बाबा मणिराम लंगोट मेला के अंतिम दिन बजरंग दल ने धूमधाम से शोभायात्रा निकाली। भव्य जुलूस के बाद बाबा की समाधी पर लंगोट अर्पण कर देश व राज्य की सुख-शांति की कामना की। यात्रा के दौरान केसरिया रंग में रंगे लोगों की भीड़ से बिहारशरीफ का रांची रोड पट गया। बजरंग दल एवं विश्व हिन्दु परिषद द्वारा मंगलवार को गाजे-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा में सबसे आकर्षण का केन्द्र केसरिया रंग से रंगा 108 फीट का लंगोट रहा। इस चर्चित जुलूस को देखने के लिए सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जुलूस को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ श्रम कल्याण मैदान में जमा होने लगा। और करीब 2:30 बजे पूरे गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाला गया। बजरंग दल के अलावा जुलूस में संघ से जुड़े संगठनों के लोग व शहर के युवा शामिल थे। उत्साह से लबरेज युवा जयश्री राम और बाबा मणिराम का जयकारा लगा रहे थे। इस दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी थी। बीडीओ अंजन दत्ता ने खुद जुलूस के साथ रहकर इसकी कमान संभाल रखी थी।
श्रमकल्याण केन्द्र से निकली शोभायात्रा :-
शोभायात्रा की शुरुआत शहर के श्रमकल्याण केन्द्र के मैदान से हुई। शहर के भरावपर व गगनदीवान होते हुये जुलूस मणिराम अखाड़ा पहुंचा। डीजे की धुन पर विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ता जमकर झुमे तथा जयश्री राम के नारे लगाते युवकों की टोली भी अपने में मस्त थी। आगे-आगे 108 फीट का लंगोट और पीछे भक्ति गीज पर झुमते कार्यकर्ताओं की टोली इस शोभात्रा को आकर्षित बना रहे थे।
महान योद्धा व संत थे बाबा मणिराम :-
विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री प्रोफेसर आनंदी कुमार ने कहा कि बख्तियार खिलजी द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय को जलाये जाने के बाद हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ गया था। तब धर्म की नगरी अयोध्या से हिन्दू संस्कृति को बचाने के लिए महान योद्धा व संत बाबा मणिराम को नालंदा की धरती पर भेजा गया था। उन्होंने आध्यात्म व कुश्ती के माध्यम से लोगों को जागृत किया और हिन्दू धर्म का प्रचार किया। बजरंग दल के जिला संयोजक धीरज कुमार ने युवाओं से बाबा मणिराम के पदचिन्हों पर चलने की अपील की। जुलूस के साथ विहिप के प्रांत प्रशासनिक संपर्क प्रमुख राम बहादुर सिंह, विभाग मंत्री प्रोफेसर जयशंकर प्रसाद, जिला सह मंत्री धर्मवीर कुमार, गौरव कुमार, कुंदन कुमार, कुंदन महतो, रोहित, बिट्टू, पंचम, आदि शामिल थे।
सुरक्षा में लगी थी पुलिस
जुलूस के दौरान किसी प्रकार के अप्रिय वारदात न हो इसके लिए पुलिस बल को पूरी तरह अलर्ट कर दिया गया था। हलांकि पूर्व के भांती इस वर्ष काफी कम भीड़ रहने के कारण किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। सुरक्षा में लगे अधिकाारियों ने भी राहत की सांस ली।