Monday, December 23, 2024
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विगत 48 दिनों के दौरान 91080 परिवार में 1 लाख 30 हजार 746 लोगों का किया ईलाज आरएमपी,कोरोना काल में आरएमपी की भुमिका सराहनीय

बिहारशरीफ – कोरोना से जंग जितने में ग्रामीण मेडिकल प्रैकटिशनरों की भुमिका भी काफी सराहनीय रहा है। खासकर वैसे समय में जब लोग पॉजिटिव हाोने के कारण लोग जांच कराने के डरते थे। और ईलाज के लिए भी सरकारी या नीजी स्वास्थ्य केन्द्रों तक नहीं पहुंच पाते थे। ऐसे में आरएमपी ही एक सहारा था। अगर किसी को सर्दी, खांसी, बुखार जैसी समस्या हसेती थी तो गांव में ही मेडिकल प्रैक्टिशनरों से ईलाज करा लेते थे। और लोग ठीक भी हो रहे थे। लेकिन कोरोना के संभवित मरीज के तलाशने में स्वास्थ्य विभाग को काफी परेशानी हो रही थी। गांव में मेडिकल पैक्टिशनरों की संख्या, उनके माध्यम से कोरोना के संभावित मरीजों को ईलाज करने की संख्या, विभिन्न कारणों से मरने वालों क संख्या आदि जानकारी के लिए केयर इंडिया के माध्यम से एक सर्वे कराया गया। ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से कोरोना के संभावित मरीजों का सही आकलन किया जा सके। सीएस डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज मिले हैं। लोग जांच कराने से भाग रहे थे। नतीजतन संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही थी। ग्रमीण क्षेत्रों में ज्यादातर लोग आरएमपी का सहारा ले रहे थे। हलांकि रिपोर्ट भी अच्छी रही। मेडिकल प्रैक्टिशनरों द्वारा भी बेहतर ईलाज किया जा रहा था। इसी की जानकारी के लिए सर्वे कराया जा रहा था। जिसका परिणम भी बेहतर मिला है। आरएमपी के माध्यम से भी कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी सहयोग किया गया है। अच्छी संख्या में मरीजों को ईलाज कर ठीक किया गया है। सर्वे के अनुसार जिले में 1960 आरएमपी गांव मे सेवा दे रहे हैं। इन मेडिकल प्रैकटिशनरों द्वारा 1 लाख से अधिक मरीज देखें गए हैं। सबसे ज्यादा बिहारशरीफ प्रखंड में 238 और सबसे कम कतरीसराय में 39 आरएमपी है। लेकिन सबसे ज्यादा नुरसराय में 15 हजार 773 और सबसे कम बिंद प्रखंड में 188 मरीज देखें गए हैं। वहीं सबसे ज्यादा बेन से 349 और बिहारशरीफ से 346 एवं सबसे कम इस्लामपुर से 4 मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
कोरोना काल के दौरान आरएमपी की भूमिका काफी सराहनीय माना जा सकता है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार काफी कम संख्या में मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गांव में ही दवा देकर सही उपचार कर दिया गया है। विगत 48 दिनों के दौरान 1960 ग्रामीण मेडिकल प्रैक्टिशनरों द्वारा 91 हजार 80 परिवार के 1 लाख 30 हजार 746 कोरोन से संभावित मरीज का ईलाज किया गया है। जिसमें मात्र 2070 लोगो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राप्त सर्वे के अनुसार जिले में 1 मई से 17 जून के बीच विभिन्न कारणों से 1175 लोगों की मौत हुई है। मई महीने में 948 लोगों की मौत हुई है जबकि 17 जून तक 227 लोग मौत के शिकार हुए हैं। सबसे ज्यादा बिहारशरीफ प्रखंड से 250, रहुई से 88, हरनैत से 83 लोगों की किसी न किसी कारण से मौत हुई है, वहीं सबसे कम इस्लामपुर से 11, परवलपुर से 14, बिंद से 17 लोगों की मौत हुई है।

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