Monday, December 23, 2024
Homeपॉलिटिक्सनीतीश सरकार के जातिगत गणना की आर्थिक रिपोर्ट को प्रशांत किशोर ने...

नीतीश सरकार के जातिगत गणना की आर्थिक रिपोर्ट को प्रशांत किशोर ने बताया फर्जी, कहा

पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार की ओर से पेश किए गए जातिगत जनगणना की आर्थिक रिपोर्ट के आंकड़ों को फर्जी बताते हुए कहा कि मैं पदयात्रा करते समय रोज अपनी सभा में कहता हूं कि बिहार में 80% लोग यानी कि 100 में 80 आदमी दिन में 100 रुपय नहीं कमाते हैं। सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं वो जनता को बेवकूफ बनाने वाली बात है। हाउसहोल्डिंग कम है ये इंडीविजुअल इनकम नहीं है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़े उठाकर देख लीजिए 80% बिहार के लोग दिन का 100 रुपय नहीं कमाते हैं। ये जानने के लिए नीतीश कुमार के सर्वे की रिपोर्ट को देखने की जरूरत नहीं है। इंटरनेट पर ये डेटा पड़ा है। दुनिया के जो सबसे
ऑथेंटिक डेटा सोर्स है वो इस सच्चाई को बता रहे हैं। नीतीश कुमार की फर्जी डेटा और क्लेम को पढ़ने की जरूरत नहीं है।

बिहार में नेता को भले “विकास” में हरसई और दीर्घ ई की मात्रा लिखनी न आती हो, मगर वो विकास पर लंबा-चौड़ा भाषण जरूर दे रहा है: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने बिहार के नेताओं की पोल खोलते हुए कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि भैया दिन की मजदूरी 300 रुपया है तो 100 रुपया कैसे है? मान लीजिए कि किसी परिवार में एक आदमी को मजदूरी मिली 300 रुपये और उस परिवार में 5 सदस्य हैं तो हर सदस्य के दिन में पड़ा 60 रुपये। इतना ही नहीं आदमी को महीने में सिर्फ 15 दिन मजदूरी मिली तो 1 व्यक्ति की प्रति व्यक्ति आय मात्र 30 रुपये हुई। जब यहां के आदमी को समझ ही नहीं है तो क्या कहा जाए। बिहार में नेता वही है जिसे न भाषा का ज्ञान हो न विषय का ज्ञान हो, जो शर्ट के ऊपर गंजी पहने उसी को समाज जमीनी नेता मानता है। जो जीवन में कभी स्कूल नहीं गया, फेल हुआ सबसे पिछली बेंच पर बैठा, वही यहां का नेता है। विडंबना देखिये कि वही बताता है कि विकास हो रहा है। नेता को भले “विकास” में हरसई और दीर्घ ई की मात्रा लिखनी न आती हो, मगर वो विकास पर लंबा-चौड़ा भाषण दे रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments