परमेश्वरी देवी सेवा संस्थान ट्रस्ट ने 5वीं बार समर्पण सम्मान समारोह का आयोजन कर मनाया परमेश्वरी देवी की पुण्यतिथि
समाज को जागरुक करने में साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी निभा रहे हैं अहम भूमिका – विनय कुमार कुशवाहा
● उत्कृष्ट कार्य के लिए समर्पण सम्मान 2023 से सम्मानित किये गये साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी
बिहारशरीफ, 1 फरवरी 2023 : स्थानीय बिहारशरीफ, हाजीपुर मोहल्ला स्थित किड्ज केयर कान्वेंट के प्रांगण में परमेश्वरी देवी सेवा संस्थान “ट्रस्ट” के तत्वावधान में समाज सेविका परमेश्वरी देवी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में नालंदा के चर्चित् पाँच विभूतियों को “समर्पण सम्मान 2023” से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विद्वान “ट्रस्ट” के अध्यक्ष श्रीप्रकाश ने की। जबकि कार्यक्रम संचालन राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी रामेश्वर प्रसाद रहे। विशिष्ट अतिथि के तौर पर साहित्यिक मंडली शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने शिरकत की।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सशक्त साहित्यकार, निर्भीक वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष कुमार आर्य को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए, हिन्दी साहित्य के सशक्त नव हस्ताक्षर, सशक्त निबंधकार व खोजी साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा को उनके अनवरत साहित्य साधना के लिए, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. संध्या सिन्हा, समाज सेवा एवं जागरूकता के क्षेत्र में भैया अजीत तथा समाज सेवा और जागरूकता के क्षेत्र में गांधीवादी विचारक दीपक कुमार को प्रतीक चिन्ह, ‘प्रशस्ति पत्र’ , तुलसी का पौधा, पुष्प एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया है।
मौके पर अध्यक्षता करते हुए ट्रष्ट के अध्यक्ष श्रीप्रकाश ने कहा कि अपने विचारों पर अडिग रहते हुए साहित्यकार,पत्रकार, समाजसेवी की वजह से ही लोकतंत्र का चौथा स्तंभ और मानवीय धर्म आज मजबूती से खड़ा है। ये सभी नालंदा के सम्मानित रत्न के द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्य एवं सराहनीय कार्यों के वजह से ही आज सभी को सम्मानित किया जा रहा है।
साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा ने कहा कि समाज में साहित्यकार, समाजसेवी, चिकित्सक और पत्रकार समाज को जागरूक करने में बेहद अहम भूमिका है, ईमानदारी और निष्ठापूर्वक काम करने वाले ये सभी के चलते ही ध्येयपूर्ण मानवतावादी कार्य फल फूल रही है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि साहित्यिक मंडली शंखनाद के अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने कहा कि समय निरंतर गतिशील है, उसके चलने की अपनी गति है। एक और वर्ष 2022 भी बीत गया। लेकिन बीतते हुए समय में कुछ लोग अपनी पत्रकारिता, समाजसेवा एवं रचनात्मक गतिविधियों से समय की शिलाओं पर अपने हस्ताक्षर अंकित रहते हैं। पत्रकारिता, समाजसेवा और हिंदी साहित्य की सेवा में निरत ऐसे ही आशुतोष कुमार आर्य, राकेश बिहारी शर्मा, दीपक कुमार, और डॉ. संध्या सिन्हा समाजसेवी व रचनात्मक लोगों की बड़ी संख्या नालंदा में भी है, जो समाजसेवा और हिंदी साहित्याकाश में इंद्रधनुषी छटा बिखेरते रहते हैं। जिन्होंने प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान लेखन और समाजसेवा के बल पर बनायी। ये सभी लोग लगनशीलता के दम पर बड़ी उंचाइयों को छू रहे हैं।
