नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश के साथ-साथ जर्मनी और कनाडा के सोशल मिलिया पेज से हुआ लोकार्पण ,नए बिहार और नालंदा के साथ-साथ देश के साहित्यिक-सांस्कृतिक चित्रण का प्रयास कर रहे हैं संजीव मुकेश, भारत की साहित्यिक-सांस्कृतिक चेतना का संगीतबद्ध गीत ‘यही तो मेरा देश है’ आज भारत के साथ जर्मनी और कनाडा के 25 से अधिक सोशल मिलिया पकटफॉर्म पर लोकार्पित किया गया । गीत के रचियता हैं बिहार के नालंदा निवासी प्रसिद्ध युवा कवि संजीव कुमार मुकेश। गीत का लोकार्पण अंतर्राष्ट्रीय कवियित्री डॉ अनामिका जैन ‘अंबर’, हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष प्रसिद्ध ओज कवि सौरभ जैन ‘सुमन’, आज तक के एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर प्रसिद्ध गीतकार पंकज शर्मा, साई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के अध्यक्ष शिक्षाविद अँजेश कुमार, बिहार के दिल्ली में प्रसिद्ध व्यवसायी इंस्टेंट लॉजिस्टिक के मालिक के एल गुप्ता, वरिष्ठ मगही कवि उमेश प्रसाद ‘उमेश’ और संजीव कुमार मुकेश ने पटना, दिल्ली, मेरठ, नोएडा से वर्चुअल रूप में किया। डॉ अनामिका जैन ‘अम्बर’ और सौरभ जैन ‘सुमन’ ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि ‘यही तो मेरा देश है’ गीत के शब्द विन्यास, शिल्प में सहजता के साथ राष्ट्रप्रेम जागृत करने का सार्थक प्रयास है। उन्होंने कम समय मे राष्ट्रीय मंचों पर मुकेश की शानदार उपस्थिति के लिए बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित किया और कहा कि यह गीत जन-जन का गीत बनेगा ऐसा विश्वास है।आज तक के एग्जीक्यूटिव डिप्टी प्रोड्यूसर प्रसिद्ध गीतकार पंकज शर्मा ने कहा कि अच्छे गीत हमेशा प्रेरित करते हैं और तब उन गीतों के लिए किए गए प्रयास भागीरथी हो जाते हैं। ‘यही तो मेरा देश है’ ये गीत मेरे प्रिय भाई श्रेष्ठ गीतकार संजीव कुमार मुकेश जी के प्रयासों की गंगा है और समस्त देश की भावनाओं में चेतना संचार का माध्यम भी। राष्ट्रवंदना का अनुपम उपहार है ये संजीव भाई की तरफ से हम सबके लिए। अन्य कलाकारों के काम की सराहना करते हुए कहा कि एक सलाम उन सबके नाम जिन्होनें इस गीत में अपनी भूमिकाओं से सितारे जड़ने का काम किया है।
इस गीत के प्रायोजक साई ग्रुप और इंस्टीच्यूशन्स के अध्यक्ष शिक्षाविद श्री अँजेश कुमार और बिहार के आकार दिल्ली में अपने बूते बड़ा व्यवसाय खड़ा करने वाले समाज सेवी के एल गुप्ता ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के साहित्यिक-सांस्कृतिक समग्र चेतना का यह गीत निःसंदेह लीगों को काफी पसंद आएगा। संजीव मुकेश राष्ट्रीय स्तर पर हमेशा बिहार और हिंदी-मगही की आवाज अपनी कविता के माध्यम से बुलन्द करते आये हैं। साईं ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन्स और इंस्टेंट लॉजिस्टिक हमेशा बिहार के प्रतिभा को आगे बढ़ने का काम करती रही है और आगे भी करेगी। प्रसिद्ध संगीतकार ज़फ़र मिर्ज़ा द्वारा संगीबद्ध किए गए इस गीत को आवाज भी स्वयं कवि संजीव कुमार मुकेश ने ही दिया