बहुत बर्षों के बाद राजगीर कबीर चौरा मठ मैं शादी का आयोजन हुआ, बहुत दिनों से विरान पड़ा हुआ यह मठ फिर से गुलजार होने लगा है, जिसमें बहुत सारे लोगों का प्रयास है, इस मठ में बहुत ही कठिनाई से बहुत ही विषम परिस्थिति में रहकर महंत बाले दास इस कुटिया में अडिग रहे, आज इस मैच में बहुत सारे सदस्य सक्रिय रूप से मेहनत करके फिर से इसको गुलजार बना रहे हैं, जिसमें प्रमुख योगदान प्रमोद पासवान, सूरज प्रताप कोहली उर्फ उमेश जी, शशि कुमार रंजन, अरुण पासवान जी एवं अन्य साधु संत, और राजगीर के बहुत सारे प्रशासनिक अधिकारी का योगदान मिल रहा है, और फिर से यहां पर शादी विवाह का आयोजन होने लगा है, और बहुत सारे यहां पर विकास का कार्य किए जा रहे हैं, जिनके माध्यम इस सारे समाचार जा रहे हैं वह लोग इनको प्रचार-प्रसार करने का कार्य करें, सौजन्य राजगीर कबीर चौरा मठ गोलाघाट, महंत बाले दास
डिवाइन लाइट सेंट्रल स्कूल में गणतंत्र दिवस एवं सरस्वती पूजा का आयोजन
डिवाइन लाइट सेंट्रल स्कूल में गणतंत्र दिवस एवं सरस्वती पूजा का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के सारे शिक्षक ,शिक्षिकाएं ,बच्चे एवं अभिभावक तथा कुछ समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लिए सबों ने हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया। बच्चों ने इन दोनों पर्वो को मनाने में बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस विद्यालय के प्राचार्य श्री दीनदयाल सिंह ने झंडोत्तोलन किया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षकों के बेहतर कार्यों की सराहना की उन्होंने अनुशासन का पाठ पढ़ाया एवं समय की महत्ता पर जोर दिया, साथ ही बच्चों को बेहतर करने की नसीहत दी।
इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक धर्मराज प्रसाद, ब्रजकिशोर प्रसाद, संजय प्रसाद ,पटेल सर, दिनेश प्रसाद, सुभाष प्रसाद, अंशु कुमारी, नेहा कुमारी, आशा कुमारी, निशा कुमारी ने भी बच्चों को संबोधित किया ।कुछ बच्चों ने राष्ट्रीय गीत गाकर शमा को बांधा।
74 वाॅ गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया।
बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित डॉक्टर अंबेडकर पार्क में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वधान में गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया सर्वप्रथम डॉक्टर अंबेडकर पार्क में स्थापित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया इसके उपरांत झंडा तोलन का कार्यक्रम किया गया झंडा तोलन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान फिल्म अभिनेता सामाजिक कार्यकर्ता रविकांत कुमार के कर कमलों द्वारा संयुक्त रूप से झंडा तोलन किया गया इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी फिल्म अभिनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता रवि कांत कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाया गया|
संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू किया गया था तब से इस राष्ट्रीय पर्व के रूप में गणतंत्र दिवस मनाई जाती है इस अवसर पर स्वतंत्र सेनानी सुभाष चंद्र बोस भगत सिंह खुदीराम बोस आदि महापुरुषों की जीवनी पर प्रकाश डाला गया विशेष रूप से संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर एवं स्वतंत्र सेनानी के याद करते हुए गणतंत्र दिवस मनाई गई झंडा तोलन के उपरांत बाद होटल शंकर बसेरा के प्रांगण में डॉ भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के