रहुई प्रखंड अंतर्गत पैठना गांव में मानव सेवा केंद्र लोहड़ी के सचिव पुरुषोत्तम कुमार ने उपस्थित लोगों को बताया की बसंत पंचमी प्राकृतिक नमन दिवस सर्वोपरि है और सब इसमें ही समाहित है प्रकृति सब में है और प्रभु और प्रकृति का सानिध्य भी है पृथ्वी बंद जल पर्यावरण जैसे दिवस इन विषयों पर केंद्रित रहते हैं परंतु इन सब के साथ हम प्रकृति को लेकर कभी चिंतन नहीं करते प्रकृति पृथ्वी तक ही सीमित नहीं बल्कि या ब्रह्मांड से भी आगे हैं और हमारे सोच की सीमाओं से भी ऊपर है अपने देश में प्रकृति की समझ कुछ बसंत पंचमी में दिखाई देती है।
जब भोजन वस्त्र मौसम सब बदलते हैं। इसलिए आवश्यक हो जाता है कि दुनिया को देश का यह परिचय प्रकृति नमन के रूप में दिया जाना चाहिए जिसमें इस प्रकृति दिवस के रूप में अगर नमन करेंगे तो इसकी समझ व्यापक होगी और यह दिन मात्र एक जारी पाव ही नहीं होगा बल्कि सबके समझने का एक कारण भी बनेगा इस 14 फरवरी को बसंत पंचमी प्रकृति मैं प्रकृति को भी नमन कर प्रकृति के उपकारों को प्रणाम करें इसी कर्म में मानव सेवा केंद्र लोहड़ी और ग्राम नियोजन केंद्र बस्ती के संयुक्त तत्वाधान में बस्ती में फलदार पौधों लगाया गया इससे लोगों को बसंत पांच बसंत पंचमी के यादगार बनाने का प्राकृतिक दिवस के रूप में एक संदेश दिया गया ग्राम नियोजन केंद्र के सचिव बहुत कुमार पांडे है बताया कि आज प्राकृतिक दिवस पूरे देश में बसंत पंचमी के रूप में मनाई जाती है जो हम लोगों को बसंत पंचमी को प्राकृतिक दिवस के रूप में अपने जीवन को जीवन में समाहित करना चाहिए इस कार्यक्रम में विक्की कुमार अंकित कुमार सुबोध कुमार पांडे पंकज पांडे माही कुमारी राजो दास गौतम कुमार माननीय कुमारी के अलावे कई लोग शामिल थे।