मौके पर “ट्रस्ट” के सचिव विनय कुमार कुशवाहा ने कहा कि समाज को जागरुक करने में साहित्यकार, पत्रकार और समाजसेवी अहम भूमिका निभा रहे हैं। लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने और समाज को आगे बढ़ाने में साहित्यकार और पत्रकार की भूमिका सराहनीय है। पत्रकार और साहित्यकार अपने विचारों पर अडिग रहकर ही गम्भीरता पूर्वक कार्य करते हैं। यह स्वस्थ पत्रकारिता और समाजसेवा का ही परिणाम है कि आज वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष कुमार आर्य, साहित्यकार राकेश बिहारी शर्मा, डॉ. संध्या सिन्हा, भैया अजीत तथा दीपक कुमार को सम्मानित किया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने और समाज के प्रबोधन में पत्रकारों, साहित्यकारों एवं समाजसेवियों की भूमिका सराहनीय है।
कार्यक्रम के दुसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता नालंदा हिंदी साहित्य सम्मेलन व “ट्रस्ट” के सचिव विनय कुमार कुशवाहा तथा संचालन राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने किया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ शायर नवनीत कृष्ण के सरस्वती वंदना से किया। हिंदी साहित्य सम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्ष उमेश प्रसाद ‘उमेश’ ने गर्मजोशी से उपस्थित साहित्यकारों, कवियों, शायरों व समाजसेवियों को स्वागत किया।
तत्पश्चात नालंदा जिले के नामचीन कवि व लोक गायक भैया अजीत ने “ई दुनिया माई के दुधवा के बनल कर्जदार बाटे माई के उपकार बाटे हो…। माई के अचरा खेलत सारा संसार बाटे माई के उपकार बाटे हो… । साथ ही साथ जहां एक ओर वे अपने लोक कविता से लोगों का मनोरंजन कर रहे थे, वहीं बीच-बीच में सामाजिक व्यवस्थाओं पर चुटकी भी लेते रहे और माहौल खुशनुमा करते रहे।
हास्य कवि रंजीत द्दुधू ने अपनी मशहूर कविता पाल पोस देला पर बड़का-बड़का पांख हो गेलय, बाल बच्चा सब चिडैयाँ नियन उडाँक हो गेलय…। सुनाया और श्रोताओं को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया।
साहित्यिक मंडली शंखनाद के अध्यक्ष साहित्यकार व कवि डॉ. लक्ष्मीकांत सिंह ने अपनी बसंती कविता “मौसिम ए बहार है राग रागिनी की भरमार है। अलसाई मादक पवन में वसंत की झनकार है…। सुनाकर लोगों को मदमस्त और बसंती बयार पर झुमने पर मजबूर कर दिया।
मौके पर राष्ट्रीय शायर नवनीत कृष्ण ने अपनीं शायरी- “तेरी बातो में हम रह गए, ख़ुद से ग़ाफ़िल सनम रह गए। उनको दुनियाँ की सब राहतें, मेरे हिस्से में ग़म रह गए।” इस जज्बाती अंदाज में कुछ इस तरह कलाम पेश कर श्रोताओं को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया।
हिंदी साहित्य सम्मेलन नालंदा के कार्यकारी अध्यक्ष मगही कवि उमेश प्रसाद ‘उमेश’ ने “बड़ी निराली बेहद प्यारी मेरी भोली-भाली दादी, मुझमें कभी न खाली दादी, भर देती वो थाली दादी”…। सुनाया तो लोग झूमने को मजबूर हो गए, और खूब तालियां बटोरी।
साहित्यसेवी व कवि सरदार वीर सिंह “देखते ही देखते क्या-क्या ये मंजर हो गई। जो फकत एक बूंद थे अब वो समंदर हो गई”… सुनाया। चंदन मिश्रा ने कुछ नसीहत बेटों को भी सिखाइए… सुनाया।
हिंदी साहित्य सम्मेलन नालंदा के सचिव कवि महेंद्र कुमार विकल ने “ऊंचे ऊंचे मंच के बौने हैं किरदार, थोथे भाषण झाड़कर शेखी रहे बघार”… सुनाया।
इसके अलाबे ट्रष्ट के कोषाध्यक्ष नूतन कुमारी, ऋषभ राज, सिंपी कुमारी, प्रवीण कुमार, विद्या देवी, प्रतिमा मौर्या, पुष्पा देवी, मंटू कुमार, छोटे प्रसाद, देवेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सुनील कुमार, संजय कुमार, विजय कुमार, अशोक कुमार, यशराज, उन्नति राज, सिंकू कुमारी, वान्या राज, राजेश ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार मयंक, सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में सभी कवियों ने श्रोताओं को अपने काव्यपाठ से मोहित कर समां बांधा।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन ट्रस्ट के सचिव विनय कुमार कुशवाहा द्वारा किया गया।