जन सुराज पदयात्रा के गोपालगंज जिला अधिवेशन में जिले भर से आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज दल बने तो ऐसे लोगों का दल बने जो बिहार को सुधारने का काबिलियत रखते हों। चुनाव जीता जाए तो ऐसे लोगों के साथ जीता जाए जो बिहार को सुधारने के लिए जीने-मरने को तैयार हो।
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सरकार बने तो ऐसी सरकार बने जिसके पास बिहार के विकास की सही योजना हो। व्यवस्था ऐसी बने तभी जाकर पैदल-पैदल पूरे बिहार घूमने का जिम्मा उठाया है। जब पूरा यह अभियान खत्म होगा और पदयात्रा पूरी होगी तब पूरे बिहार के हर पंचायत का अगले 10 बरस की विकास का योजना जारी किया जाएगा। आप देख सकेंगे कि आपके पंचायत के विकास का आधार क्या होगा।
श्रवण कुमार बिहारशरीफ के चांदनी टोला छज्जु मोहल्ला निवासी मृतक सईद अख्तर के आश्रित पिता अफरोज आलम को राज्य सरकार द्वारा प्रदत चार लाख की सहायता राशि का चेक बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के द्वारा दिया गया। बिदित हो कि मृतक की मृत्यु तीन माह पूर्व पानी में डुबने से हो गई।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आपदा पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद बिहार की सरकार कर रही है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहा करते हैं राज सरकार के खजाने पर पहला हक आपदा पीड़ित परिवारों एवं गरीबों का है।
बिहार में उनके नेतृत्व में जो काम हुआ देश में कोई राज उसका जोड़ा नहीं लगा सकता बिहार में हुए कार्यों का डंका आज देश में बज रहा है। देश स्तर पर नीतीश कुमार जी की छवि विकास पुरुष से लेकर सुशासन बाबू के रूप में देखी जा रही है और यही कारण है देश के लोग उनकी ओर अपनी निगाहें फैला कर बैठे हैं कि कब मौका मिले उन्हे और देश को उनका कुशल नेतृत्व देश को मिले बिहार में उनके नेतृत्व में गरीबों पिछड़ों शोषित और दलितों महा दलितों को विकास की मुख्यधारा में हमारी सरकार ने जोड़ने का काम किया है।
जातीय गणना हो जाने से आने वाले दिनों में विकास की रूप रेखा तैयार की जायेगी इसके व्यापक लाभ गरीबों पिछड़ों को मिलेगी। भारत सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें बिहार के लोगों के साथ साथ देश के लोगों के साथ भद्दा मजाक किया गया। जहां एक और महंगाई तेजी से बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी का यह आलम है कि युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
किसानों के हितों की चिंता भी नहीं की गई है उद्योगपतियों के लगातार कर दो को माफ किया जा रहा है।इस अवसर जिला जदयू बिहारशरीफ अध्यक्ष गुलरेज अंसारी मुख्य प्रवक्ता डा धनंजय कु देव प्रखंड जदयू अध्यक्ष संजय कुशवाहा भगीरथ चंद्रवंशी वार्ड पार्षद शरफराज आलम रोहित कुमार शैलेंद्र कु सुबोध पंडित गौरव कुमार इंदू चौहान दिनेश साव धर्मेन्द्र यादव संजीत पटेल आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
आज बिहार लेनिन गरीब शोषित के नेता जगदेव प्रसाद की जयंती महात्मा ज्योतिबा फूले समता परिषद, नालंदा के बैनर तले गंगा मैरिज हॉल कॉलेज रोड सोहसराय मैं धूमधाम से मनाई गई। आगत अतिथियों ने सर्वप्रथम जगदेव प्रसाद जीके फोटो पर माल्यार्पण कर एवं पुष्प अर्पित कर उनके चरणों में अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
