Saturday, September 21, 2024
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डी ए वी ,पावर ग्रिड कैम्पस  बिहार शरीफ में मनाया गया संस्कृत दिवस.

संस्कृत भाषा  को हम कतई भूल नहीं सकते  क्योंकि यह भाषा हमारे रोम रोम में समाई  है, हमारे रक्त के सूक्ष्म कणों में समाहित है ।  संस्कृत भाषा वह भाषा, देवों की भाषा है, आर्यों की भाषा है , ऋषि महर्षियों की भाषा है, हमारे संस्कारों की भाषा है, ।  संस्कृत हमारे संस्कृति की भाषा है, जो हमारे योग की परिभाषा है, जो हमें एकता के सूत्र में पिरोता है  ।  यह हमारा अलंकार है हम कैसे इस दिव्य भाषा से दूर रह सकते हैं । श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को भारत प्रतिवर्ष संस्कृत दिवस के रूप में मनाता है संस्कृत प्रेमी ही नहीं अपितु अपनी संस्कृति से अथाह प्रेम रखने वाले संपूर्ण भारतीय पूरे सप्ताह तक संस्कृत के प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं । डी ए वी विद्यालय संस्कृत को प्रश्रय प्रदान करने वाली एकमात्र शैक्षिक संस्थान है जो प्राचीन वैदिक संस्कृति के साथ साथ आधुनिक संस्कृति, ज्ञान विज्ञान को साथ लेकर चलने के दायित्व का निर्वहन कर रही है | पावर ग्रिड केंपस के छात्रों ने संस्कृत दिवस  के अवसर पर ऑनलाइन माध्यम से अपने प्रस्तुति को दर्ज किया है पांचवी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के द्वारा चित्रांकन प्रतियोगिता संस्कृत दिवस पर शुभकामना संदेश संस्कृत गायन  आदि में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । इन प्रतियोगिताओं में जिन प्रतिभागियों ने भाग लिया

डी ए वी ,पावर ग्रिड कैम्पस  बिहार शरीफ में मनाया गया संस्कृत दिवस.

उनके  प्रमुख नाम इस प्रकार है शुभम, साइना प्रभाकर, पलक सिन्हा, प्रियंवद: , कोमल सिंह ,गीतांजलि प्रिया प्रियांशु शाह प्रमुख है ।वही जूम एप्लीकेशन के माध्यम से संस्कृत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का  आयोजन नवमी तथा दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए किया गया|  प्रतियोगिता का शुरुआत डीएवी गान  तथा विद्यालय के प्राचार्य श्री पी सी दास के आशीर्वचन  के साथ हुआ । अपने आशीर्वचन के दौरान उन्होंने संस्कृत दिवस केवल एक दिन ना मना कर पूरे साल इन बात का ध्यान रखने के लिए शिक्षकों और छात्रों से निवेदन किया कि आप साल भर इस संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए कार्य करते रहें । उन्होंने कहा की संस्कृत शिक्षक छात्र और सामान्य जन सभी एकजुट होकर इस पवित्र और दिव्य भाषा को गति प्रदान करने का संकल्प लें । इसी क्रम में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री गोविंद जी तिवारी ने संबोधित करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए संस्कृत की सुरक्षा और अधिक से अधिक लोगों का वाग्व्यवहार आवश्यक है । एक संस्कृतनिष्ठ  व्यक्ति अपनी जिंदगी में सभी उतार-चढ़ाव को झेलने में सफल हो सकते हैं ।   इस संस्कृत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, संस्कृत के प्रमुख साहित्य आदि से प्रश्न पूछे गए ।  यह प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता  विद्यालय के 4 सदनों के बीच कराया गया जिनमें दयानंद और  अरविंद सदन प्रथम स्थान पर रहे, दूसरे स्थान पर टैगोर सदन एवं तृतीय स्थान पर विवेकानंद सदन के छात्र रहे । संपूर्ण  प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का  आयोजन विद्यालय के संस्कृत शिक्षक संजय कुमार सुमन ने किया |  संस्कृत प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता  के स्कोरर के रूप में श्री विजित कुमार थे |  प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का समापन विद्यालय के संस्कृत शिक्षक सर्वेश कुमार के धन्यवाद ज्ञापन तथा शांति पाठ के द्वारा किया गया| इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक पंकज कुमार सिन्हा, वामदेव झा , शिक्षिका तनुश्री चौधरी , श्री संतोष कुमार आदि  इस प्रतियोगिता के साक्षी बने ।

 

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