बैठक कर कमेटी का विस्तारित किया गया एवं सदस्य बनाए गए रामप्रवेश पासवान को जिलाध्यक्ष मुन्ना कुमार एवं नगीना पासवान को प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अनोज पासवान को जिला उपाध्यक्ष तथा विकास कुमार को युवा प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष बनाया गया जयबुल देवी को महिला प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष बनाई गई। इस मौके पर प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद जिला उपाध्यक्ष लालती देवी जिला सह सचिव राजेंद्र दास एवं भोला पासवान पिंटू कुमार संतोष कुमार आदि लोग उपस्थित थे।
शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले का जयंती मास मनाया गया।
बिहारशरीफ के रहुई प्रखंड के अमरपुर गांव में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वाधान में शिक्षा की देवी सावित्रीबाई फुले का जयंती मास धूमधाम के साथ मनाया गया सर्वप्रथम शिक्षा की देवी माता सावित्रीबाई फुले एवं ज्योतिबा बाई फुले के फोटो पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि किया गया। इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी प्रदेश महासचिव बलराम दास ने कहा कि एक तरफ पूरे देश में वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मनुवादियों द्वारा बनाई गई मनगढ़ंत सरस्वती देवी की पूजा हो रही है तो दूसरी तरफ शिक्षा की देवी भारत की प्रथम शिक्षिका प्रथम विद्यालय खोलने वाली शिक्षा का जोत जगाने वाली सावित्रीबाई फुले का जयंती मास मनाई गई |
सावित्रीबाई फुले अपने पति ज्योतिबा बाई फुले के साथ मिलकर शिक्षा को आगे बढ़ाने का काम पूरे देश में काम किए थे अगर शिक्षा का देवी कोई है तो सबित्रीवाई फुले हैं ये पूजनीय योग्य है पूूर देश में इसकी पूजा होनी चाहिए जिन्होंने शिक्षा से वंचित शोषित समाज को पढ़ाने का काम किए आगे बढ़कर महिला को उत्थान के लिए शिक्षित करने का काम किया उच्च जातियों द्वारा विद्यालय जाने के क्रम में सबित्री भाई पर कीचड़ गोबर फेंका जाता था जिसे वह साथ में एक अलग वस्त्र लेकर विद्यालय जाती थी और विद्यालय में बदल कर पढ़ाने का काम करती थी लेकिन मनुवादियों ने शिक्षा की देवी सावित्रीबाई को छुपा कर सरस्वती देवी को आगे किया।85% बहूजनों को मनुवादियों की चाल समझ लेना चाहिए। अंत में उपस्थित लोगों ने शपथ लिए की सरस्वती की जगह शिक्षा की देवी माता सबित्री बाई फुले की पूजा करेंगे। जिन्होंने महिला को शिक्षित कर जयंती मास की अध्यक्षता जिला के उपाध्यक्ष लालती देवी ने की एवं संचालन जिला के सह सचिव राजेंद्र दास ने की। इस मौके पर प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास, जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद, सह सचिव भोला पासवान,स्वामी शाहजानंद अधिवक्ता, महंत राजबली दास लालदास भारती, पिरितिया देवी, कुंती देवी, जयबुल देवी, रंजन कुमार आदि लोग उपस्थित थे।
ककड़िया विद्यालय में सउल्लास मनाया गया गणतंत्र दिवस
विद्यालय के प्रधानाध्यापक अनुज कुमार ने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय के बच्चों ने विभिन्न प्रकार के देशभक्ति पूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। प्रधानाध्यापक अनुज कुमार ने छात्रों को राष्ट्रीय ध्वज की महत्ता बताई व बच्चों को देशभक्तों के जीवन से अवगत कराया।
