अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजयोगी ब्रह्माकुमार देव भाई ने अपनी संदेशों में कहा मेडिटेशन न केवल हमारे मन को सुकून देता है बल्कि इसका प्रभाव हमारे शरीर की कोशिकाओं पर भी पड़ता है। जैसे हमारे विचार होते जाते उसी अनुसार हमारे शरीर का आकार भी होता जाता।कई वैज्ञानिकों ने अपने शोध में प्रमाणित कर दिखाई है। यही नहीं सिर्फ पांच मिनट का ध्यान हमारी कोशिकाओं को ऊर्जा से भर देता है। इसका केन्द्र प्राण वायु होती है जिसे हम आत्मा कहते हैं। आत्मा से जो संकेत मस्तिष्क को मिलता है वही संकेत पूरे शरीर को देता है। इसीलिए आत्मा को शक्तिशाली व सतोप्रधान बनाना आवश्यक है। अगर मन में उत्पन्न होने वाले विचार सही, श्रेष्ठ व शुभ हैं तो उसका शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उसके विपरित अगर नकारात्मक विचार मन में उत्पन्न होते हैं तो उनका हमारे शरीर पर असर भी बुरा पड़ता है। इसीलिए मन मेें सकारात्मक संकल्पों का होना बहुत आवश्यक है। यदि हम प्रतिदिन एक निश्चित समय में किसी बीमारी को ठीक करने के लिए मेडिटेशन का प्रयोग करते हैं तो इससे हमारे निगेटिव सेल खत्म हो जाते हैं अर्थात् सेल पर से बुरा असर समाप्त हो जाता है और नये सेल का निर्माण होना शुरू हो जाता है। अगर मन से निकलने वाले निगेटिव विचारों का संकेत बारम्बार शरीर की कोशिकाओं को मिलता रहता है तो वही घातक बीमारियों के जि़म्मेवार होते हैं।
मेडिटेशन हमारी बीमारियों को न केवल ठीक करता है लेकिन साथ-साथ मन को शांत व स्थिर भी बनाता है। उन्होंने कहा इससे सिर्फ मानसिक शांति ही नहीं मिलती बल्कि एलर्जी, उत्तेजना, अस्थमा, कैंसर, थकान, हृदय संबंधी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन आदि बीमारियों से निजात भी मिलती है।
ब्रह्माकुमारी राजयोग प्रशिक्षण केंद्र गांधीनगर राँ
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर राजयोगी ब्रह्माकुमार देव भाई ने अपनी संदेशों में कहा
RELATED ARTICLES