जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर रोजगार के नाम पर लोगों को बरगलाने की कोशिश करने की बात कही। बिहार के मुख्यमंत्री जो खुद को सुशासन बाबू कहलाना पसंद करते हैं, उनके सुशासन की पोल खोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार शिक्षा का केंद्र बन सकता है, बिहार स्वास्थ सेवाओं का केंद्र, पर्यटन का केंद्र बन सकता है। बिहार में व्हाइट कॉलर जो पढ़े-लिखे लोगों की जॉब है जो टेक्नोलॉजी की जॉब है, वो आ यहां आ सकती है। आज लोग बताते हैं कि बिहार में उद्योग इसलिए नहीं लग रहा है, क्योंकि इस राज्य में खनिज नहीं है। आज देश में TCS और इंफोसिस जैसी कंपनियां लाखों लोगों को जॉब देती हैं। TCS और इंफोसिस को खनिज नहीं चाहिए, तो क्या हम बिहार में ऐसी आईटी कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए नहीं बुला सकते?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पढ़े-लिखे आदमी होकर कभी-कभी हंसने वाली बात करते हैं। बोलते हैं यहां समुद्र नहीं है। कोई मुझे बताए कि अगर पटना में सॉफ्टवेयर पार्क खोलते हैं, तो इसके लिए समुद्र का क्या लेना-देना। तेलंगाना में समुद्र नहीं है, लेकिन आज वहां कर्नाटक के बाद देश में दूसरे स्थान पर सबसे ज्यादा आईटी पार्क खुल रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में भी समुद्र नहीं हैं पर इसके अलावा वहां के लोगों को रोजगार मिल रहा है। जनता को बरगलाने के लिए हर दो साल बाद कुछ न कुछ बोल देते हैं। नीतीश कुमार जब पहले लालू के विरोध में थे तब कहा करते थे कि झारखंड का बंटवारा हो गया तो बिहार में केवल लालू-आलू-बालू बचा है इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है। नीतीश कुमार इसके बाद कहे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल रहा इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है। आज कल कहने लगे कि समुद्र नहीं है इसलिए उद्योग नहीं लग रहा है। बीते 17 सालों में ये अब तक तय ही नहीं कर पाए कि किन कारणों से बिहार में उद्योगों की स्थापना नहीं हो सकी।