Saturday, September 21, 2024
Homeब्रेकिंग न्यूज़एनक्वास पर काम करने के लिए दिशा निर्देश देने पहुंचे नेशनल मेंटर,...

एनक्वास पर काम करने के लिए दिशा निर्देश देने पहुंचे नेशनल मेंटर, 6 विभाग पर किया

एनक्वास पर काम करने के लिए दिशा निर्देश देने पहुंचे नेशनल मेंटर, 6 विभाग पर किया जाएगा काम
बदलाव के लिए खुद में लाना होगा बदलाव, सर्टिफकेशन के लिए क्वाईलिटी जरूरी सिटी रिपोर्टर। बिहारशरीफ
स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभाग द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि सर्टिफकेशन के बाद स्वास्थ्य केन्द्र को विभाग से आर्थिक सहयोग भी मिले और मरीजों को भी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराया जा सके। फिलहाल क्वाईलिटी इम्प्रुभमेंट के लिए लक्ष्य, कायाकल्प, सुमन जैसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लेकिन सभी कार्यक्रमों को मिलाकर एनक्वास (नेशनल क्वाईलिटी एसुरेंस स्टैंडर्ड) बनाया गया है। अगर एनक्वास को क्वाईलिफाय कर लिया जाता है तो क्वाईलिटी इम्प्रुभमेंट से जूड़े सभी कार्यक्रम सफल हो जाएंगे। एनक्वास पर सफलता पाने के लिए बुधवार को नेशनल मेंटर सदर अस्पताल पहुंचे तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ सभी विभागों को बारिकी से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जो-जो कमियां पाई गई उसमें सुधार लाने की आवश्यकता जताई। साथ ही क्या-क्या समस्याएं आ रही है उसपर भी विचार लिया। निरीक्षण के दौरान नेशनल मेंटर डॉ. एके पालिवाल ने लेवर रूम, एसएनसीयू, ईमरजेंसी, ओटी समेत अन्य विभाग को देखा।

एनक्वास पर काम करने के लिए दिशा निर्देश देने पहुंचे नेशनल मेंटर, 6 विभाग पर किया

उन्होंने कहा कि काम अच्छा हुआ है लेकिन इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। अगर थोड़ बहुत सुधार कर लेते हैं तो एनक्वास में सफलता मिल सकती है। निरीक्षण के क्रम में सौरभ मजुमदार, केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. संजय महापात्रा, डॉ. लवली कुमारी, डॉ. रूबी, हेमंत कुमार आदि शामिल थे।
खुद को करना होगा डेवलप नेशनल मेंटर ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में डेवलप करने के लिए पहले खुद को बदलना हाेगा। कोई भी काम करने से पहले लक्ष्य को तय करना होगा तभी सफलता मिलेगी। किसी भी कार्यक्रम के सर्टिफिकेशन के लिए डेवलपमेंट जरूरी है। विभाग में जो स्पेश है उसका सही इस्तेमाल करें। बेहतर काम के लिए आपसी समन्वय जरूरी है। अगर एनक्वास में जिला अस्पताल को सर्टिफिकेशन हो जाता है तो प्रत्येक साल डेवलपमेंट के लिए राशि भी मिलेगी।
दी गई सलाह निरीक्षण के क्रम में नेशनल मेंटर ने गुणवक्ता में सुधार के लिए कई सलाह भी दिए। ओटी में लगाए गए टाईल्स को पूरे दिवाल में लगाने की सलाह दी। दोनो टाइल्स के बीच जो भी गैपिंग है उसे भरने का भी निर्देश दिया ताकि किसी प्रकार का इंफेक्शन नहीं फैले। एसएनसीयू में भी मदर टिचिंग व्यवस्था को और बेहतर बनाने की सलाह दी। इसी प्रकार अन्य विभाग में भी सुधार के लिए अवश्यक सुझाव दिए। 6 विभाग पर करना होगा काम
केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. संजय महापात्रा ने बताया कि एनक्वास के तहत किसी भी छह विभाग पर काम करना होता है। जिस विभाग की स्थिति बेहतर है उसे चयन कर डेवलप करना होता है। यूं तो सदर अस्पताल में 16 विभाग होता है। लेकिन जिस विभाग में आसानी से डेवलप कर सकते हैं वैसे छह विभाग का चयन किया गया है जिसमें एसएनसीयू, लेवर रूम, ओटी, प्रसाशनिक एवं पिडियाट्रीक विभाग शामिल है। इन सभी विभागों में काफी काम किया गया है। थोड़ा बहुत इम्प्रुवमेंट की आवश्यकता है, उसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। डीएस को बजट की जानकारी नहीं
नेशनल मेंटर को डीएस डॉ. आरएन प्रसाद ने बजट संबंधित जानकारी की समस्या सुनाई। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में किसी भी कार्यक्रम के तहत व्यवस्था सुधार के लिए विभाग द्वारा जो बजट आता है उसकी जानकारी डीएस को नहीं दी जाती है। इस कारण कहां-कहां कितना काम करना है उसका पता नहीं चल पाता है। इसपर नेशनल मेंटर ने कहा कि पीएफआई में सभी कार्यक्रमों का बजट अंकित रहता है। किसी से पुछने की जरूरत नहीं है। उन्होंने केयर इंडिया को बजट का लिस्ट उपलब्ध कराने क बात कही।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments