संस्कृत दिवस के अवसर पर इसलामपुर के वैदिक साहित्य संस्कृत उच्च विद्यालय के प्रांगण में संस्कृत दिवस महोत्सव 2021 मनाया गया जिसमें विशिष्ठ अतिथि प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार इस्लामपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष संगीता साहू वार्ड पार्षद नमिता कुमारी व पूर्व जिला परिषद सदस्य श्रीनिवास शर्माजी उपस्थित हुए सर्वप्रथमआगंतुक अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई
कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रणव चंद्र ने सभी अतिथियों का फूल माला से स्वागत किया इस अवसर पर बच्चों और बच्चियों के द्वारा मां सरस्वती वन्दना एवं श्री नंदकिशोर पाण्डे श्रीधारी पाण्डे प्रणव चंद्रा संघ के अध्यक्ष रवि शंकर प्रियदर्शी सचिव विद्यासागर कोषाध्यक्ष परवीन कुमार प्रमोद उपाध्यक्ष गिरीश कुमार एवं अन्य विद्वानों के द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया एवम संस्कृत पर प्रकाश डाला गया कार्यक्रम का संचालन श्रीनिवास शर्मा जी के द्वारा किया गया संस्कृत दिवस महोत्सव को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि आज के परिवेश में गिरते संस्कार को देखते हुए संस्कृत की महत्ता बढ़ती जा रही है लेकिन नौजवान पीढ़ी कही न कही इससे दूर होते जा रहे हैं उसका प्रमुख कारण छात्रों के द्वारा पठन पाठन में सी बी एस ई एवं आई सी एस ई के पाठ्यक्रम के तरफ़ झुकाव होना है ,जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि संस्कृत भाषा ही सारे भाषाओं की जननी है हिंदू सभ्यता में या यूँ कहिए कि जब से सनातन धर्म की शुरुआत हुई तब से ही संस्कृत की सार्थकता सामने है जन्म से लेकर मरण तक यानी मनुष्य के पूरे जीवनकाल एवं मरणोपरांत भी सारा पूजा एवं विधि विधान का कार्य संस्कृत भाषा में ही किया जाता है
फिर भी आज यह उपेक्षित है यह समझने की बात है उन्होने कहा की आज से ही हम लोगइस बात का संकल्प लें कि प्रतिदिन हमलोग अपने सोशल मीडिया पर संस्कृत का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दें उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में जितने भी वेद उपनिषद लिखे गये हैं जिनपर हमलोग चल रहे हैं सभी संस्कृत भाषा में है या जो भी पूजापाठ हमलोग करते हैं या करवाते हैं वह सारा संस्कृत में ही होता है उन्होंने कहा कि संस्कृत के बिना हमारा जीवन अधूरा है आज वह समय आ गया है जब वो घर पर ही बचपन से बच्चों को संस्कृत की शिक्षा देनी चाहिए कहीं न कहीं संस्कृत को विलोपित करने के पीछे की सरकार की जो भी मनसा रही हो हमारा समाज और हम भी उतनी ही दोषी है जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने आज रक्षाबंधन के दिन से ही रक्षासूत्र के साथ यह शपथ लेने की बात कही कि हम लोग संस्कृत के प्रचार प्रसार करने मेंकोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे बल्कि उन्होने केन्द्र व राज्य सरकार से माँग करते हुए कहा कि सी बीएस ई और आई सी एस ई के बोर्ड में भी बिहार बोर्ड की तरह की संस्कृत को अनिवार्य विषय का दर्जा दिया जाय साथ ही संस्कृत विद्यालय पंचायत स्तर पर एवं संस्कृत महाविद्यालय प्रखंड स्तर पर खुलवाया जाए ताकि हमारी नई पीढ़ी को भी संस्कृत का ज्ञान हो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीनिवास शर्मा ने कहा की संस्कृत भाषा ही हमारे संस्कृति की जननी है वेद को लिखनेवाले कोई ब्राह्मण परिवार से नहीं आते थे
उसके बाद भी उन्होंने वेद को लिखा और हमारे जितने भी पूर्वज रहे हैं जो भगवान के रूप में धरती पर अवतरित हुए हैं उन्होंने भी उस समय के गुरुकुल में संस्कृत की शिक्षा अपने गुरूजनों से ली हैआज हम लोग संस्कृत को बिलुप्तता कि श्रेणी में देख रहे हैं कहीं न कहीं न हो इसके पीछे भी सरकार के साथ साथ हम लोग भी दोषी हैं उन्होने विस्तार से भी वसंस्कृत एवंसंस्कृति पर चर्चा की प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी अहिल्या कुमारी ने अपना सम्बोधन संस्कृत भाषा में ही किया एवं संस्कृत भाषा में ही सरस्वती वंदना गाकर सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया इस अवसर पर जितेंद्र प्रसाद सिंह राजीवकुमार सर्वेश कुमार कउदय शंकर कुशवाहा मुन्ना पाण्डे नव प्रभात प्रशांत अरविंद कुमार के अलावे सैकड़ों लोग उपस्थित थे