Saturday, September 21, 2024
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सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में धरना प्रदर्शन जारी

सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में पुरानी पेंशन के मांग को लेकर ईसीआरकेयू के बैनर तले लगातार तीसरे दिन धरना प्रदर्शन जारी है। तीसरे दिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिन में 9:00 बजे से 4:00 बजे तक यूनियन पदाधिकारियों ने प्रशासनिक भवन के सामने भूख हड़ताल किया। भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के अलावे कारखाना में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों ने भोजनावकाश के समय धरना स्थल पर आकर इनका समर्थन और हौसला अफजाई किया। ईसीआरकेयू के अध्यक्ष महेश महतो ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में एकजुट होकर सभी विभाग के कर्मचारियों को अपने हक की लड़ाई पेंशन के लिए अपना आवाज बुलंद करने का आह्वान किया। वक्ताओं में बच्चा लाल प्रसाद ने कहा कि यदि हमें पुरानी पेंशन नहीं मिला तो हमें बुढ़ापे में कोई नहीं पूछेगा। जीवन यापन करना मुश्किल हो जाएगा। अपने बुढ़ापे को सुदृढ़ करने के लिए हमें ओपीएस के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। रमेश राम ने ओपीएस के संघर्ष में कर्मचारियों के उपस्थित का उलाहना देते हुए कहा कि जिस दिन सभी कर्मचारी एकजुट होकर पुरानी पेंशन के लिए संघर्ष करेंगे, उसी दिन पुरानी पेंशन मिलना तय है। गिरिजा प्रसाद ने अपने हक के लिए अभी का सुख-चैन त्याग कर ओपीएस के संघर्ष में आने के लिए कर्मचारियों का आह्वान किया। राकेश रंजन ने ट्रांसपोर्टेशन वालों के हड़ताल का उदाहरण देते हुए कर्मचारियों से आह्वान किया कि हमें अपने संघर्ष के लिए अपना संपूर्ण जज्बा दिखाना होगा। विपिन कुमार ने एनपीएस और ओपीएस के अंतर को बताते हुए कहा कि एनपीएस के तहत मिलने वाली राशि आयकर के दायरे में आएगी तथा इस पर कोई महंगाई भत्ता भी नहीं मिलेगा। पवन कुमार ने ओपीएस के पुनर्वहाली हेतु देशव्यापी हड़ताल के लिए कर्मचारियों को तैयार रहने का आह्वान किया मनोज मिश्रा ने ओपीएस के लिए फेडरेशन के द्वारा किए जा रहे कार्यों का चर्चा करते हुए कहा कि यह चुनावी वर्ष है। वर्तमान केंद्र सरकार केवल वोट की चोट से डरती है ।‌ इस चुनावी वर्ष में यदि कर्मचारी अपने संघर्ष के बदौलत ओपीएस नहीं प्राप्त करते हैं तो यह लड़ाई आगे और मुश्किल हो जाएगी। इसलिए नारा दिया गया है कि “अभी नहीं तो कभी नहीं”। भूख हड़ताल के नेतृत्वकर्ता शाखा सचिव पूर्णानंद मिश्रा ने ओपीएस के इस लड़ाई में कर्मचारियों के साथ-साथ कर्मचारियों के परिजन को भी अपना योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई कर्मचारी ओपीएस की लड़ाई नहीं लड़ कर घर पर बैठा हुआ है तो उसके परिजनों को अपने सुरक्षित भविष्य एवं गरिमापूर्ण बुढ़ापा के लिए कर्मचारियों को जबरदस्ती संघर्ष के लिए भेजें । 11 जनवरी को इस चार दिवसीय भूख हड़ताल का अंतिम दिन है। इस भूख हड़ताल में उक्त प्रतिनिधियों के अलावा पूनम कुमारी बासुकीनाथ उपाध्याय मृत्युंजय चौबे सच्चिदानंद मंडल सहित दर्जनों कर्मचारी अपना छुट्टी लगाकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे। शाखा सचिव ने बताया कि कल 11 जनवरी को इनके अलावा और कई कर्मचारियों ने छुट्टी पर रहकर भूख हड़ताल में सम्मिलित होने का सूचना दिया है। यदि इस संघर्ष के बावजूद भी केंद्र सरकार 26 जनवरी को ओपीएस के पुनर्विवाहली करने का घोषणा नहीं करती है तो फरवरी में जेएफआरओपीएस नेतृत्व पूरे भारत में सभी विभाग को एकजुट कर एक साथ हड़ताल करने के तिथि का घोषणा करेंगा।

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