जयंती समारोह कार्यक्रम के आयोजक सह महात्मा फुले समता परिषद नालंदा इकाई के अध्यक्ष युवा नेता सोनू कुशवाहा ने बताया कि शोषित दबे कुचले पिछड़े वर्ग को सम्मान पहुंचाने वाले नेता जगदेव प्रसाद जी की जयंती मनाने का हमें जो सौभाग्य मिला है उसके लिए हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं। पूर्व पूर्व से नालंदा पूरे विश्व को ज्ञान की रोशनी दे रहा है आज इसी नालंदा में हम बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से यह मांग करते हैं कि जगदेव प्रसाद जी के जयंती के दिन राजकीय अवकाश की घोषणा हो एवं इनके कृति एवं कार्यों को बिहार राज्य की पाठ्यक्रम पाठ्यपुस्तकों में इनका वर्णन हो। युवा नेता सोनू कुशवाहा ने बताया कि जगदेव बाबू की कृति बिहार के लाल पूर्व केंद्रीय मंत्री हम सब के अभिभावक उपेंद्र कुशवाहा जी पुरे राज्य में महात्मा फुले समता परिषद के बैनर तले फैला रहे हैं।
पत्रकार को संबोधित करते हुए सोनू कुशवाहा ने बताया कि जगदेव बाबू का नारा था पहले पंक्ति के लोग मारे जाएंगे दूसरी पंक्ति के लोग जेल जाएंगे तीसरी पंक्ति के लोग सत्ता में आएंगे। उसी का परिणाम हुआ कि आज बिहार में लालू यादव एवं नितीश कुमार जैसे व्यक्ति बिहार की गद्दी संभालें। जगदेव प्रसाद जी हमेशा अंतिम पायदान वाले व्यक्ति के उत्थान की बात करते थे वह चाहते थे कि एक समरस समाज का निर्माण हो जिसमें सभी का मान बराबर हो।
आज बिहार सरकार जगदेव बाबू के क्रियाकलापों की उपेक्षा कर रहे हैं जिसका विरोध ज्योतिबा फुले समता परिषद नालंदा करते हैं। जयंती समारोह के पश्चात ज्योतिबा फुले समता परिषद नालंदा के प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी के माध्यम से एक पत्र मुख्यमंत्री बिहार को दिए जिसमें जगदेव जयंती के अवसर पर राजकीय अवकाश की घोषणा का अनुरोध किए।
नेता सोनू कुशवाहा ने कहा कि एक बार फिर समय आ गया जगदेव बाबू के बताएं पद चिन्हों पर चलकर बिहार कि सरकार को बदल कर एक विकास की बात करने वाले किसी भी पद का मोह किसी भी समय त्यागने वाले एक अच्छे नेतृत्व करता की आवश्यकता है जिसमें पूरा गुण माननीय पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा जी में है। बिहार की जनता नालंदा की जनता से बस यही एक अनुरोध होगा जयंती समारोह की सफलता तभी साबित होगी जब जगदेव जीके बताए मार्गों पर चलने वाले बिहार के विकास बात करने वाले के हाथ में बिहार का बागडोर आएगा। ज्योतिबा फुले समता परिषद नालंदा के कार्यकर्ताओं ने माननीय उपेंद्र कुशवाहा को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने का बिगुल मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा से ही फूंका गया।
इस अवसर पर महात्मा फुले समता परिषद के अध्याच्छ सोनू कुशवाहा प्रेम कुमार चंदन अजयकान्त चौधरी धर्मेन्द्र कुशवाहा सचिन कुशवाहा अर्जुन कुशवाह विनोद कुशवाह संजय कुशवाहा फेकु महतो विजय कुशवाह शुभम् कुशवाह नलिन मौर्या फ़ौदारी कुशवाहा उमेश कुशवाहा भारत प्रशाद सिंह सुबोध कुमार सूरज यादव मनोज पासवान राजेश कुशवाहा बच्चू महतो जैकी चौंधरी मोटी लाल निराला चमेली वर्मा पप्पू चौंधरी सुबोध कुमार पंडित रबीन्द्र कुशवाहा चन्दन कुशवाहा विकास कुशवाहा इंदरजीत कुशवाहा टुनटूँन कुशवाहा डॉ चन्द्रदेब प्रशाद हिमांशु धर्मपाल कुशवाहा डब्लू कुशवाहा सुमित कुमार हिन्दू मनीष बाबना शंकर कुशवाहा आशीष ताँति संतोष यादव सौभेन्द्र कुमार आनंद कुशवाहा दिनेश कुशवाहा नंदू शर्मा संजय कुशवाहा चंदन मुखिया अनु मुखिया पिंटू मुखिया वीरू मुखिया और सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित हो शाहिद जगदेव प्रसाद को याद किए
