बिहारशरीफ के स्थानीय हॉस्पिटल मोड के सत्यमार्ग मिशन ट्रस्ट में अखिल भारतीय सतगुरु कबीर विचार मंच के तत्वधान में सदगुरु कबीर जी का 646 वीं जयंती माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता राजगीर कबीर मठ के संचालक अध्यक्ष बलराम साहेब ने की। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सतगुरु कबीर साहेब एक समाज सुधारक थे। सतगुरु कबीर साहेब जी का जन्म विक्रम संवत 1455 अर्थात सन 1398 ईसवी में हुआ था। इनका जन्म काशी के लहरतारा के तालाब में कमल के फूल पर प्रकट हुए। मिर्जापुर से नीमा और नीरु गवना करा कर लौट रहे थे।नीमा को प्यास लगा और वह तलाव के पास गई और देखा कि एक बच्चा कमल के फूल पर लेटा हुआ है उसने गोद में उठा लिया और वह अपने घर को ले आई और पालन पोषण किए।पेशे से बुनकर थे। सतगुरु कबीर साहेब का जन्म ऐसे समय में हुआ था|
जब भारत में जातिवाद छुआछूत भेदभाव अंधविश्वास चरम सीमा पर था,उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए श्रवन परंपरा को स्थापित किए और विश्व को प्रेम, मानवता, भाईचारा और शांति का संदेश दिए। सतगुरु कबीर साहेब ने काशी के निकट मगहर में अपने प्राण त्याग दिए, उस जमाने में मनाता था कि काशी में मरने वाला सीधे स्वर्ग जाता है और मगहर में मरने वाला गधा बनता है, इसलिए सतगुरु कबीर साहेब मगहर में ही अपने प्राण त्यागे और दो कमल के फूल बन गए कमल के फूल पर प्रकट हुए थे और शरीर त्यागने के बाद भी कमल के फूल बनकर चले गए। सतगुरु कबीर साहेब एक महान अलौकिक पुरुष थे। कबीर साहेब प्रत्येक मानव के दिल में बसते हैं,उन्हें खोजने की कोई आवश्यकता नहीं है। हर मानव एक कबीर साहेब है। अंत में उपस्थित सभी लोगों ने शपथ के लिए की सतगुरु कबीर साहेब के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे और उनके उपदेशों को दूर-दूर तक फैलाएगें। इस मौके पर फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष सह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी, यूनियन बैंक के सहायक मैनेजर व फिल्म अभिनेता रविकांत कुमार,दरोगा रविंद्र राम,डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान, फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला कोषाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद, उमेश पंडित प्रीतम कुमार, कुणाल कुमार, रोहन चौधरी आदि लोग उपस्थित थे।