मौके पर विद्यालय के शिक्षक राकेश बिहारी शर्मा ने उपस्थित लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम अपनी स्व सत्ता एवं गणतंत्र दिवस के जश्न के एहसास को आनंद के साथ महसूस करें। आज का यह दिन हम सब के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की आकांक्षाओं के अनुरूप भारत का निर्माण करना ही उनका सबसे अर्थपूर्ण श्रद्धांजलि होगी। आज का यह अवसर है कि हम इस देश को इस मुकाम पर पहुंचने में योगदान करने वाले भारत मां के लाडलों को नमन कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी और युवा पीढ़ी हमारा कल है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर ही हमारे देश का भविष्य टिका है। इसलिए उनमें राष्ट्रप्रेम की भावना का विकास होना बेहद जरूरी है।
शिक्षक सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि आज का यह दिन हमें नए संकल्पों, नई ऊर्जा, स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा, नए विचारों और आत्मनिर्भरता के साथ स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए
आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा। इससे आने वाली पीढ़ी नई विचारधारा से जुड़ेगी और आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा करेगी।
इस दौरान शिक्षक सच्चिदानंद प्रसाद, अरविंद कुमार शुक्ल, रणजीत कुमार, सुरेश कुमार, जितेंद्र कुमार मेहता, पूजा कुमारी, सतीश कुमार, मुकेश कुमार,विश्व रंजन कुमार, बाल संसद के प्रधानमंत्री आलोक राज, मीणा मंच के अध्यक्षा रानी कुमारी, वीरमनी कुमार, गुड्डू कुमार सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने समारोह में सउल्लास भाग लिया।
स्वतंत्रता सेनानी श्याम नारायण सिंह की 122 वीं जयंती पर विशेष
राकेश बिहारी शर्मा-स्वतंत्रता की लड़ाई में बिहार का बहुत बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बिहार की धरती ने ऐसे-ऐसे महान शौर्य और पराक्रमी पुत्रों को जन्म दिया है, जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में इस धरती को अपने लहू से सींचा है। देश की स्वतंत्रता के लिए हुए सभी आंदोलनों में बिहार की अहम भूमिका रही है। बिहार हमेशा से शौर्यपुरुषों की धरती रही है जिसने देश के लिए अपना सब कुछ दिया है। आजादी की लड़ाई में बिहार के नालंदा के लोगों की अहम भूमिका रही है। यहां के कई क्रांतिकारी व स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। 1947 में पटना में हुए ब्रिटिश-विरोधी आन्दोलन में बोलने वाले वे अंतिम वक्ता थे। जब वे बोलने लगे तो पुलिस ने गोली चलानी शुरू कर दी जिसमें सात नवयुवक मारे गए थे। इसी स्थान पर पटना का शहीद स्मार्क बनाया गया है।
स्वतंत्रता सेनानी श्याम नारायण सिंह का जन्म, पारिवारिक जीवन
भूतपूर्व सदस्य, विहार विधान सभा प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी श्याम नारायण सिंह का जन्म 25 जनवरी 1901 ई० को ग्राम- बिन्द, डाकघर- विन्द, तत्कालीन थाना- अस्थावां, जिला- पटना- वर्तमान नालन्दा में हुआ था। इनके पितामह स्व० भिखारी सिंह, पिता स्व० राय प्रसाद सिंह एवं माताजी चमेली कुंअर था। ये कुर्मी कुल में उत्पन्न जमींदार थे, फिर भी ये बचपन से ही राष्ट्रीय विचार के पोषक थे। इसी कारण से कभी-कभी पिताजी के कार्यों का विरोध भी करते थे। जमींदारी के बाद इनका मुख्य पेशा कृषि ही रहा था। इनके पुत्र व्यापार तथा सरकारी सेवा में गये।
स्वतंत्रता सेनानी श्याम नारायण सिंह का शिक्षा-दीक्षा एवं शादी
श्याम नारायण सिंह की प्राथमिक शिक्षा पटना एंग्लो उच्च विद्यालय से 1917 ई० में मैट्रीकुलेशन के बाद पटना कॉलेज में आई० ए० में दाखिल हुए थे। दूसरे वर्ष में पढ़ रहे थे। बाद में स्वाध्याय से हिन्दी, संस्कृत एवं फारसी का गहन अध्ययन किये थे।