प्रसिद्ध लेखक विनोद घोसाल की किताब छायाजपॉन पर आधारित फिल्म छिपकली अब बन कर पूरी तरह से तैयार है और खबर आ रही है इसे 17 मार्च को देशभर के थियेटरों में रिलीज की जाएगी। स्टूडियोग्राफी इंटरटेनमेंट प्रेजेंट्स व सुआन सिल्वर स्क्रीन द्वारा निर्मित इस फ़िल्म के एक्टर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता यशपाल शर्मा, योगेश भारद्वाज व तनिष्ठा विश्वास हैं। यशपाल शर्मा ने एक इंटरव्यू में छिपकली को अपने करियर की सबसे यादगार फ़िल्म तक कह डाला है। फ़िल्म से जुड़ी विस्तृत जानकारी व इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही कि जाएगी।
फ़िल्म के निर्माता मीमो व सर्वेश कश्यप हैं। फ़िल्म के विषय मे निर्माता मीमो कहते हैं। छिपकली एक फिलॉसॉफिकल थ्रीलर ड्रामा जॉनर की फ़िल्म है। फ़िल्म के जरिये ये बताने की कोशिश की गई है कि समाज में कई ऐसे लोग होते हैं,जो समझते हैं वे कुछ भी करें,किसी को कुछ पता नही चलेगा, लेकिन असलियत में ऐसा होता नहीं है। बल्कि कोई ना कोई हर एक घटनाओं को बारीकी से देख रहा होता है। इस फ़िल्म के ज़रिये हमने ऐसे ही लोगों को सचेत करने की कोशिश की है।
निर्माता सर्वेश कश्यप के अनुसार फ़िल्म की कहानी ही फ़िल्म का हीरो है,जो परत दर परत खुलती है। स्क्रिप्ट काफी काम्प्लेक्स है जिसे देख हर दर्शक रोमांचित होंगे। फ़िल्म देख आप को महसूस होगा बॉलीवुड वाकई बदल रहा है।
फ़िल्म के निर्देशक कौशिक कर हैं। जो बंगाली फ़िल्म व थिएटरों के निर्देशन और अभिनय के क्षेत्र में अपनी खास पहचान रखते हैं। मीमो इस फिल्म के संगीतकार भी है उन्हें संगीत के क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित अवार्ड्स मिल चुके हैं। इस फिल्म के बिजनेसहेड प्रसून बक्शी हैं।
रहुई प्रखंड के मिर्जापुर में गुरूवार को शहीद जगदेव प्रसाद की जयंती धूम-धाम से मनाई गई। शहीद जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उनके बिचार पर चलने का बात कही जयंती समारोह में रहुई प्रखंड के जदयू प्रखण्ड अध्यक्ष संजय कुमार पटेल उर्फ राकेश मुखिया सहित प्रखंड के जदयू के तमाम सक्रिय कार्यकर्ता मौजूद थे। वहीं राकेश मुखिया ने कहा कि शहीद जगदेव प्रसाद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए शहीद जागदेव प्रसाद के पदचिन्हों पर चलने का आग्रह किया।
और उन्होंने कहा कि पहला गैर कांग्रेसी सरकार के पुरोधा जगदेव बाबू पत्रकारिता से अपना जीवन शुरू किया और बेबाकी से समाज के समस्याओं को रखा। समाज में समानता व असमानता को दूर करने के लिए बच्चों को पढ़ाएं और पढ़वाये तभी जगदेव बाबू को सच्चा सम्मान होगा। वहीं जदयू नेता भवानी सिंह ने कहा कि जगदेव बाबू मानव नहीं एक विचारधारा का नाम है। कुछ लड़ाई लड़ी गई है बहुत लड़ना अभी बाकी है।
लोगों को संगठित होने की जरूरत है। इस मौके पर इस मौके पर रहुई प्रखंड प्रमुख बाबूलाल राम उप प्रमुख राकेश रंजन जदयू नेता विजय सिंह सुनील सिंह परमिंदर कुमार जदयू नेत्री रानी देवी लल्लन प्रसाद के अलावे कई जदयू नेता मौजूद रहे
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जिला कांग्रेस नालंदा के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कल पेश हुए बजट पर विशेष रूप से चर्चा करते हुए कहा कि यह बजट पूर्ण रूप से किसान बेरोजगार एवं बिहार के लिए विरोधी बजट है उन्होंने व्यवसाय संबंधित जीएसटी पर चर्चा करते हुए कहा की कई वर्षों से जीएसटी में बदलाव एवं सरलीकरण की मांग की जा रही है लेकिन दिन प्रतिदिन यह व्यवस्था और जटिल होते जा रही है इस पर बजट में कोई चर्चा नहीं हुई ठीक उसी तरह से आयकर के प्रावधानों में भी पिछले दो-तीन बजट में वित्त मंत्री एवं प्रधानमंत्री जी के द्वारा उसे सरल करने पर परिचर्चा होती रही है लेकिन यह दिन-ब-दिन जटिल होते जा रही है जब सरकार के द्वारा जी एस टी लाया जा रहा था तो कहा गया था वन मैन वन टैक्स लेकिन आज आपसे कई तरह के टैक्स वसूले जा रहे हैं