है। संजीव के अनुसार यह गीत भारत की समग्र चेतना का गीत है। इसमें पूरे भारत में मौजूद सभी अवयवों का एकीकृत चित्रण है जो परत-दर-परत भारत को समझने और उस पर गर्व करने का माध्यम बनता है। संजीव कुमार मुकेश कवि-सम्मेलन मंचों पर भी लगातार हिन्दी एवं मगही कविताओं का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। राष्ट्रीय मंचों और प्रमुख टेलीविज़न चैनलों के अलावा उनकी कविताएँ पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती रही हैं।
इस गीत का फिल्मांकन देश की राजधानी दिल्ली सहित बिहार के कई स्थानों पर किया गया है। वीडियो में नए बिहार की तस्वीर में जहाँ राजगीर का नेचर सफारी, जल मंदिर, नौ लक्खा मंदिर, पावापुरी का जल मंदिर, प्रसिद्ध प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष तो पटना के गंगा घाट के साथ-साथ नवादा स्थित ककोलत जल प्रपात को भी स्थान दिया गया है। कवि मित्र फाउंडेशन की प्रस्तुति इस गीत का निर्माण कर्मण्य इंटरटेनमेंट्स कर रहा है और इसके निर्देशक हैं कर्मण्य इंटरटेनमेंट्स के डाइरेक्टर प्रबुद्ध सौरभ। प्रबुद्ध सौरभ स्वयं भी लेखन से जुड़े हैं और उनकी कई रचनाओं पर भी गीत बन चुके हैं। इस से पहले उन्होंने ‘धरती की शान किसान’ और ‘मैं शक्ति’ समेत लगभग एक दर्ज़न गानों और शॉर्ट फ़िल्मों का निर्देशन किया है। गीत के वीडियो में पोएम भारद्वाज, पूजा शर्मा और लक्ष्मी भारद्वाज के साथ मीनाक्षी मुकेश भी नज़र आ रहीं । ग्राफिक्स डिज़ाइन पटना के प्रसिद्ध ग्राफिक्स डिज़ाइनर सौरभ कुमार ने किया है। इसे पूरे प्रोजेक्ट में शिक्षाविद अँजेश कुमार और पटना सिटी के कन्हाई लाल गुप्ता का सहयोग मिला है। समन्वय डॉ प्रतीक गुप्ता और गुरमीत गुनी जी का है। न्यूज़ टुडे ग्रुप के साहित्य तक, बिहार तक, भारत तक सहित ज़ी बिहार झारखण्ड पर भी दिखेगा यह गीत इस गीत को कई पेज और यूट्यूब चैनल से रिलीज किया गया-
दिल्ली
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उत्तर प्रदेश
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मध्यप्रदेश
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विदेश से जर्मनी और कनाडा से संचालित पेज ‘सृजनी’ से
कौन हैं संजीव कुमार मुकेश
साहित्यिक पारिवारिक माहौल ने कविता लिखने को किया प्रेरित। पिताजी श्री उमेश प्रसाद उमेश भी हैं मगही से वरिष्ठ साहित्यकार। पत्नी श्रीमती मीनाक्षी मुकेश व नौ साल का बेटा सार्थक शांडिल्य भी लिखता है कविता।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत मुकेश “सामयिक परिवेश” साहित्यिक पत्रिका के संपादक भी हैं।
कई सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्थान से है जुड़ाव-
संयोजक- माँ मालती देवी स्मृति सम्मान न्यास, बिहार शरीफ
मार्गदर्शक – सूर्यनारायण जागृति मंच, बड़गांव, नालंदा
राष्ट्रीय संयोजक – विश्व मगही परिषद, नई दिल्ली
सहायक संपादक – कविता कोश (मगही)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – हिंदी साहित्य अकादमी, भारत
प्रान्त महामंत्री – राष्ट्रीय कवि संगम, बिहार