श्याम नारायण बाबू का विवाह श्रीमती विद्या देवी के साथ सम्पन्न हुआ था। उनसे दो पुत्र कुंज बिहारी प्रसाद सिंह अध्यापक उच्च विद्यालय विन्द तथा साकेत विहारी सिंह अभियन्ता एच० ई० सी० रांची में कार्य किये थे। दो पुत्रियाँ विवाहित होने के बाद अपने -अपने घर में रहती है। उनकी धर्मपत्नी का स्वर्गवास 1966 ई० में तथा श्री सिंह का स्वर्गवास 20 जून 1967 ई० को पटना अस्पताल में हुआ था।
महात्मा गाँधी के आन्दोलन में सहयोग
1921-22 ई० में छात्र जीवन छोड़कर इन्होंने महात्मा गाँधी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय भाग लिया था। गिरफ्तारी के बाद सज़ायाफ़्ता होने पर अपनी पूरी सजा गया सेन्ट्रल जेल में काटे थे।
1930 एवं 1932 ई० में नमक कानून भगं, विदेशी वस्त्रों की होली वहिष्कार, गाँजा भांग शराब की दूकानों पर पिकेटिंग तथा रचनात्मक कार्य चर्खा चलाने तथा खादी का प्रचार करने के कारण गिरफ्तार और हुए जेल में 6 महिना की सजा काटे थे।
श्याम नारायण सिंह अगस्त क्रांति 1942 ई० में शामिल –
श्याम नारायण श्री जी श्री जगत नारायण लाल नेता पटना तथा श्री लाल सिंह त्यागी के साथ पटना सचिवालय पर गोली कांड के बाद फतेहपुर से नाव पर ग्रामीण क्षेत्र में आन्दोलन के प्रचार में निकलें। इनके साथ फतेहपुर के नाविक के साथ आचार्य जगदीश तथा सूर्य कुमार शास्त्रीजी हो गये थे। राजेन्द्र साहित्य महाविद्यालय सेवदह के प्रधानाध्याक श्री मथुरा प्रसाद सिंह को गुप्तचर से कल्याण विगहा में गोपनीय बैठक की सूचना मिली थी। अतः प्रधानजी के साथ मुनीश्वर प्रसाद सिंह जी लोगोंको को आंदोलित करने के लिए कल्याण विगहा गये थे। वहां से बैठक समाप्त कर वे लोग पुनः नाव से सफर में निकल गये। विरजू मिलकी गांव के उत्तर टाल में नाव को बख्तियारपुर के दारोगा मो. अनबर उट्टी ने चौकीदार दफादार एवं सिपाहियों से नाव को घेर कर तीनों नेताओं को नाव सहित गिरफ्तार कर बख्तियारपुर ले गये। नाव पर से कूद कर आचार्य जगदीश तथा सूर्य कुमार शास्त्री तैरते हुए राजेन्द्र साहित्य महाविद्यालय सेवदह 8 बजे रात्रि में पहुँचे थे। सेवदह से गांव-गांव लोगों को आन्दोलन से जोड़ते हुए सरमेरा के केनार, गौसनगर, गोपालबाद के गरभू महतो, गेनौरी ठाकुर, रामस्वरूप शर्मा से मिलतेजुलते तथा सरमेरा क्षेत्र के कई क्रांतिकारी जैसे- बच्चन सिंह, नवलकिशोर सिंह, श्रीमती विद्यावती देवी, राम भजु सिंह, राम गति सिंह, दिनेशर प्र. सिंह, राम नगीना शर्मा, कमलेश्वरी प्र. सिंह, श्याम बिहारी सिंह, बाबुलाल कहार, लक्ष्मण महतो, सीता देवी, द्वारिका महतो, कमलेश्वरी देवी, वासुदेव सिंह अध्यापक जी, बजरंगी साव, दानी प्र. सिंह, कपिलदेव सिंह, सोना देवी, वेरादर सिंह, तनिक प्र. सिंह, सूर्य नारायण तिवारी को गोलबंद किया था और अंग्रेज सिपाहीयों से लुकते-छिपते महात्मा गाँधी के हाथ को मजबूत कर आन्दोलन को धारदार बनाते थे। दिन भर क्षेत्र में घूमते थे और रात को लोग अपने घर या जहाँ पर सुरक्षित जगह मिलता वहां पर रुक जाते थे। श्याम नारायण सिंह तथा कई नेताओं को पटना कोर्ट से 2-2 वर्ष की सजा सुनाकर हजारीबाग केन्द्रीय कारा के०जी० श्रेणी में रखा था। पूरी सजा भुगतने के बाद ही कारा से रिहा होने पर अपने-अपने घर वापस आये थे।
बिहार विधान सभा के सदस्य व पटना जिला बोर्ड के उपाध्यक्ष बने थे
श्याम नारायण सिंह जी जहाँ स्वतंत्रता सेनानी के रूप में अंग्रेज़ों के दांत खट्टे किये थे वहीँ बतौर विधायक भी 15 वर्ष (1937-52) तक उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता की सेवा की।