आप सड़क पर चलने का टैक्स दे रहे हैं नगर निगम का टैक्स दे रहे हैं जी एस टी अलग से सभी खारीदारी यहाँ तक की हर चीज में जी एस टी दे रहे हैं फिर ऊपर से आयकर का भार जो है वह अलग ही देना पड़ता है तो कहाँ गई सरकार के वह वादे ,इस बजट में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कोई भी नई चीज नहीं है जिससे कि परोक्ष रूप से उद्योग को फायदा हो खास करके बिहार को इससे दूर रखा गया है बिहार में विशेष राज्य की दर्जा की मांग वर्षों से चली आ रही है इस पर कोई चर्चा नहीं हुई जबकि सरकार को यह चाहिए था कि अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने में कोई कठिनाई है तो यहां के कुछ विशेष हिस्सों में विशेष कोरिडोर बनाकर उसे बढ़ावा देना चाहिए बिहार को छोड़ बाकी दूसरे राज्यों में उद्योगों को बढ़ावा देने की बात होती रही है लेकिन बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने की कोई चर्चा होती ही नहीं है बाकी सभी राज्यों में उद्योग का जाल बिछा हुआ है सिर्फ बिहार में ही कोई उद्योग फल फूल नहीं रहा है
इसे विशेष श्रेणी में लाकर इसे बढ़ावा देने की चर्चाएं होनी चाहिए थी आयकर में नई प्रणाली पर चर्चा करते हुए जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया कि नई प्रणाली में सरकार ने कोई विकल्प नहीं रखा है जबकि पुराने प्रणाली में आयकर में 80/c एवं होम लोन वगैरह में डिडक्शन की सुविधा उपलब्ध थी मध्यम वर्ग के लोग टैक्स बेनिफिट के लिए इन्वेस्टमेंट करते थे जिसका फायदा उन्हें आपातकाल में मिलता था जैसे सरकारी कर्मचारी के द्वारा इपीएफ पीपीएफ में अपने तनख्वाह का एक हिस्सा जमा कर उसका फायदा भविष्य में लोग लेते रहे थे पर इस नई कर प्रणाली में इस तरह के बेनिफिट की सुविधा उपलब्ध नहीं है यानी अगर गौर से देखा जाए तो सरकार के द्वारा व्यवसायियों एवं सरकारी कर्मियों के हिस्सा को मारा जा रहा है कहीं ना कहीं इन्वेस्टमेंट प्लान इपीएफ पीपीएफ और अन्य सुविधा जो जनता को मिलती थी उसमें सरकार की एक बड़ी हिस्सेदारी होती थी जिस पैसा को कर्मचारी इन फंडों में जमा करते थे
सरकार को उसमें और अधिक पैसा जोड़कर उन्हें वापस करना होता था जिसे इस नई प्रणाली में पूर्णताया बंद कर दिया गया है जो कहीं न कहीं सरकार के हक में तो फायदेमंद है लेकिन जनता के हक में सिर्फ नुकसान ही नुकसान है अभी हाल में ही जो कोविड महामारी का प्रकोप देश में आया रोजी रोजगार ठप हो गए कहीं ना कहीं भारत वासियों को वह पूर्व का इन्वेस्टमेंट प्लान ही काम आया व्यवसाई से लेकर सरकारी कर्मी तक अपने पुराने इन्वेस्टमेंट प्लान का फायदा उठाकर उन्होंने उस कोरोना काल को यानी आपदा काल को भी झेल लिया लेकिन अब भविष्य में अगर इस तरह की कोई आपदा आती है तो आम जनता एवं सरकारी कर्मियों का किसी भी इन्वेस्टमेंट प्लान में रुचि नहीं रहेगा क्योंकि आयकर रिटर्न में उसकी सुविधा नहीं मिलेगी अंत में जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बताया कि अगर बारीकी से इस बजट का अध्ययन किया जाए तो गरीब गुरबो के लिए किसानों के लिए बेरोजगार नौजवानों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं की गई है अतः हमारी नजर में यह बजट पूर्णतया निराशाजनक है एवं शिर्फ चुनाव को देखते हुए इसे लोक लुभावन बना कर दिखाया जा रहा है जबकि सही मायने में यह वजट पूर्णतः खोखला है
