Sunday, December 22, 2024
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बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 21 जून 2021 को एसटीइटी के प्रकाशित रिजल्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह रिजल्ट पूर्णतः अवैध है

आज दिनांक 24 जून 2021 को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह स्नातक अधिकार मंच के संयोजक दिलीप कुमार ने बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 21 जून 2021 को एसटीइटी के प्रकाशित रिजल्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह रिजल्ट पूर्णतः अवैध है, इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की पूरी वैकेंसी 37335 सीट की थी इसी वैकेंसी पर पात्रता परीक्षा 15 पेपर की ली गई थी, दिनांक 12 मार्च 2021 को इसका रिजल्ट 12 पेपर का प्रकाशित किया गया था जिसमें 24599 प्रतिभागियों को परीक्षा में उत्तीर्ण दिखाया गया था एवं उसी दिन बिहार के शिक्षा मंत्री के साथ साथ शिक्षा विभाग के सचिव एवं शिक्षा आयुक्त के द्वारा यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया था कि जो भी रिजल्ट दिया गया है उनकी नौकरी पक्की है फिर पुनः 21 जून 2021 को दूसरा रिजल्ट तीन पेपर का प्रकाशित किया गया जिसमें 6077 छात्रों को उत्तीर्ण दिखाया गया यानी कुल मिलाकर 30 676 लोगों का रिजल्ट दिया गया तब भी पूरा वैकेंसी नहीं भर पा रहा था लेकिन किस आधार पर सरकार के द्वारा एक तीसरा मेरिट लिस्ट जारी कर दिया गया ,ना तो इस मेरिट लिस्ट का कोई गाइडलाइन है ना ही मेरिट लिस्ट कितने लोगों का रिजल्ट दिया इस पर कोई चर्चा है और पूर्व में जो प्रतिभागी उत्तिर्ण दिखाए गए थे उन्हें भी मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया जबकि रिजल्ट के बाद मेरिट लिस्ट बनाने का आधार विभाग के पास नहीं है ,फिर किस आधार पर इस तरह का धोखाधड़ी किया गया है इस रिजल्ट के बाद पूरे बिहार के छात्र अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं साथ ही शिक्षा मंत्री के द्वारा यह कहा जाना कि हमें समय दीजिए हम सब सही कर देंगे शिक्षा मंत्री रिजल्ट में उलटफेर करने वाले कौन होते हैं, जो वह सही कर देंगे । कहीं ना कहीं इसे देखने के बाद यह शिक्षा विभाग की घोर अनियमितता को उजागर करता है साथ ही साथ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाना भी साफ-साफ दिखता है दिलीप कुमार ने सरकार से मांग रखते हुए कहा है कि यदि सरकार को नौकरी देनी ही नहीं है सिर्फ हाईकोर्ट करवाना है तो वैकेंसी ही क्यों निकालती है,बिहार सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 21 जून 2021 को एसटीइटी के प्रकाशित रिजल्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह रिजल्ट पूर्णतः अवैध है

छात्रों का पैसा क्यों बर्बाद करवाती है, इससे तो अच्छा छात्र कम से कम घर पर मेहनत मजदूरी करके अपना पेट तो पाल लेंगे अपना सालों साल नौकरी पाने के लिए पढ़ाई की तैयारी में बिताने वाले छात्र आज पूरी तरह से बिहार सरकार से मायूस हो चुके हैं ,जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जितनी जल्द से जल्द हो सके इस रिजल्ट का गाइडलाइन जारी करें एवं छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करना बंद करें ॥ साथ ही छात्रों से भी संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि आप लोग संयम से काम ले पढ़े-लिखे लोग आंदोलन के लिए उतावले नहीं होते हैं इसलिए छात्र लोग भी संयमित होकर सरकार एवं कोर्ट के निर्णय का इंतजार करें॥ साथ ही दिलीप कुमार ने सरकार से पांच बातों की जानकारी एसटीइटी के छात्रों को देने की मांग की है॥
1 मेरिट के पहले भी उतना ही रिजल्ट और मेरिट के बाद भी उतना ही रिजल्ट तो छंटने वाले प्रतिभागी आखीर गए कहां ॥
2 जब सीट के अनुसार रिजल्ट और मेरिट के बाद उतना ही रिजल्ट तो आखिर पास स्टूडेंट के जगह पर कौन सिलेक्ट हुआ ॥
3 बिना कटऑफ के इस तरह का क्वालिफाइड करके क्वालिफाइड छात्रों का नॉट इन मेरिट में रिजल्ट देना इस तरह के रिजल्ट पर बहुत बड़ा संदेह पैदा करता है ॥
4 पूरी वैकेंसी के लिस्ट में रोस्टर में आरक्षण किस आधार पर किसको कितना सीट मिला यह बोर्ड ने क्लियर क्यों नहीं किया ॥
5 प्रत्येक सब्जेक्ट में कैटोगरी वाइज कट ऑफ मार्क क्यों जारी नहीं किया गया॥
जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि बिहार सरकार की कोई भी वैकेंसी बिना कोर्ट गए हुए फाइनल नहीं होती है ऐसा नहीं है कि सिर्फ छात्र ही कोर्ट जाते हैं कहीं न कहीं सरकार के द्वारा भी पिछले दरवाजे से किसी को पार्टी बनाकर कोर्ट भिजवा कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है’ जिस वैकेंसी की परीक्षा सालाना होनी चाहिए उसे कोर्ट का सहारा लेकर पांच 5 वर्ष पर 7 वर्ष पर लिया जाना यह राज्य के पढ़े-लिखे छात्रों के साथ बहुत बड़ी धोखाधड़ी है सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा॥

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