देश सबसे युवा विधायक जो स्वतंत्रता आंदोलन में जेल गए थे
सर्व प्रथम कांग्रेस के नियमानुसार श्याम नारायण सिंह जी बिहार विधान सभा की सदस्यता के लिए कांग्रेस टिकट पर 1937 ई० में विहार शरीक क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में खड़े किये गये थे। इनका जबर्दस्त मुकावला पटना के मशहूर वकील गुरु सहाय लाल जी से हुआ था। ये ग्राम- वादी थाना गिरियक (पटना) के निवासी थे। चुनाव में श्याम नारायण सिंह जी भारी बहुमत से विजयी घोषित हुए थे।
तथा 1939 ई० में काँग्रेस टिकट पर पटना जिला बोर्ड का सर्व सम्मति से श्री श्याम नारायण सिंह उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित किये गये थे। ये जिला बोर्ड का कार्य भलिभांति सम्पादन किये थे। ये पटना जिला काँग्रेस कमिटी के अध्यक्ष 5 वर्ष तक रहे थे। 1940-41 ई० में विश्व युद्ध छिड़ने पर व्यक्तिगत सत्याग्रह विश्व युद्ध में ब्रिटिश सरकार ने सैनिकों सहित अपार धन से मदद की घोषणा की थी। इसके विरुद्ध माहात्मा गाँधी जी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह छेड़कर एलान किया था। कि “यह लड़ाई साम्राज्यशाही, न देगें एक भाई, न देंगे एक भी पाई”। इसी प्रपंग में अखिल भारतीय काँग्रेस कमिटी के नियमानुसार श्याम नारायण सिंह ने विहार विधान सभा को सदस्यता तथा पटना जिला वोर्ड के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर व्यक्तिगत सत्याग्रह में योगदान करने पर गिरफ्तार के बाद हजारीबाग केन्द्रीय कारा में भेजे गये थे। 1946 के दंगे में 6000 मुस्लिम परिवारों की जान बचाने के लिए “सांप्रदायिक सौहार्य के मसीहा” कहलाए थे। श्याम नारायण बाबू ऐतिहासिक व्यक्तित्व के स्वामी थे, भारतीय इतिहास के स्वर्णिम इतिहास हैं। पटना सचिवालय के 7 शहीद स्मारक के तिरंगा फहराने वालों में मुख्य वक्ता रहे थे।
1946 के निर्वाचन में विजयी घोषित –
1946 ई० में पुनः काँग्रेस टिकट पर श्याम नारायण सिंह बिहार शरीफ क्षेत्र से बिहार विधान सभा की सदस्यता के लिए निर्वाचन में खड़े हुए थे। श्याम नारायण जी भारी बहुमत से विजयी घोषित किये गये। श्री वोधनारायन प्रसाद उम्मीदवार के द्वारा चुनाव याचिका दायर करने पर यह चुनाव अदालत से अवैध घोषित हो गया था पुनः चुनाव होने पर श्री श्याम नारायण बाबू भारी बहुमत से विजयी घोषित किये गये।
1962 ई० के आम चुनाव में श्याम नारायण सिंह –
1962 ई० में अस्थावां विधान सभा क्षेत्र से पुनः श्याम नारायण बाबू कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार बनाये गये थे, इनके विरुद्ध कुमार शैलेन्द्र जी अमावां समाजवादी दल के उम्मीदवार विजयी घोषित किये गये थे। यद्यपि श्याम नारायण बाबू की शिक्षा आई० ए० तक हुई थी। किन्तु स्वध्याय से इनको संस्कृत, हिन्दी एवं फारसी का गहन अध्ययन था।
वे अव्वल दर्ज़े के प्रखर वक्ता थे। डॉ० श्री कृष्ण सिंह जी हमेशा उनके विशुद्ध हिन्दी भाषण की प्रशंशा करते नहीं अघाते थे। वे उनके घर बिन्द भी जाया करते थे। इस प्रकार श्याम नारायण बाबू का कार्य क्षेत्र जिला-राज्य ही नहीं अपितु समूचे भारत वर्ष में राष्ट्रीयता एवं हिन्दी भाषा साहित्य की उन्नति के लिए अग्रसर रहे।
श्याम नारायण बाबू का निधन
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के प्रणेता, महान स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व विधायक, समाजसेवी, शिक्षाविद एवं सांप्रदायिक सौहार्द के मसीहा श्याम नारायण सिंह का निधन 20 जून 1967 ई० को पटना के पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में हुआ था। ये समाज में हर वर्ग के विकास के लिए कार्य किया है इसी को आज के युवाओं को जानने की जरूरत है।