बिहारशरीफ:-बिहारशरीफ के पचासा चौक स्थित डॉक्टर अंबेडकर पार्क में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के तत्वधान में बाबू जगदेव प्रसाद की चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्प अर्पित कर धूमधाम के साथ जयंती मनाई गई। इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालें और उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिए।
इस मौके पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान एवं प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि बाबू जगदेव प्रसाद का आज के दिन ही 2 फरवरी 1922 को जहानाबाद के समीप कुर्था प्रखंड के कुरारी ग्राम में दांगी समुदाय के परिवार में जन्म लिए थे इनके पिता प्रयाग नारायण पास के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे तथा माता राजकली अनपढ़ थी अपने पिता के मार्गदर्शन में बाबू जगदेव ने मिडिल की परीक्षा पास की कहानी उस नेता की जो शोषितों – पिछड़ों के लिए 100 में 90 की भागीदारी की बात करता था और आंदोलन के क्रम में सरकार के इशारे पर पुलिस की गोली से मारा गया।
भारत के बिहार प्रांत में जन्मे एक क्रांतिकारी राजनेता एवं किसान नेता के रूप में जाने जाते हैं ।इन्हें बिहार लेलिन के नाम से जाना जाता है जिन्होंने एक अच्छे समाज को गढ़ने में जो जान लगा दिया। जिन्होंने एक नारा दिया था,” अबकी सावन भादो में गोरी कलाइयां कादो (कीचड़) में, “90 भाग शोषित है 90 भूभाग हमारा है”। इनकी मृत्यु 5 सितंबर 1974 को पुलिस लॉकअप जहानाबाद में हो गई थी इस मौके पर प्रदेश के उपाध्यक्ष नंदलाल दास जिला महासचिव महेंद्र प्रसाद जिला सह सचिव मोहन चौधरी महेश पासवान भगवान प्रसाद सुभाष चौहान अखिलेश पासवान जितेंद्र यादव बटोरन रविदास सिद्धेश्वर पासवान आदि लोग उपस्थित थे।
बिहारशरीफ– नालंदा जिला के राजगीर प्रखंड स्थित आश्रम कबीर मठ धोबी घाट में स्थापित समाजसेवी मुसाफिर दास जी का प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर 58 वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस जयंती समारोह में वक्ताओं ने समाजसेवी मुसाफिर दास की जीवनी पर अपनी अपनी बातों को रखा ।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि समाजसेवी मुसाफिर दास का जन्म बिहार प्रदेश के नालंदा जिले में चंडी प्रखंड के अरौत ग्राम में एक मोची परिवार में दादा हरिदास पिता गरीबन रविदास माता सुहागी देवी के घर 1 फरवरी 1964 को हुआ था वे एक घूमते फिरते समाजजिक शिक्षक व समाज के अगुआ थे। उनकी शादी परवलपुर प्रखंड के दादूपुर गांव में स्वर्गीय नथुन दास की पुत्री बालेश्वरी देवी के साथ हुई थी। उनके दो पुत्री लक्ष्मीनिया देवी और रुकमणी देवी हुई।
उनकी प्राथमिक शिक्षा अरौत गांव में मध्य विद्यालय की शिक्षा कमल बीघा तथा उच्च विद्यालय वीरनामा से हाई स्कूल एवं स्नातक की शिक्षा रामलखन सिंह यादव महाविद्यालय बख्तियारपुर से किए विख्यात अंबेडकरवादी चिंतक मुसाफिर दास अपने जीवन काल में बौद्धिक कार्यों के जरिए समाज के सबसे उपेक्षित तबके के उत्थान में पूरी निष्ठा के साथ लगे रहे अनुसूचित जातियों जनजातियों और पिछड़ों की समस्याओं को उन्होंने जिले से लेकर प्रदेश के मंच पर उठाने का ऐतिहासिक काम किया समाजसेवी मुसाफिर दास ने फुले और अंबेडकर के शिक्षा के एजेंडे को जीवन भर आगे बढ़ाते रहें हुए सभी को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया उन्होंने अद्भुत प्रथा को उखाड़ फेंकने के लिए कई आंदोलन किए मुसाफिर दास जी ने अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर दिया।
