राजगीर:- राजगीर के कबीर चौरा मठ गोलाघाट के धरोहर को बचाने के लिए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वधान में आक्रोश मार्च निकाला गया। यह मार्च प्रशिक्षु कार्यपालक के विरुद्ध नारा लगाते हुए राजगीर के कबीर चौरा मठ से निकलकर राजगीर नगर परिषद के समक्ष पहुंचकर धरना में तपलिव्ध (बदल) हो गया और लोग धारना पर बैठ गए। धरना के माध्यम से 2 सूत्री मांगों से संबंधित राजगीर के प्रशिक्षु कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया।
आक्रोश मार्च की नेतृत्व मठ के महंत बालो दास कर रहे थे।इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मठ के अध्यक्ष अनिल पासवान एवं प्रदेश महासचिव बलराम दास जिला परिषद अनीता गलहौत पूर्व जिला परिषद सत्येंद्र पासवान (इन चारों)ने संयुक्त रूप से कहा कि भारत की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 में हुई थी और उसे भी पहले राजगीर के कबीर चौरा मठ गोलाघाट की नींव डाली गई थी और तब से विराजमान है, इनका इतिहास 200 वर्ष पुरानी है।इस धरोहर को बचाने के लिए बकाफत तेज हो गई है। मठ के अंदर बन रहे साधु-संतों महिलाओं के लिए शौचालय को राजगीर के प्रशिक्षु कार्यपालक पदाधिकारी के नितृत्व में तोड़ दिया गया था, जिसका विरोध आज धरना प्रदर्शन के द्वारा किया गया।
आगे दोनों ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार स्वच्छ भारत का नारा दे रही है और दूसरी तरफ बन रहे शौचालय को तोड़ा जा रहा है।यह एक राजनीतिक साजिश के तहत शौचालय को तोड़ा गया है यह कदापि बर्दाश्त नहीं होगा अगर राजगीर के नगर परिषद द्वारा पुनः शौचालय का निर्माण नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा और साथ ही साथ न्याय प्रसंद जनता से आह्वान किए की इस आंदोलन में कबीर चौरा मठ के धरोहर को बचाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में बढ़-चढ़कर शामिल हों एवं आगे अबें।
मांग:-(1) मठ के तोड़े गए शौचालय को राजगीर नगर परिषद के खर्च पर पुनः निर्माण कराया जाए।
(2) मठ का बाउंड्री जिलाधिकारी द्वारा निर्माण कराया जाए। फुटपाथ संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने मांगों को समर्थन हुए कहा कि राजगीर धर्म स्थली एवं पर्यटक स्थल है प्रशासन साधु संतों को तंग तबाह करना बंद करें और प्रशासन से मांग करती है कि इन मांगों को जल्द से जल्द अमल (पहल) करे।
धरना-प्रदर्शन की अध्यक्षता असंगठित कामगार एवं कर्मचारी के अमित पासवान ने की।
इस मौके पर महंत विजय दास जिला पार्षद नूतन देवी उमेश पासवान कोहली मुन्ना पासवान मुन्ना कुमार मुन्ना दास नगीना पासवान मंजू देवी पवन कुमार संतोष पासवान हेमंती देवी मालती देवी नूूतन देवी मोहन साव राजीव कुमार कुलदीप राजवंशी सीताराम पासवान अरुण पासवान आदि सैकड़ों की संख्या में साधु संत महिला पुरुष उपस्थित थे।