विश्व गौरैया दिवस के मौके पर नालंदा शोध संस्थान एवं महाविद्यालय के सभागार में गौरैया संरक्षण एवम जागरूकता अभियान का कार्यक्रम किया गया । कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन महाविद्यालय के सचिव प्रो. डॉ. अनिल कुमार गुप्ता,विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ.सुधीर रंजन ,समाजसेवी डॉ.आशुतोष कुमार मानव , गौरैया विहग फाउंडेशन के संस्थापक राजीव रंजन पांडेय, लोक गायक भैया अजीत ,सद्भावना मंच (भारत) के संस्थापक दीपक कुमार ,कवियत्री डॉ.रेखा सिंहा,प्रो.निमिष रंजन प्रसाद ,विभागाध्यक्ष जंतु विभाग एवम राकेश बिहारी शर्मा ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नालंदा शोध संस्थान एवम् महाविद्यालय के सचिव प्रो. डॉ.अनिल कुमार गुप्ता ने की तथा संचालन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ) राकेश रंजन प्रसाद ने किया ।कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में नालंदा शोध संस्थान एवम् महाविद्यालय के सचिव प्रो. डॉ.अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि गौरैया से लोगो को प्यार करना चाहिए ,गौरैया को बचाने की जरूरत है । हम सभी लोगो का कर्तव्य बनता है की प्रत्येक दिन गौरैया को दाना पानी देने की जरूरत है और घोसला लगाने की जरूरत है ।तब जाकर हर घर में खुशहाली आएगी ।गौरैया संरक्षण आज के दौर में बहुत जरूरी है यह इकोसिस्टम के लिए अहम है ।संचालन करते हुए प्राचार्य डॉ.राकेश रंजन प्रसाद ने गौरैया दिवस के मौके पर कहा कि दैनिक व्यवहार में बदलाव सहित कई कारणों से घर आंगन की गौरैया हमसे दूर चली गई है।अगर समय रहते इनका संरक्षण नहीं करेंगे तो एक दिन यह विलुप्त हो जायेगी। इसलिए गौरैया के संरक्षण के लिए जागरूकता जरूरी है।
वही प्रख्यात समाजसेवी डॉ. आशुतोष कुमार मानव ने पर्यावरण संरक्षण हेतु पंक्षी संरक्षण सहित जागरूकता पर बल दिया ।प्रख्यात लोक गायक भैया अजीत ने अपनी शानदार गायन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया । राजगीर के पूर्व विधायक रवि ज्योति ने गौरैया संरक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि विनाश से ज्यादा शक्ति निर्माण का होता है ।प्रसिद्ध कवियत्री डॉ रेखा सिन्हा ने गौरैया संरक्षण हेतु लोगों का आवाहन किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप उपस्थित गोरैया विहग फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक राजीव रंजन पांडेय ने अपनी गतिविधियों से लोगों को अवगत कराया और बताया कि कैसे गौरैया संरक्षण कि दिशा में कार्य किया जा रहा है।हमारी टीम गौरैया को संरक्षित करने को लेकर घोंसला और फीडर बॉक्स बनाती हैं।सद्भावना मंच( भारत)के संस्थापक तथा समाजसेवी दीपक कुमार ने कहा कि गौरैया संरक्षण आज के दौर में बहुत जरूरी है यह इकोसिस्टम के लिए अहम है । गौरैया के संरक्षण के साथ दूसरी चिड़ियों का भी संरक्षण होता है।मौके पर वक्ताओं ने कहा कि एक वक्त हमारे घर आंगन में गौरैया हमें खोजते हुए दाना पानी के लिए आती थी और आज हालात यह हो गया है कि इंसान गौरैया को खोज रहा है। जाहिर है गौरैया हमसे नाराज होकर हमसे दूर चली गई है। गौरैया सुख-समृद्धि की प्रतीक है, और हर घर आंगन में इसका होना शुभ माना जाता है। नालंदा में भी गौरैया के घर वापसी की पहल हो रहा है वह सराहनीय है ।कार्यक्रम में अतिथियों के बीच घोंसला वितरण किया गया ।मौके पर निमीष रंजन प्रसाद विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान ने गौरैया और मानव के पुरातन संबंधों का वैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत किया। वही प्रो. श्रवण कुमार विद्यार्थी ने कहां की ओ गौरैया मेरे अंगने में आजा ।
गौरैया को बचाने के लिए पहल जरूरी है।सभी लोगो का प्रयास ही सार्थक रंग दिखाएगा।
पहले उनके घर आंगन में गौरैया का जमावड़ा लगा रहता था लेकिन अचानक से गायब हो गई, लेकिन विलुप्ति को देखते हुए संरक्षण की जरूरत है । दाना पानी रखने, बॉक्स लगाने की पहल को अमल किया तो फिर से घर में गौरैया रहने लगेगी ।
कार्यक्रम में डॉ मनीष रंजन प्रसाद प्रो.प्रेय रंजन , प्रो. श्रवण कुमार विद्यार्थी ,अरविंद प्रसाद सिंह,चंदन कुमार सहित पूरे महाविद्यालय परिवार का सराहनीय योगदान रहा।