उनमें एक कुशल नेतृत्व करने का क्षमता कूट-कूट कर भरी थी। वे हिंदू मुस्लिम धर्मों में फैली कुरीतियों के सख्त विरोधी थे। समाजसेवी मुसाफिर दास लोगों को कठिन परिश्रम साधारण जीवन और परोपकार की भावना का पाठ पढ़ाते थे और हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करने को कहते थे। मानवता के पुजारी थे उन्होंने संपूर्ण मानव समाज को एक सूत्र में बांधे हुए शांति एवं भाईचारा का संदेश देने के काम किए थे अंत में अचानक समाजसेवी मुसाफिर दास जी को चले जाने से समाज को बहुत क्षति हुई है उनके जगह पर भरपाई करने में अभी समय लगेगा जयंती समारोह में उपस्थित सभी लोगों ने उनके बताए हुए रास्ते पर चलने का संकल्प लिए।
जयंती समारोह की अध्यक्षता बलराम साहेब और उत्तराधिकारी महंत विजय साहब ने की। इस मौके पर प्रोफेसर मिथिलेश कुमार पुरुषोत्तम पांडे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संघर्ष विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल पासवान प्रदेश अध्यक्ष रामदेव चौधरी सुबोध रविदास सरजुग रविदास मुन्ना दास शंभू दास सुरेश कुमार दास सोनू रामदास राजेंद्र दास हीरा रविदास रंजीत राव दास मंजू देवी शोभा देवी सुनीता देवी राम कृष्णा रविदास महंत मुनेश्वर साहेब रविदास पूर्व मुखिया शंकर दास निदेशक संत रविदास आश्रम पटना राजेश्वर प्रसाद समाजसेवी सुरेश प्रसाद अमर कुमार राजबली रविदास आदि लोग उपस्थित थे।
गिरियक थाना क्षेत्र अंतर्गत पंजाब नेशनल बैंक के पास एक इंडिगो सीएस गाड़ी गाड़ी से 9 बोतल रॉयल स्टैग 6 लीटर 750 एमल विदेशी शराब को जप्त किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर थाना प्रभारी संजीव कुमार के नेतृत्व में छापेमारी किया गया। जिसमे घेराबंदी करने के दौरान गाड़ी चालक पुलिस को देखते ही फरार हो गया।
जब गाड़ी को जांच किया गया तो 9 बोतल रॉयल स्टैग इंडिगो गाड़ी की पीछे का सीट के नीचे रखा हुआ पाया गया। वही गाड़ी मालिक का नाम एवं चालक का पता किया जा रहा है। सुबह लगभग समय 10:45 चेकिंग के दौरान 9 बोतल विदेशी शराब जप्त किया गया।
शांतिपूर्ण माहौल में इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू कराने के प्रशासनिक दावे नालंदा में फेल हो गये। परीक्षा के पहले दिन काफी अव्यवस्था और कुव्यवस्था का माहौल बिहारशरीफ शहर में देखने को मिला। बिहारशरीफ के नालंदा काॅलेज, केएसटी काॅलेज, राजकीन कन्या मध्य विद्यालय परीक्षा केंद्र पर छात्रों का हंगामा दिखा।
छात्रों का आरोप था कि महज कुछ समय देर पहुंचने के बाद भी परीक्षा केंद्र के अंदर उन लोगों को प्रवेश करने नहीं दिया गया जिसके कारण छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। सड़क पर आगजनी की, गाडियों में तोडफोड की। इस दौरान छात्रों ने जिलाधिकारी कार्यालय का भी धेराव किया।
छात्रों का कहना था कि करीब सैंकड़ो छात्रों को परीक्षा से वंचित होना पड़ा। केएसटी काॅलेज के पास आक्रोशित छात्रों ने हंगामा किया। इस दौरान वाहन के शीशे फोड़े, सडक पर आगजनी भी की। वही वस्तु स्थिति को देखते हुए इस निर्देश पर डॉक्टर शबरी न माने एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों को परीक्षा केंद्र के बाहर लगाया गया है।