लोक जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार एवं नालन्दा विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया लोदीपुर गांव पहुंचे। जहां उन्होंने मृतकों के स्वजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी। और 11 हजार रुपए की धनराशि सहयोग के रूप में प्रदान किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के गृहक्षेत्र में जिस तरह से भू माफियाओं की लूट मची है। उसका नतीजा है लोदीपुर हत्याकांड। इस कांड के चर्चित जमीन की गलत तरीके से रसीद निर्गत करवाना इस घटना का कारण बना। जिसकी जानकारी शासन और पुलिस को भी थी। और इतना सबकुछ होते हुए भी यह नरसंहार हो जाता है। यह घटना सुशासन की सरकार की वीभत्स तस्वीर है। जिसकी जबावदेही भी इन्हीं पर है। अगर नीतिश सरकार की सुशासन व्यवस्था मजबूत होती। तो अब तक पांचो ग्रामीण की हत्यारे जेल की सलाखों के पीछे होते। वहीं घटना के पहले इस जमीन की चल रहे लंबे विवाद का निपटारा कराने को लेकर जमीन के बाजिव हकदारों को उनका कब्जा दिला दिया जाता।
लेकिन जिस तरह से अवैध तरीके से जमीन का कब्जा दस्तावेज बनाकर खेल चल रहा है। उस खेल की भेंट पांच परिवार के सदस्य चढ़ गए। मृतकों के परिवार तथा बच्चों को खाने के लाले पड़े हैं। एक घर के बच्चे तो बिल्कुल अनाथ हो गए। उनकी शिक्षा दीक्षा तथा परवरिश कैसे होगी। और घर परिवार कैसे चलेगा। इस बात की चिंता गृहजिला क्षेत्र के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं महसूस हो रही है। यह भी एक बड़ी चिन्ता का विषय है। अंत में उन्होंने कहा कि इन सब बातों से सरकार को सारोकार होता। तो यह सवाल खड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि मृतकों के बच्चों की शिक्षा दीक्षा की जिम्मेदारी मैं अपनी पार्टी की ओर से उठाने का जिम्मा लेता हूं। और अतिशीघ्र स्पीडी ट्रायल कर जमीनी विवाद का निपटारा एवं इस घटना में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने की सरकार से माँग करता हूं।
नालन्दा विधानसभा पूर्व प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार उर्फ छोटे मुखिया ने कहा कि इस घटना की मैं घोर भर्त्सना करता हूं। निहत्थों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर उन्हें मौत के घाट उतार देना सभ्य समाज के लिए घातक है। इस घटना को अंजाम देने वाले सभी अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने तत्कालीन छबिलापुर थानाध्यक्ष पर आरोप लगाया। कहा कि उनकी भूमिका संदेहास्पद है। कहा कि उनकी भू बिचौलिया के रूप में मुझे लोगों द्वारा लगातार शिकायत मिलती रही है। उन्होंने कहा कि सुशासन का ढोल पीटने वाले सरकार के प्रतिनिधियों के नुमाइंदों ने बिना जांच परख किए हीं अवैध ढंग से लोदीपुर कांड के चर्चित विवादित जमीन की रसीदें निर्गत कर दिए। फलस्वरूप इतने बड़े हत्याकांड की घटना हो गई। जिससे मृतक के आश्रितों और उनके बाल बच्चों के समक्ष जीविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गई।