-रवींद्र भवन में बिहार दिवस पर गुंजा बिहारी अस्मिता का गीत -नालन्दा के कवि और गीतकार संजीव मुकेश ने लिखा है गीत ‘ चलें हम प्रेरित करें बिहार’ – सारेगामा फेम और पार्श्व गायक कुमार देवेश के दिया है स्वर, संगीतकार जफर मिर्जा ने दिया है विलक्षण संगीत – आइपीएस विकास वैभव के अभियान एलआईबी के पहले वार्षिकोत्सव पर रवींद्र भवन में हुआ गीत का लोकार्पण पटना। संवाददाता विक्रमशिला दीप्त हो जाये, नालंदा फिर दीप जलाये, मगध-पाटलिपुत्र संग में, वही ज्ञान-वैभव ले आये, फिर से विश्वगुरु बन जाएं, सपना हो साकार, चलें! हम प्रेरित करें बिहार…। आईये! मिलकर प्रेरित करें बिहार” । बिहार की मनहर सांस्कृतिक परम्परा से जुड़े इस गौरव गीत की भव्य लांचिंग रवींद्र भवन में मंगलवार को हुई। बिहार दिवस के मौके पर जब पूरे सूबे में जश्न का माहौल है ऐसे ही पावन मौके पर और लेट्स इंसपायर बिहार का पहला वार्षिकोत्सव भी मनाया जा रहा है। रवींद्र भवन में आयोजित रंगारंग कार्यक्रम के दौरान इस गीत के रचनाकार और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे कवि एवं गीतकार संजीव कुमार मुकेश और संगीतकार जफर मिर्जा समेत अन्य लोग मौजूद थे। इस गीत का निर्देशन शायर प्रबुद्ध सौरभ ने किया है जबकि सह निर्देशन कवि और गीतकार चंदन द्विवेदी का है। इस गौरव गीत में सारेगामा फेम कुमार देवेश ने स्वर दिया हैं। साथ ही महिला स्वर पूजा श्रीवास्तव और ललिमा दीक्षित का है। गीत की लॉन्चिंग के मौके पर तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गुंजायमान रहा। आईपीएस विकास वैभव सहित अन्य गणमान्य लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इस गीत का स्वागत किया।
बिहार के युवाओं का साझा प्रयास है यह गीतप्रदेश के पुराने गौरव को वापस लाने और युवाओं के प्रेरणास्रोत आइपीएस विकास वैभव के संकल्पना को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से नालंदा जिले के अस्थावां प्रखंड के जीयर गांव निवासी हिन्दी व मगही के प्रतिष्ठित कवि संजीव मुकेश ने यह गीत लिखा है। यह गीत बिहार के युवा प्रतिभा का साझा प्रयास है। मंगलवार को लॉंचिंग कार्यक्रम में लेट्स इंस्पायर बिहार के जनक सह गृह विभाग के विशेष सचिव आइपीएस विकास वैभव, शिक्षाविद गुरु रहमान, वरिष्ठ पत्रकार स्वयं प्रकाश, पत्रकार कन्हैया भेल्लारी समेत अन्य कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। जी टीवी के चर्चित शो सारेगामापा के फेम मुंगेर जिले के बाहाचौकी निवासी कुमार देवेश, नालंदा के संजीव कुमार मुकेश व छपरा के एकमा निवासी पूजा श्रीवास्तव व लालिमा ने इस गीत में आवाज दी है। मूलतः अरवल जिले के रहने वाले कवि , पत्रकार और गीतकार चंदन द्विवेदी का सह निर्देशन है।
राष्ट्रीय फलक पर उभरता चेहरा हैं संजीव मुकेश
युवा गीतकार संजीव मुकेश का गीत ‘यही तो मेरा देश है’ भी धूम मचा चुका है। संजीव मुकेश ने बताया कि बिहार हमेशा से गौरव की भूमि रही है। यह गौरव दुनिया भर में चिह्नित है। ऐसे में समय-समय पर युवाओं को प्रेरित करने की आवश्यकता होती है, ताकि यशगान कथनी और करनी से दुनिया भर में फैलाएं। श्री मुकेश इस गीत को बिहार के युवा वर्ग के एंथम के रूप में देखना चाहते हैं।
प्रभाकर कुमार राय व सतीश गांधी ने की थी परिकल्पना
गाने की परिकल्पना बिहार के बेगूसराय जिले के बछवाड़ा से ताल्लुक रखने वाले प्रभाकर कुमार राय व पटना के सतीश गांधी ने की है। निर्माण कवि मित्र फाउंडेशन व कर्मण्य इंटरटेनमेंट्स ने किया है।
बिहार के युवा का साझा प्रयास है यह गीत:
इस गीत को आवाज कुमार देवेश ने दिया है जो चर्चित टीवी शो सारेगामापा के सेमी फाइनलिस्ट रह चुके हैं। फीमेल लीड पूजा श्रीवास्तव व लालिमा की आवाज़ में है। गीतकार संजीव कुमार मुकेश ने भी इस गीत में अपनी आवाज़ दी है। साथ ही कोरस में ज़फ़र मिर्ज़ा जी ने अपना स्वर भी दिया है। वीडियो एडिटिंग बैशाली जिला के सुताई रत्ती गांव के प्रमोद श्रीवास्तव ने किया है। क्रिएटिव निर्देशन मीनाक्षी मुकेश ने किया है। वहीं ग्राफिक्स डिज़ाइन पटना के युवा डिज़ाइनर सौरव ने किया है। सहयोग युवा चिकित्सक धीरज कुमार शांडिल्य, शिक्षाविद अँजेश कुमार व समाजसेवी व उद्यमी के. एल. गुप्ता का है।
कौन हैं संजीव कुमार मुकेश
नालंदा जिले के अस्थावा प्रखंड के जीयर गांव निवासी संजीव कुमार मुकेश इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हैं। मुकेश का लिखा और गाया देशभक्ति गीत ‘यही तो मेरा देश है’ काफी चर्चित रहा है। घर के साहित्यिक पारिवारिक माहौल ने इन्हें कविता लिखने को प्रेरित किया। इनके पिताजी उमेश प्रसाद भी मगही से वरिष्ठ साहित्यकार हैं। पत्नी मीनाक्षी मुकेश व नौ साल का बेटा सार्थक शांडिल्य भी कविता लिखते हैं। कई सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्थानों से इनका जुड़ाव है।