जिस देश और सभ्यता ने ज्ञान को अपनाया है, उसका विकास अनोखी गति से हुआ है और इतिहास इस बात का साक्षी है।शिक्षा के महत्व का शब्दों में वर्णन करना बहुत मुश्किल है और इसलिए हर साल आठ सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उपरोक्त बातें महाविद्यालय के एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कामना ने साक्षरता दीवस कार्यक्रम दरम्यान कहा । साथ ही उन्होंने कहा कि देश और समाज के लिए शिक्षा बहुत जरूरी होती है। साक्षरता का अर्थ है शिक्षित होना अर्थात् पढने और लिखने की क्षमता से संपन्न होना। उपरोक्त दिवस के ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय से सटे दरियापुर टोले में वहां के बच्चों व महिलाओं को खासकर साक्षरता जागरूकता अभियान चलाया गया और लोगों को साक्षर होने को संकल्पित किया गया।तथा इस वर्ष की थीम ‘परिवर्तनशील दुनिया में साक्षरता को बढ़ावा देना: स्थायी और शांतिपूर्ण समाज की नींव का निर्माण करने के विषय पर लोगों को जानकारी दी गयी ।
वहीं महाविद्यालय के स्पोर्ट्स इंचार्ज डॉ राहुल प्रसाद ने कहा कि निरक्षरता अंधेरे के समान है और साक्षरता प्रकाश के समान है। इसलिए व्यक्ति का साक्षर होना अतिआवश्यक है, जिससे व्यक्ति को अपने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान हो और वह समाज के प्रति अपने अधिकारों और दायित्व का निर्वाहन भली-भांति कर सके साथ ही सभ्य समाज के लिए लोगों का शिक्षित होना बेहद जरूरी है। इस अवसर पर एन. एस.एस. के प्रेम कुमार ,सूर्य कुमार,कशिश कुमार ,सूरज कुमार,दीक्षा कुमारी ,स्मिता कुमारी ,मधु कुमारी ,प्लाजा कुमारी, राजीव कुमार ,शानू कुमार,आरती कुमारी,शशि शेखर ,विक्की कुमार ,शांतनु कुमार ,नीरो राजवंशी ,गोलु कुमार ,अनुपम कुमार, नीरो राजवंशी, प्रमिला देवी, नीरज आदि उपस्थित थे ।