पूरे नालंदा जिले में जिस प्रकार से उन्होंने शिक्षा की बयार बहाई वह अद्भूत है। जिसके कारण ही आज नालंदा जिला शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी जिला है। श्याम नारायण सिंह एकता के प्रतीक थे।
श्याम नारायण सिंह जी स्वतंत्रता सेनानी व नेता होने के साथ-साथ एक नेक दिल इंसान और समाज सेवी भी थे, जो हर वक़्त अपने क्षेत्र की जनता की सहायता के लिए हमेशा खड़े रहते थे। उनके द्वारा क्षेत्र के कल्याण के लिए किये गए कार्यों को जनता आज भी नहीं भूली है और आज भी जनता उन्हें प्यार और सम्मान देती है और हमेशा देती रहेगी, वो अपने क्षेय्र के कण-कण में रचे बसे हैं। 24 जनवरी, 2012 को भारत सरकार द्वारा श्याम नारायण सिंह जी के सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।
वर्तमान समय में श्याम नारायण बाबू जी के पुण्य स्मृति में श्री श्याम नारायण सिंह महाविद्यालय, बिन्द में संचालित है। श्याम बाबू ने जो कार्य कर दिए हैं वह मील का पत्थर है।
पति के अवैध संबंध से पत्नी ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।
पति के अवैध संबंध से तंग आकर पत्नी ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में लिया है ।घटना सोहसराय थाना क्षेत्र के सोहसराय बाजार की है, जहां पति के अवैध संबंध से परेशान पत्नी ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली , घटना की जानकारी मिलने के बाद मायके के लोग पहुंचे और पुलिस की मदद से शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेजा है, मृतिका मोहम्मद शाहिद की पत्नी रुबीना परवीन है 3 साल पहले इसकी शादी मोहम्मद शाहिद से हुई थी और शादी के पूर्व से ही उसकी भाभी से अवैध संबंध चल रहा था जिसका विरोध कर रही थी |
भाभी से स्बंध खत्म करने के लिए ससुराल वालों से दहेज का डिमांड भी किया था और इसको लेकर कई बार हुआ पंचायती भी हुआ था बावजूद इसका संबंध लगातार जारी रहा। जिसके कारण आज रूबीना परवीन ने आत्महत्या कर ली है मायके वालों का आरोप है कि इसकी हत्या करके शव को फंदे से लटका दिया गया है फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है ।सोहसराय थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार ने बताया की आरोपी पति शाहिद से पूछ ताछ की जा रही है। थानाध्यक्ष ने बताया कि हर पहलू पर जांच की जा रही है।
डी.ए.वी पब्लिक स्कूल पीजीसी बिहार शरीफ में 74 वां गणतंत्र दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ संपन्न
स्थानीय विद्यालय डी.ए.वी पब्लिक स्कूल पीजीसी, बिहारशरीफ में 74 वां गणतंत्र दिवस समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री नीरज कुमार, उप महाप्रबंधक पावरग्रिड, बिहारशरीफ एवं विद्यालय के प्राचार्य श्री विजय कुमार पाठक द्वारा झंडोत्तोलन कर किया गया । राष्ट्रगान समाप्त होते ही विद्यालय के चारों हाउस की टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट एवं परेड कर तिरंगे झंडे को सलामी दी गई । कक्षा नवमी के छात्रों द्वारा पिरामिड बनाकर अद्भुत कलाबाजियों की प्रस्तुति निःसंदेह प्रशंसनीय रहा विद्यालय के प्राचार्य श्री विजय कुमार पाठक ने अपने उद्बोधन भाषण में माननीय अतिथियों, अभिभावकों एवं छात्रों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी । ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ का संदेश छात्र – छात्राओं को देते हुए उन्होंने विद्यालय की उपलब्धियों एवं विशेषताओं से सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि विद्यालय में अध्ययनरत सभी छात्र अत्यंत प्रतिभाशाली एवं सुयोग्य है । भविष्य में ये सभी बच्चे देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान देंगे ।
