उद्देश्य था
विधवा विवाह छुआछूत मिटाना महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना वे एक कवित्री भी थी उन्होंने मराठी की आदिकवित्री के रूप में भी जाना जाता है। वे स्कूल जाती भी तो विरोधी लोग उन पर पत्थर मरते थे,उन पर गंदगी फेंक देते थे। आज से 151 साल पहले बालिकाओं के लिए जब स्कूल खोलने का पाप काम माना जाता था तब ऐसा होता था। सावित्रीबाई फुले पूरे देश की महानता है, कि हर बिरादरी और धर्म के लिए उन्होंने काम किया। इस अवसर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के जिला अध्यक्ष रवि शंकर दास उपाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद सह सचिव मोहन चौधरी महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष लालति देवी रंजू देवी कामता पासवान आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे।