जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली के चेहराकला प्रखंड में पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के लोगों को कुछ आए या ना आए लेकिन राजनीति की बात करना बहुत अच्छे से आता है।
जहां चार आदमी बैठ जाते हैं उनके पास नौकरी नहीं है, जेब में पैसा नहीं है लेकिन देश-विदेश की राजनीति का पूरा ज्ञान है। इस अभियान को इसलिए चलाया जा रहा है और आपको हाथ जोड़कर समझाया जा रहा है कि अगर आप अपने और अपने बच्चों की चिंता नहीं करेंगे, उनकी पढ़ाई और रोजगार की चिंता नहीं करेंगे तो कोई दल या कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। जब आपको अपने बच्चे की चिंता नहीं है तो नेता को गाली देने से क्या होगा?
उन्होंने कहा कि पदयात्रा के दौरान गांव-गांव में देख रहें है कि
छोटे-छोटे बच्चे पदयात्रा में आते हैं, जिनके पैरों में चप्पल और शरीर पर कपड़े नहीं है। वो बच्चे जब पढ़ने जाते हैं तो स्कूल में पढ़ाई नहीं बल्कि पिलुआ वाली खिचड़ी खाने जाते हैं। बच्चा पढ़कर घर में बेरोजगार बैठा है या फैक्टरी में मजदूरी कर रहा है, लेकिन आपको अपने बच्चों की चिंता ही नहीं है। आपको चिंता है अपनी जाति की, भारत-पाकिस्तान की, आपको मोदी जी का 56 इंच का सीना दिख रहा है लेकिन अपने बच्चे का भूख से सिकुड़ा सीना नहीं दिख रहा है, ये बिहार के लोगों की दुर्दशा है।