एलकेजी एवं यूकेजी के छोटे – छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’ ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया । वहीं पहली और दूसरी कक्षाओं के बच्चों द्वारा ‘फिट इंडिया’ का संदेश देते हुए नृत्य की प्रस्तुति की गई। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच बच्चों ने हिंदी, अंग्रेजी एवं संस्कृत भाषा में देश के प्रति अपने भावोद्गार व्यक्त किया । मुख्य अतिथि श्री नीरज कुमार, उप महाप्रबंधक पावरग्रिड, बिहारशरीफ ने अपने संभाषण में कहा कि प्राचीन काल से नालंदा शिक्षा की भूमि रही है। इस विद्यालय के छात्रों से अभिभावकों को काफी अपेक्षाएं हैं। मैं सभी बच्चों से कहना चाहता हूं कि वह मोबाइल और लैपटॉप से दूरियां बनाकर अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर रहें। उन्होंने कहा कि यदि देश को संसार का सिरमौर बनाना है तो हमें नैतिक मूल्यों को समझना होगा। रंगारंग कार्यक्रम का निर्देशन विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री रामनाथ शर्मा के द्वारा किया गया ।कार्यक्रम का समापन विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक श्री पंकज कुमार सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ । मंच संचालन अंग्रेजी शिक्षक श्री वामदेव झा एवं कक्षा नौवीं की छात्रा भव्या श्रीवास्तव एवं दिव्यांशी कुमारी द्वारा किया गया।
कबीर चौरा मठ के प्रांगण में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस मनाया गया
कबीर चौरा मठ के प्रांगण में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा तोलन का कार्यक्रम हुआ, जिसमे कबीर चौरा मठ के महंत श्री बाले दास, के नेतृत्व में कार्यक्रम हुआ एवं पूरे हर्षोल्लास से किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि कुमारी अनीता गहलोत पूर्व जिला पार्षद भी उपस्थित रही, एवं कबीर चौरा मठ के के सदस्य प्रमोद पासवान सूर्य प्रताप कोहली शशि कुमार रंजन अरुण पासवान जी एवं रवि राजवंशी कुलदीप राजवंशी जितेंद्र राजवंशी एवं साधु संत और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे
राधास्वामी संगठन के द्वारा हर्षोल्लास के साथ झंडा फहराया गया,
आज बिहारशरीफ के खंडक पर राधास्वामी संगठन के द्वारा 26 जनवरी गणतंत्र दिवस झंडा तोलन करके बहुत ही हर्षोल्लास के साथ झंडा फहराया गया, जिसमें नालंदा जिला के जिला कोऑर्डिनेटर सूरज सेठ बालयोगी उपस्थित रहे, जो राधा स्वामी के जिला कोऑर्डिनेटर है, एवं मुख्य अतिथि के रूप में वार्ड पार्षद संजय कुमार, एवं प्रोफेसर महेंद्र प्रसाद सिन्हा कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश सिंह तथा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे,
राधास्वामी संगठन जो पूरे भारत में अपने संस्था के माध्यम से बहुत सारे योजना चला रही है, जिसमें गैस योजना, वाहन योजना, शिक्षा योजना, कन्यादान योजना, एवं बहुत सारी समाज कारी योजनाओं का राधास्वामी संगठन के माध्यम से किया जा रहा है, इन सारी योजनाओं को जानकारी लेकर अपने परिवार में लाभ ले सकते हैं, एवं राधास्वामी संगठन पूरे जिला वासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देती है,